Coronavirus: कहीं भूखे को खाना खिला रही तो कहीं रक्तदान, ये कहानियां- खाकी के प्रति बदल देगी राय

JagranSpecial लॉकडाउन की घोषणा के बाद लोगों को हो रही परेशानी की खबरें सामने आ रही हैं। इस दौरान उत्तर प्रदेश पुलिस का मानवीय चेहरा भी सामने आया है।

By Dharmendra PandeyEdited By: Publish:Thu, 23 Apr 2020 03:36 PM (IST) Updated:Sat, 25 Apr 2020 08:16 AM (IST)
Coronavirus: कहीं भूखे को खाना खिला रही तो कहीं रक्तदान, ये कहानियां- खाकी के प्रति बदल देगी राय
Coronavirus: कहीं भूखे को खाना खिला रही तो कहीं रक्तदान, ये कहानियां- खाकी के प्रति बदल देगी राय

लखनऊ, जेएनएन। Coronavirus: कोरोना वायरस के संक्रमण के कहर में तब्लीगी जमात के लोगों ने जब अपना रूप दिखाया तो चारों तरफ निराशा बढ़ने लगी थी। इसके संक्रमण पर अंकुश लगाने पर भी संकट आ गया था, ऐसे में सभी जगह पर कानून-व्यवस्था को सुधारने में पारंगत माने जाने वाली उत्तर प्रदेश पुलिस की टीमों ने अपनी उपयोगिता साबित कर दी।

कोरोना वायरस केे संक्रमण पर रोक लगाने की खातिर लॉकडाउन की घोषणा के बाद लोगों को हो रही परेशानी की खबरें सामने आ रही हैं। इस दौरान उत्तर प्रदेश पुलिस का मानवीय चेहरा भी सामने आया है। पुलिस अधिकारियों ने कई मौकों पर पहुंचकर जरूरतमंद लोगों को मदद पहुंचाई है। सड़क पर जरूरतमंदों को मदद पहुंचाने का काम हो या फिर बुजुर्ग लोगों का ध्यान रखना हो, हर काम उत्तर प्रदेश पुलिस ने दिल से किया है।

जमातियों की चुनौतियों के बीच नया रूप 

बदमाशों तथा अपराधियों को पकड़ने के लिए जगह-जगह पर दबिश देने वाली उत्तर प्रदेश की टीमें जरूरतमंदों को दवा देने में लग गई। भूखों को लंच पैकेट देने के साथ ही जरूरतमंदों को राशन देने के काम में भी पुलिस की टीमें लग गई। लॉकडाउन में हॉटस्पाट में किसी को भी बाहर न निकलने देने के अपने काम में लगी पुलिस टीमों को जगह-जगह पर विरोध का सामना करना पड़ा। मुरादाबाद के साथ ही प्रदेश के अलीगढ़ में भारी पथराव के बाद भी पुलिस टीम धैर्य नहीं खोकर लोगों को कोरोना के कहर से बचाने मेें लगी रही।

लोग घरों में रहें, हम बाहर हैं

उत्तर प्रदेश में लॉकडाउन में जब लोग एक माह से भी अधिक समय से घरों में है, तब पुलिस कानून-व्यवस्था और अपराध के मोर्चे पर बड़ी राहत तो दे रही है, साथ ही जमातियों से मिल रही मुश्किल को भी धैर्य से संभाल रही है। हाईवे पर लोगों को राहत सामग्री वितरित करने के साथ ही टीम तब्लीगी जमातियों की धरपकड़ में लगी है। इस दौरान पुलिसकर्मियों ने खुद को खतरे में भी डाला पर कार्रवाई के कदम नहीं रुके। लॉकडाउन में जरूरतमंद लोगों की मददगार बनकर पुलिस ने इस बीच में अपनी छवि में बड़ा सुधार भी किया है। किस तरह से महामारी के इस दौर में पुलिस की छवि बदली है।

