साइबर अपराधियों ने हैक की लखनऊ नगर निगम की आइडी, फर्जी जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र में हो सकता है बड़ा खेल
आइडी हैक करने वाले ने अपना मोबाइल नंबर डाल रखा था जिस कारण नगर निगम के ऑपरेटर को प्रमाण पत्र जारी होने की जानकारी नहीं मिल रही थी। वह कहते हैं कि आइडी हैक होने से कोई भी व्यक्ति किसी भी शहर में फर्जी जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र बनवा सकता है।
लखनऊ, जागरण संवाददाता। साइबर अपराधियों के निशाने पर अब नगर निगम भी आ गया है। हैकरों ने जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र की आइडी को हैक करके जन्म-मृत्यु के कई प्रमाण पत्र बना लिए। इसकी जानकारी मिलते ही सुरक्षा को लेकर नगर निगम भी सक्रिय हो गया है। आइडी हैक कर फर्जी तरह से जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र बनने की जानकारी नगर निगम में आई थी। नगर निगम जोन -तीन के जोनल अधिकारी रहे राजेश सिंह कहते हैं कि सीएमओ दफ्तर से ही आइडी दी जाती है। शिकायत के आधार पर जांच की गई तो पता चला कि नगर निगम की तरफ से जिन जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र को जारी ही नहीं किया गया था, वह भी दिख रहे थे।
आइडी हैक करने वाले ने अपना मोबाइल नंबर डाल रखा था, जिस कारण नगर निगम के ऑपरेटर को प्रमाण पत्र जारी होने की जानकारी नहीं मिल रही थी। साइबर सेल को भी सूचना दे दी गई है। वह कहते हैं कि आइडी हैक होने से कोई भी व्यक्ति किसी भी शहर में फर्जी जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र बनवा सकता है। हकीकत में नगर निगम के किसी एक जोन का मामला नहीं है। अगर हैक आइडी का दुरुपयोग होता है तो उन लोगों को परेशानी हो सकती है जिन्हें जीवित रहते हुए मृत घोषित कर दिया जाएगा। इसी तरह का खेल आजमगढ़ में कई साल पहले हुआ था। जीवित होने के बाद भी तमाम लोग सरकारी अभिलेखों में मृत घोषित हो गए थे। लोगों ने खुद को जीवित साबित करने के लिए लंबी लड़ाई लड़ी थी।
'जानकारी में आया है कि जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र की आइडी हैक हो गई है। यह भी पता चला है कि हैक करने के बाद आइडी से कई फर्जी प्रमाण पत्र बनवा लिए गए हैं। सभी बनाए गए जन्म मृत्यु प्रमाण पत्रों की जांच कराई जा रही है। - डा. एसके रावत, नगर स्वास्थ्य अधिकारी
यह खेल हो सकता है : जानकार बताते हैं कि आइडी हैक होने से अगर बड़े पैमाने पर मृत्यु प्रमाण पत्र बन गए तो बड़ी आफत हो सकती है और किसी को भी मृत दिखाकर उसकी संपत्ति हड़पी जा सकती है या फिर अगर कोई सरकारी कर्जदार है तो वह खुद को मृत दिखाकर कर्ज से मुक्त हो सकता है। अपराधी को भी मृत दिखाकर केस को बंद कराया जा सकता है। इसी तरह फर्जी जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र से उम्र को कम दिखाया जा सकता है।