Cyber Crime in UP: झारखंड में बैठे साइबर अपराधियों के पास पहुंचा लखनऊ के सचिवालय कर्मियों का डाटा, ऐसे लगा रहे खातों में सेंध

Cyber Crime in UP झारखंड में बैठे जालसाज सीयूजी नंबर पर फोन कर खातों में लगा रहे सेंध। ठगों के गिरोह के बारे में जानकारी जुटा रही साइबर सेल। पुलिस टीम ने दो माह पहले एक गिरोह का भंडाफोड़ भी किया था।

By Divyansh RastogiEdited By: Publish:Wed, 24 Feb 2021 10:36 PM (IST) Updated:Thu, 25 Feb 2021 06:25 AM (IST)
Cyber Crime in UP: झारखंड में बैठे साइबर अपराधियों के पास पहुंचा लखनऊ के सचिवालय कर्मियों का डाटा, ऐसे लगा रहे खातों में सेंध
Cyber Crime in UP: झारखंड में बैठे जालसाज सीयूजी नंबर पर फोन कर खातों में लगा रहे सेंध।

लखनऊ, जेएनएन। Cyber Crime in UP: साइबर अपराधियों का मनोबल इस कदर बढ़ गया है कि वह सरकारी कर्मचारियों के खातों में सेंध लगाने से भी बाज नहीं आ रहे। ठगों के गिरोह के पास सचिवालय कर्मियों का डाटा पहुंच गया है। ठग सीयूजी नंबर पर फोन कर लोगों को झांसे में ले रहे हैं और उनके खाते से रकम पार कर दे रहे हैं। 

खास बात यह है कि ठग सचिवालय के कर्मचारियों को उनके बैंक शाखा के किसी कर्मचारी का नाम बताकर फोन करते हैं। इससे लोग उनके झांसे में आ जाते हैं। पिछले कुछ दिनों में सात कर्मचारियों के खाते से रुपये निकलने की बात सामने आई है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि झारखंड व दिल्ली में बैठकर जालसाज सचिवालय के कर्मचारियों को फोन करते हैं। गिरोह के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। पुलिस टीम ने दो माह पहले एक गिरोह का भंडाफोड़ भी किया था। 

डाटा बेचने का शक: साइबर अपराधियों के पास सरकारी कर्मचारियों का नाम व मोबाइल नंबर कैसे पहुंचा, इसको लेकर सवाल उठ रहे हैं। माना जा रहा है कि विभाग के कर्मचारियों का डाटा ठगों को बेचा गया है। इससे पहले भी बैंक के कर्मचारियों की मिलीभगत से लोगों के खातों का ब्योरा बेचने की बात सामने आ चुकी है। 

संसाधनों की कमी का बहाना: साइबर अपराधी बेहद सक्रिय हैं। हर रोज लोगों की गाढ़ी कमाई हड़पी जा रही है, लेकिन पुलिस इन अपराधियों को गिरफ्तार नहीं कर पा रही। पुलिसकर्मी संसाधनों की कमी का बहाना कर चुप्पी साध लेते हैं। यही वजह है कि साइबर क्राइम की घटनाओं पर नकेल नहीं लग पा रही है। वर्ष 2020 में 2700 से अधिक लोग साइबर क्राइम के शिकार हुए थे। यह आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। 

chat bot
आपका साथी