COVID-19 Situation in Lucknow: वेंटिलेटर पर लखनऊ की स्वास्थ्य व्यवस्था, सड़क पर मरीज

राजधानी में स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है। बेड बढ़ाए जाने का एलान सिर्फ कागजी दावा साबित हो रहा है। एल-3 व एल-2 श्रेणी में बेड की किल्लत लगातार बने रहने से मरीजों की जान मुश्किल में पड़ रही है। आक्सीजन सिलिंडर को दर-दर भटक रहे मरीज के तीमारदार।

By Rafiya NazEdited By: Publish:Sun, 18 Apr 2021 08:32 AM (IST) Updated:Sun, 18 Apr 2021 08:32 AM (IST)
COVID-19 Situation in Lucknow: वेंटिलेटर पर लखनऊ की स्वास्थ्य व्यवस्था, सड़क पर मरीज
लखनऊ के ज्यादातर मेडिकल स्टोरों से कोविड संबंधी दवाएं गायब।

लखनऊ, जेएनएन। राजधानी में स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है। बेड बढ़ाए जाने का एलान सिर्फ कागजी दावा साबित हो रहा है। एल-3 व एल-2 श्रेणी में बेड की किल्लत लगातार बने रहने से मरीजों की जान मुश्किल में पड़ रही है। अभी भी काफी संख्या में गंभीर मरीज 24 से 48 घंटे तक इंतजार के बाद भी एंबुलेंस नहीं पा रहा हैं। बहुत से मरीजों को जिन्हें सुबह अथवा एक दिन पहले अस्पताल आवंटन की बात कही गई, उसके बाद से वह भी इलाज व भर्ती के इंतजार में निराश हो रहे हैं। अस्पतालों में आक्सीजन आपूर्ति लगातार बाधित हो रही है। कई जगहों पर मरीज आक्सीजन के अभाव में दम तोड़ रहे हैं। वहीं अस्पतालों में जगह नहीं मिलने से जो मरीज घर पर ही आक्सीजन सिलिंडर मंगवा कर जिंदगी की अलख जला रहे थे। अब बाजारों में सिलिंडर खत्म होने से उनकी भी जिंदगी की लौ बुझने लगी है। मतलब साफ है लखनऊ में स्वास्थ्य व्यवस्था वेंटिलेटर पर जा चुकी है और मरीज सड़क पर व घरों में पड़े हुए तड़प रहे हैं व दम तोड़ रहे हैं।

दिन भर प्रयास के बाद नहीं मिला आक्सीजन : गोमतीनगर निवासी विवेक के घर के सदस्य कोरोना संक्रमित हो गए हैं। उनका भी आक्सीजन स्तर 65-70 जा रहा है। ऐसे में वह आक्सीजन के लिए लखनऊ की बाजारों में भटकते रहे। मगर कहीं भी उन्हें सिलिंडर नहीं मिला। हालत गंभीर होती जा रही है।

सीएम तक से मांगी मदद, मिली मौत : राजधानी में बदहाली का आलम यह है कि आनंदपुरम के विकेस नगर निवासी 65 वर्षीय वीके श्रीवास्तव नेकोरोना पॉजिटिव होने के बाद पिछले दो दिन से कंट्रोल रूम से लेकर स्वास्थ्य व प्रशासन के अधिकारियों को फोन करते रहे। निजी अस्पतालों व नर्सिंग होम से भी भर्ती के लिए गिड़गिड़ाते रहे। सीएम को ट्वीट भी करके बताया कि उनका आक्सीजन 52 तक गिर गया है। तत्काल भर्ती कराने में मदद करें। इसके बाद सीएम के सूचना सलाहकार शलभमणि ने भी ब्यौरा मांगा मगर वह भी कोई मदद नहीं कर सके। शनिवार को मरीज ने दम तोड़ दिया।

दवाएं बाजार से गायब : लखनऊ केमिस्ट एसोसिएशन के पदाधिकारी सीएम दुबे ने बताया कि बाजार में कोरोना के इलाज संबंधी दवाओं की सप्लाई बाधित चल रही है। ज्यादातर मेडिकल स्टोर पर दवाएं खत्म हैं। जहां मिल भी रही हैं, वहां सीमित मात्रा ही रह गई है। कोरोना की प्रमुख दवाओं में आइवरमेक्टिन, एजिथ्रोमायसिन, डाक्सीसाइक्लिन, विटामिन सी, जिंक, डी-3 के साथ ही पैरासिटामाल भी गायब होने लगा है। वहीं अखिल जय सिंह ने बताया कि रेमडेसिविर तो कहीं ढूंढ़ने नहीं मिल रहा। जबकि ज्यादातर डाक्टर यही दवाएं लिख रहे हैं।

सोशल मीडिया पर अपील के बाद भर्ती हुई गर्भवती : इंदिरानगर निवासी एक गर्भवती महिला प्रसव पीड़ा होने से परेशान हो गई। उसके घर के बाकी सदस्य कोरोना संक्रमित हैं। महिला ने सोशल मीडिया पर लिखा कि पति, सास व घर के अन्य सदस्य संक्रमित हैं। तत्काल मदद कर हमें बचा लीजिए। बाद में किसी तरह उसे क्वीनमैरी अस्पताल में भर्ती कराया जा सका।

दो दिन से भर्ती का इंतजार : लखनऊ निवासी राधा देवी को ब्रेन हैमरेज हुआ था। उसके बाद पैरालिसिस होने पर वह जानकीपुरम की एक निजी अस्पताल गईं। जांच में कोरोना होने पर पीजीआइ या केजीएमयू ले जाने को कहा। परिवार के लोग सीएमओ से लेकर अन्य अधिकारियों को फोन कर रहे। शनिवार को सुबह कहा गया कि पीजीआइ में आपको भर्ती कराया जा रहा। मगर देर रात तक भी दोबारा उनके पास भर्ती संबंधी कोई फोन नहीं आया। इसी तरह विभिन्न अस्पतालों की इमरजेंसी में पहुंच रहे नॉन कोविड मरीज बेड की किल्लत से भर्ती नहीं हो पाने से तड़पते रहे।

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