'CCTNS' से स्मार्ट बनेगी पुलिस केस डायरी भी होगी पेपरलेस Sitapur News
सीतापुर में 2016 बैच के पुलिस उप निरीक्षकों को सीसीटीएनएस की दी जा रही ट्रेनिंग। फॉरेंसिक साक्ष्यों के अभाव में भी अपराधी को सजा दिलाने पर फोकस।
सीतापुर [अनुपम सिंह]। अब थानों में कागज पर केस डायरी लिखने के दिन लदने वाले हैं। शहर के पीटीसी (पुलिस ट्रेनिंग केंद्र) में प्रशिक्षण ले रहे उप निरीक्षकों को इसका प्रशिक्षण दिया जा रहा है। उन्हें क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम (सीसीटीएनएस) सिखाया जा रहा है। इससे पुलिसिंग स्मार्ट और केस डायरी पेपरलेस होगी।
थानों में सीसीटीएनएस लागू होने के बाद तफ्तीश लिखने से लेकर चार्जशीट फाइल करने की पूरी प्रक्रिया कंप्यूटर से होगी। 2016 में सीधी भर्ती परीक्षा पास करने वाले पुलिस और पीएसी के दारोगा की पीटीसी में ट्रेनिंग हो रही है। प्रशिक्षण के बाद वे जिलों में तैनात किए जाएंगे।
निर्भया और आरुषि हत्याकांड भी पाठ्यक्रम में :
मानवाधिकार, पुलिस रेगुलेशन, विवेचना, साइबर अपराध, कंप्यूटर प्रशिक्षण, लैंगिक समवेदीकरण आदि के साथ चर्चित आरुषि हत्याकांड और 2012 में दिल्ली में हुए निर्भया कांड को पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है। उन्हें इसका प्रशिक्षण दिया जा रहा है कि कैसे बिना किसी चश्मदीद गवाह के फॉरेंसिक साक्ष्यों के आधार पर तलवार दंपती को सजा दिलाई गई थी। इसी तरह निर्भया कांड में किस तरह की विवेचना की गई, जिससे गुनहगारों को सजा मिली।
ये सिखा रहे हैं स्मार्ट पुलिसिंग
एसपीओ राकेश श्रीवास्तव, प्रदीप मिश्रा, आरके तिवारी, डिप्टी एसपी शबीह हैदर, सीओ शिवनारायण यादव, रिटायर्ड सब इंस्पेक्टर सूर्यवत्स सिंह चंदेल इनडोर ट्रेनिंग दे रहे हैं।
आंकड़ों पर एक नजर :
पुलिस ट्रेनर एटीसी सूर्यवत्स सिंह चंदेल ने बताया कि 'कई जिलों के दारोगाओं को प्रशिक्षित किया जा रहा है। अधिक फोकस सीसीटीएनएस पर है। 2016 बैच के ये सभी दारोगा इसमें परिपक्व हो जाएंगे तो केस डायरी पेपरलेस होगी।