विदेशी पुर्जों से अवैध असलहे बनाने वाले 12 अभियुक्तों को सजा, ATS ने की थी गिरफ्तारी

कनाडा व सिंगापुर से असलहों के पुर्जे मंगाकर यूपी में विदेशी अवैध शस्त्र तैयार कर महंगे दामों पर बेचने के मामले में एडीजे चतुर्थ लखनऊ की कोर्ट ने 12 अभियुक्तों को सजा सुनाई है।

By Umesh TiwariEdited By: Publish:Tue, 12 Nov 2019 11:02 PM (IST) Updated:Wed, 13 Nov 2019 08:33 AM (IST)
विदेशी पुर्जों से अवैध असलहे बनाने वाले 12 अभियुक्तों को सजा, ATS ने की थी गिरफ्तारी
विदेशी पुर्जों से अवैध असलहे बनाने वाले 12 अभियुक्तों को सजा, ATS ने की थी गिरफ्तारी

लखनऊ, जेएनएन। कनाडा और सिंगापुर से असलहों के पुर्जे मंगाकर उत्तर प्रदेश में विदेशी अवैध शस्त्र तैयार कर महंगे दामों पर बेचने के मामले में अपर सत्र न्यायाधीश डीएन सिंह की कोर्ट ने 12 अभियुक्तों को सजा सुनाई है। आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) ने आरोपितों की गिरफ्तारी 2013 में की थी। कोर्ट ने चार आरोपितों को आजीवन कारावास व तीन-तीन लाख अर्थदंड तथा आठ आरोपितों को दस-दस साल की कैद व ढाई-ढाई लाख अर्थदंड की सजा सुनाई है। एक आरोपित मुंबई निवासी पायलट एल्विन दिशा की मौत हो चुकी है।

एडीजी एटीएस डीके ठाकुर ने बताया विदेश से असलहों के पुर्जे मंगाकर आरोपित लखनऊ स्थित नेशनल गन हाउस व किसान गन हाउस, कानपुर नगर स्थित गुरुरामदास आर्मरी व हरियाणा के सिरसा स्थित जैन गन हाउस की सांठगाठ से अवैध शस्त्र तैयार करते थे। आरोपितों द्वारा तैयार असलहे हूबहू ब्रांडेड विदेशी असलहों की तरह दिखते थे। उन असलहों को नक्सली मिंटू शर्मा व अन्य आरोपितों की मदद से दूसरे राज्यों में सप्लाई किया जाता था। एटीएस ने 12 आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर छानबीन की थी।

एडीजी ने बताया कि कोर्ट ने लखनऊ के चौक क्षेत्र निवासी मुख्य आरोपित मुहम्मद खालिद, कानपुर नगर के नजीराबाद क्षेत्र निवासी गुरुचरण सिंह व अमित पाल सिंह तथा लखनऊ के पुराना हैदराबाद निवासी अजयपाल सिंह को उम्रकैद व तीन-तीन लाख अर्थदंड की सजा सुनाई है। बताया गया कि अजयपाल किसान गन हाउस के संचालक थे।

कोर्ट ने आरोपित औरंगाबाद (बिहार) निवासी मंटू शर्मा, सिरसा (हरियाणा) निवासी अनिल कुमार जैन, लखनऊ के जानकीपुरम निवासी हरिश्चंद्र पांडेय, कानपुर नगर निवासी विमल कुमार विश्वकर्मा, कल्लू शर्मा, रमजान, जुनैद अरशद उर्फ छोटे व उसके भाई जफर अरशद उर्फ बाबा को दस-दस साल कैद व ढाई-ढाई लाख अर्थदंड की सजा सुनाई है। एडीजी ने बताया कि आरोपितों के खिलाफ पैरवी में एटीएस के ज्येष्ठ अभियोजन अधिकारी अतुल ओझा, स्पेशल काउंसिल शरद दीक्षित, आरक्षी पैरोकार बेचू प्रसाद व शांति प्रसाद गिरि की अहम भूमिका रही।

यह हुई थी बरामदगी

एके एके-56 रायफल, सात रायफल 315 बोर, एक कार्बाइन, 28 पिस्टल/रिवाल्वर, सात अद्र्धनिर्मित पिस्टल/रिवाल्वर, एक बुलेटप्रूफ जैकेट, हजारों की संख्या में शस्त्रों के पुर्जे व कारतूस।

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