झेल रहे अभद्रता

लॉकडाउन में हॉटस्पॉट का पालन कराने के दौरान पुलिसकर्मियों को लगातार अभद्रता भी झेलनी पड़ी, लेकिन इनका विश्वास जरा-सा भी नहीं डगमगाया। पुलिस ने इस एक माह में अबतक पूरे हौसले से हर स्थिति का सामना किया है। जमातियों की लगातार तलाश में अपना खुफिया तंत्र भी बेहद मजबूत करके रमजान में भी सुरक्षा व्यवस्था के दृष्टिगत सिविल डिफेंस को भी सक्रिय किया है। जिलों में अधिकारियों को संवेदनशील क्षेत्रों में अतरिक्त सुरक्षा का प्लान भी तैयार कर लिया है। संकट की इस घड़ी में पुलिस ने अपनी छवि को नया रूप देने में सफलता भी पाई है।

लॉकडाउन का उल्लंघन करने वालों पर सख्ती तो परेशान लोगों की मददगार

कोरोना वायरस से उत्पन्न हो रही इस मुश्किल घड़ी में लॉकडाउन से लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इसमें पुलिस दोहरी भूमिका में भी बेहद सफल है। लॉकडाउन का उल्लंघन करने वालों से वह सख्ती से निपट रही है, लेकिन जरूरतमंदों की मदद करने से वह पीछे नहीं हट रही। लॉकडाउन के इस मुश्किल दौर में लठबाज खाकी की दरियादिली देख लोगों के मन से पुलिस के प्रति पनपी कुंठा दूर होती नजर आ रही है।

भूखे बच्चों और 82 लोगों के लिए PCR से राशन लेकर पहुंची पुलिस

सोशल मीडिया से लेकर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया तक पुलिस की सख्ती की फोटो और वीडियो खूब वायरल हो रही। इन सबके बीच दिल्ली से सटे गौतमबुद्धनगर जिले में पुलिस का मानवीय चेहरा भी सामने आ रहा है। नोएडा पुलिस ने भूख से बिलख रहे बच्चों और 82 लोगों की सूचना मिलने पर तुरंत उन तक राशन पहुंचाया। पुलिस के इस कदम की जमकर सराहना हो रही है।

नोएडा पुलिस को डायल 112 पर सूचना मिली थी कि ग्रेटर नोएडा के तिलपता क्षेत्र में कुछ बच्चे और लगभग 82 लोगों को लॉकडाउन की वजह से खाना नहीं मिला है। बच्चे भूख से बिलख रहे हैं। ये वो परिवार हैं, जो रोज कमाते और रोज खाते हैं। जैसे ही इन लोगों के बारे में पुलिस अधिकारियों को पता चला, डायल 112 के इंस्पेक्टर पुलिसकर्मियों के साथ एक पीसीआर वैन में राशन लेकर उन तक पहुंच गए।

सेक्टर 22 में महिला को दी थी दवा

लॉकडाउन के दौरान जरूरतमंदों की मदद करने का कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले मंगलवार को नोएडा के सेक्टर 22 स्थित चौड़ा गांव में रहने वाली एक बुजुर्ग महिला की पुलिस ने मदद की थी। 50 वर्षीय मधुमेह से पीड़ित महिला के घर में राशन नहीं बचा तो महिला के सामने खाना बनाने की भी समस्या आ खड़ी हुई।

महिला को आसपास के लोगों से भी मदद की उम्मीद नहीं थी। जिसके बाद बिहार के गया में बैठे महिला के पति ने पुलिस कमिश्नर को मामले की सूचना दी। इसके बाद पुलिस कमिश्नर ने डीसीपी ट्रैफिक को निर्देश दिए। जिसके बाद ट्रैफिक पुलिस महिला के घर राशन और दवा लेकर पहुंची।

