मुख्तार अंसारी को लखनऊ एमपी/एमएलए कोर्ट में नहीं किया गया पेश, अदालत कहा- यह घोर आपत्तिजनक है

विशेष जज पवन कुमार राय ने एक बार फिर से मुख्तार की पेशी के लिए मुख्य सचिव प्रमुख सचिव गृह पुलिस महानिदेशक पुलिस आयुक्त व जिलाधिकारी लखनऊ तथा अतिरिक्त महानिदेशक कारागार के साथ ही बांदा जेल के वरिष्ठ अधीक्षक को पत्र भेजने का आदेश दिया है।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Fri, 10 Sep 2021 08:58 PM (IST) Updated:Sat, 11 Sep 2021 01:09 AM (IST)
मुख्तार अंसारी को लखनऊ एमपी/एमएलए कोर्ट में नहीं किया गया पेश, अदालत कहा- यह घोर आपत्तिजनक है
कारापाल व उपकारापाल पर हमला व जेल में पथराव आदि का मामला।

लखनऊ, विधि संवाददाता। वर्ष 2000 में कारापाल व उपकारापाल पर हमला, जेल में पथराव व जानमाल की धमकी देने के एक मामले में अभियुक्त मुख्तार अंसारी को शुक्रवार को भी एमपी-एमएलए की विशेष अदालत में पेश नहीं किया जा सका। इस संदर्भ में कोई आख्या भी नहीं भेजी गई। लिहाजा अदालत ने इसे अत्यंत आपत्तिजनक करार दिया। विशेष जज पवन कुमार राय ने एक बार फिर से मुख्तार की पेशी के लिए मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव गृह, पुलिस महानिदेशक, पुलिस आयुक्त व जिलाधिकारी लखनऊ तथा अतिरिक्त महानिदेशक कारागार के साथ ही बांदा जेल के वरिष्ठ अधीक्षक को पत्र भेजने का आदेश दिया है।

उन्होंने कहा है कि इस मामले में अभियुक्त मुख्तार अंसारी पर आरोप तय होना है, लेकिन बार-बार आदेश देने के बाद भी उसे पेश नहीं किया जा रहा है। कोई आख्या भी नहीं भेजी जा रही है। जबकि यह मामला पिछले 20 साल से लंबित है। इसी के चलते पिछली सुनवाई पर मुख्तार की पत्रावली अलग कर अन्य अभियुक्त लाल जी यादव, कल्लू पंडित, युसुफ चिश्ती व आलम के खिलाफ आरोप तय कर दिया गया। अब साक्ष्य की कार्यवाही शुरु होनी है। ऐसी स्थिति में मुख्तार अंसारी के संदर्भ में आख्या आना आवश्यक है। बावजूद इसके अभियोजन कोई रुचि नहीं ले रहा है, जिससे कार्यवाही आगे नहीं बढ़ पा रही है। यह अत्यंत आपित्तजनक है। इस मामले में तीन अप्रैल 2000 को लखनऊ के कारापाल एसएन द्विवेदी ने थाना आलमबाग में एफआइआर दर्ज कराई थी।

बाराबंकी में मुख्तार मामले में अगली तिथि 23 सितंबर को : बाराबंकी में विशेष न्यायाधीश एमपी एमएलए कोर्ट में एंबुलेंस प्रकरण में मुख्तार अंसारी की पेशी वीडियो कांफ्रेंसि‍ंग के जरिए गुरुवार को थी। पीठासीन अधिकारी कमल कांत श्रीवास्तव ने सुनवाई की। अगली तिथि 23 सितंबर निर्धारित की। मुख्तार के वकील रणधीर सि‍ंह सुमन ने मुख्तार को जेल में टीवी व अन्य सुविधाएं जेल मैनुअल के अनुसार न दिए जाने की आपत्ति भी अदालत से की।

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