यूपी में तेजी से पांव पसार रहा साइबर अपराध, इंटरनेट मीडिया पर छोटी सी चूक और फिर मुसीबत ही मुसीबत

Cyber Crime इंटरनेट मीडिया पर अलग-अलग साइबर गिरोह सक्रिय हैं। खासकर इकोनामिक फ्राड के केस तेजी से बढ़ रहे हैं। अब मोबाइल पर काल करने के बजाए साइबर अपराधी इंटरनेट मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म पर भी गहरी पैठ बना चुके हैं।

By Umesh TiwariEdited By: Publish:Fri, 27 Aug 2021 06:30 AM (IST) Updated:Fri, 27 Aug 2021 08:49 AM (IST)
यूपी में तेजी से पांव पसार रहा साइबर अपराध, इंटरनेट मीडिया पर छोटी सी चूक और फिर मुसीबत ही मुसीबत
यूपी में इंटरनेट मीडिया पर अलग-अलग साइबर गिरोह सक्रिय हैं।

लखनऊ [आलोक मिश्र]। मैं सैन्यकर्मी हूं, मकान किराये पर चाहिए। .....आपका पेंशन खाता अपडेट करना है, कुछ सूचनाएं जल्द दीजिए नहीं तो खाता ब्लाक हो जाएगा। ....नौकरी चाहिए तो यहां रजिस्ट्रेशन कराएं। इंटरनेट मीडिया पर ऐसे संदेश या फोन काल पर ऐसा जुमला सुनते ही सावधान हो जाइये। अपने नुकसान के डर या लालच में आकर कोई कदम उठाने से पहले सौ बार सोचिए।

स्मार्टफोन के जरिये दुनिया भले ही आपकी मुठ्ठी में है, पर यहां एक चूक से जेब ढीली होने में समय नहीं लगेगा। इतना ही नहीं, अजनबी से दोस्ती के बाद उसकी वीडियो काल रिसीव करते ही आप ब्लैकमेल करने वाले गिरोह के चंगुल में भी फंस सकते हैं। हाल ही में सचिवालय सेवा के एक अधिकारी भी ऐसी मुसीबत में फंसे। फेसबुक पर अजनबी से दोस्ती और उसकी वीडियो काल रिसीव करते ही आपत्तिजनक वीडियो के खेल में फंस गए। अब मामले की पुलिस जांच चल रही है।

इंटरनेट मीडिया पर अलग-अलग साइबर गिरोह सक्रिय हैं। खासकर इकोनामिक फ्राड के केस तेजी से बढ़ रहे हैं। अब मोबाइल पर काल करने के बजाए साइबर अपराधी इंटरनेट मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म पर भी गहरी पैठ बना चुके हैं। उनके हौसले इतने बुलंद हैं कि बीते दिनों मुख्य सचिव राजेंद्र तिवारी की फर्जी फेसबुक आइडी बनाकर ठगी के प्रयास का मामला तक सामने आया। सेवानिवृत्त पुलिसकर्मियों को पेंशन खाता अपडेट करने का झांसा देकर उनके खातों से लाखों रुपये उड़ाने वाला गिरोह भी दबोचा गया। ऐसे कई ऐसे मामले भी हैं, जहां पुलिस के लिए साइबर अपराधियों तक पहुंचना चुनौती है।

बढ़ते साइबर अपराध पर अंकुश लगाने के लिए उत्तर प्रदेश में लखनऊ और गौतमबुद्धनगर में साइबर थाना खोला गया था, जिसके बाद अब 16 और रेंज मुख्यालयों में साइबर थाने स्थापित किए जा चुके हैं, ताकि हर जिले में एक साइबर थाना वजूद में आ सके। पुलिस के आंकड़े खुद गवाह हैं कि साइबर अपराध किस रफ्तार से बढ़ रहा है। इस वर्ष अब तक साइबर अपराध की 5077 से अधिक शिकायतें सामने आ चुकी हैं। ऐसे में पुलिस के प्रयासों के साथ लोगों का इनके प्रति जागरूक होना भी बेहद जरूरी है। एडीजी साइबर क्राइम राम कुमार का कहना है कि बढ़ती शिकायतों के दृष्टिगत जांच के लिए संसाधन भी बढ़ाए जा रहे हैं। जल्द हर जिले में साइबर थाना खोले जाने की योजना है।

आंकड़ों की नजर में साइबर अपराध वर्ष : मुकदमे 2019 : 10,341 2020 : 11,772 2021 : 5077

बढ़तीं शिकायतें : नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल (एनसीसीआरपी) के जरिये साइबर क्राइम की 54,100 से अधिक शिकायतें आई हैं। 564 में मुकदमे पंजीकृत किए गए और 16720 शिकायतों में अभी जांच चल रही है। पोर्टल के जरिये साइबर फाइनेंशिल फ्राड की वर्ष 2019 में अगस्त से दिसंबर माह के मध्य 1948 शिकायतें आई थीं। वर्ष 2020 में 17,261 शिकायतें आईं, जबकि इस वर्ष अब तक 24,071 शिकायतें आ चुकी हैं।

इन बातों का रखें ध्यान

आनलाइन शापिंग के लिए प्रतिष्ठित वेबसाइट के अलावा अनजान वेबसाइट को चुनने से बचें। जब भी अपना रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर खाते से बदलें तो उसकी लिखित सूचना बैंक को जरूर दें। इंटरनेट मीडिया पर अंतरंग फोटो शेयर करने से बचें, अधिक निजी फोटो साझा न करें। अजनबी के नंबर से आ रही वीडियो काल रिसीव करने से बचें। फोन पर बैंक डिटेल या पिन कोड किसी को न बताएं। कोई बैंक फोन करके या ई-मेल के जरिये आपका पासवर्ड कभी नहीं पूछता। पासवर्ड में कैपिटल व स्माल लेटर के साथ ही सिंबल का प्रयोग जरूर करें। पासवर्ड बेहद आसान न बनाएं

हेल्पलाइन नंबर 155260 पर मांगें मदद : साइबर ठगी के शिकार लोग अब टोल फ्री नंबर 155260 पर काल कर शिकायत दर्ज करा सकते हैं। इसे यूपी 112 से भी जोड़ा जा चुका है। 112 पर काल करने पर भी इस नंबर से जुडऩे की सुविधा है। फाइनेंशल फ्राड होने की स्थिति में इस नंबर पर काल करने पर ठगी गई रकम को बैंक में ही फ्रीज कराने की भी सुविधा है।

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