गर्भवती महिला के साथ शुगर के मरीज की मदद

लॉकडाउन के इस संकट की घड़ी में बरेली की तमन्ना के लिए उत्तर प्रदेश पुलिस ने मिसाल पेश की है। इनके पति को लॉकडाउन में बरेली तक पहुंचाने के साथ पुलिस इनके लिए भगवान समान हो गई है। इसके साथ ही लखनऊ में बुजुर्ग की शुगर डाउन हुई तो उन्होंने पुलिस से मदद की गुहार लगाई। उनकी गुहार पर इंस्पेक्टर ने खुद पहुंचकर उनको अपने हाथ से मिठाई खिलाई।

आरसी केसरवानी नाम एक के शख्स लखनऊ में अकेले रहते हैं। उनके बेटे और बहू अमेरिका में रहते हैं। वह शुगर के मरीज है। उन्हें लगा कि उनका शुगर कम हो रहा है तो उन्होंने बाहर नहीं जा पाने की वजह से मदद की खातिर पुलिस को फोन किया। उनका फोन आने के बाद पुलिस अधिकारी खुद वहां मिठाई लेकर पहुंचे।

बर्बर से मसीहा की बनी छवि

पुलिस की छवि इस लॉकडाउन मेंं बर्बर से मसीहा की हो गई है। इस दौरान वह लॉकडाउन को तोड़ने के प्रयास में लगे लोगों से हाथ जोड़कर इसका पालन करने का अनुरोध कर रहे हैं। आमतौर पर लाठी या डंडा का प्रयोग करने के रूप में कुख्यात पुलिसकर्मी लोगों से काफी अनुरोध वाली भाषा में बात कर रही है। लोगों को भीड़ न लगाने के साथ ही नियम का पालन करने को प्रेरित कर रही है। पुलिस ने फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन कराने के लिए जगह-जगह पर खुद लक्ष्मण रेखा खींच दी है। खुद यह लोग बड़ी परेशानी झेलकर लोगों को राहत देने में लगे हैं। जगह-जगह पर यह लोग गाना गाने के साथ ही कुछ वाद्ययंत्र बजाकर लोगों को घर में रहने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।

डीजीपी ने भी बढ़ाया हौसला, जताया आभार

उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक हितेश चंद्र अवस्थी ने कोरोना वायरस के संक्रमण की विषम परिस्थितियों में भी अपने काम को बखूबी अंजाम देने वाले पुलिसकर्मियों का हौसला बढ़ाने के साथ उनका आभार भी जताया है। उन्होंने संकट तथा बड़ी परीक्षा की इस घड़ी में भी गजब के धैर्य के साथ हर मोड़ पर खड़े पुलिसकर्मियों का आभार जताया। 

इसके साथ ही डीजीपी ने इन सभी को मास्क, ग्लव्स और जरूरी होने पर पीपीई किट का भी इस्तेमाल करने की सलाह दी। कहा, कोरोना से बचाव के लिए फिजिकल डिस्टेंसिंग बहुत जरूरी है। ऐसे में जब अनुशासन और उच्च कोटि के सेवा-भाव के लिए पुलिस की प्रशंसा होती है तो बहुत खुशी होती है। पुलिस के इसी प्रकार की व्यावसायिक दक्षता और उत्कृष्ट व्यवहार की जरूरत है। यही अनुशासन और कार्य यूपी पुलिस को एक नई ऊंचाई प्रदान करेगा। लॉकडाउन का पालन कराने और असहाय लोगों की मदद करने के लिए पुलिसकर्मियों को धन्यवाद देते हुए उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने पुलिस कल्याण के लिए 56 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं। इसके साथ ही 50 लाख रुपये का बीमा भी क‍िया गया है। डीजीपी ने कहा कि प्रदेश के सभी पुलिस लाइंस, कार्यालय, थाने व चौकियों का सेनेटाइजेशन कराया गया है, ताकि कोरोना वायरस के संक्रमण के खतरे से बचाव हो सके। इसके बाद भी ड्यूटी के दौरान अपने खान-पान और सुरक्षा का भी ध्यान रखने की जरूरत है। 

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