Lucknow COVID-19 News: केजीएमयू में पत्नी ने पति और बेटे के सामने दम तोड़ दिया, आक्सीजन खत्म होने से गई जान

लखनऊ के आलमनगर के अशोक विहार के रहने वाले सुरेंद्र कुमार को हमेशा ये बात सालती रहेगी कि अस्पताल में अगर सब कुछ सही से हो जाता डाॅक्टर एक बार पत्नी को ठीक से देख लेते तो शायद आज उनका घर वीरान नहीं होता।

By Rafiya NazEdited By: Publish:Sun, 16 May 2021 03:55 PM (IST) Updated:Mon, 17 May 2021 07:23 AM (IST)
Lucknow COVID-19 News: केजीएमयू में पत्नी ने पति और बेटे के सामने दम तोड़ दिया, आक्सीजन खत्म होने से गई जान
केजीएमयू में इलाज में लापरवाही से गई कोविड पॉजिटिव पत्नी की जान।

लखनऊ [दुर्गा शर्मा]। आलमनगर के अशोक विहार के रहने वाले सुरेंद्र कुमार को हमेशा ये बात सालती रहेगी कि अस्पताल में अगर सब कुछ सही से हो जाता, डाॅक्टर एक बार पत्नी को ठीक से देख लेते तो शायद आज उनका घर वीरान नहीं होता। गम और गुस्से के मिश्रित भाव के साथ वह बोले, केजीएमयू में पत्नी ने मेरे और बेटे के सामने दम तोड़ दिया पर डाॅक्टरों ने एक नहीं सुनी।

सुरेंद्र कुमार के अनुसार मेरी पत्नी कमला कान्ती को सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। उनका आक्सीजन लेवल 77 प्रतिशत था। हम लोग उन्हें 27 अप्रैल को केजीएमयू के ट्रामा सेंटर में करीब शाम सात बजे लेकर पहुंचे। वार्ड संख्या एसएचए 1 में भर्ती कराया गया। उनका कोविड टेस्ट निगेटिव था। भर्ती होने के बाद कुछ दवाइयां दी गईं और आॅक्सीजन मास्क लगा दिया गया। रात दो बजे तक वह मुझसे और बेटे से आराम से बातें करती रहीं। रात दो बजे के बाद उनकी तबीयत बिगड़ने लगी। शायद उनका आॅक्सीजन सिलिंडर खाली हो चुका था। मैं घबरा गया, मैंने उस समय वहां मौजूद चिकित्सक को बताया। डाॅक्टर ने आक्सीजन आपूर्ति चेक करने की बजाए कह दिया- वार्ड ब्वाॅय से कहो, ये उसका काम है। मैं गिड़गिड़ाने लगा तो जवाब मिला चाहो तो दूसरे अस्पताल ले जाओ। रात दो बजे मैं पत्नी को कहां ले जाता।

पत्नी हांफने लगीं। मैं और बेटा उनके शरीर को दबा-दबाकर उनकी उखड़ती सांसों को रोकने की नाकामयाब कोशिश भी करते जा रहे थे। हमने तमाम विनती की, पर डाॅक्टरों के कान पर जूं तक नहीं रेंगी। मेडिकल स्टाफ से बार-बार अनुरोध करने के बाद भी उन्होंने न तो आइसीयू, न ही वेंटिलेटर पर शिफ्ट किया। हम दोनों बाप, बेटे लाचार और बेबस होकर मेडिकल स्टाफ की संवेदनहीनता और लापरवाही देखते रहे। अंततः पत्नी की 28 अप्रैल को भोर 4ः30 बजे मृत्यु हो गई। चिकित्सकों की लापरवाही ने उन्हें मार डाला।

ईएनटी विभाग के स्टूडेंट के भरोसे सांस का मरीज: सुरेंद्र कुमार ने डाॅक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए चैाक कोतवाली में तहरीर भी दी है। सुरेंद्र कुमार के अनुसार मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने वाले मेडिकल आॅफिसर-कैजुयल्टी व उस समय ड्यूूटी पर तैनात डाॅक्टर पत्नी की मौत के लिए जिम्मेदार हैं। सुरेंद्र कुमार बताते हैं, बाद में जब पता किया तो मालूम चला उस समय ड्यूटी पर तैनात डाॅक्टर ईएनटी विभाग का था और अभी अध्ययनरत है। ईएनटी विभाग के स्टूडेंट के भरोसे सांस की रोगी मेरी पत्नी को मरने के लिए छोड़ दिया गया।

chat bot
आपका साथी