UP Coronavirus Update: उत्तर प्रदेश के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में 600 रुपये में होगा कोरोना टेस्ट
UP Coronavirus Update उत्तर प्रदेश में चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधीन मेडिकल कॉलेजों और चिकित्सा संस्थानों में नॉन कोविड केयर के मरीजों की कोरोना वायरस की आरटीपीसीआर जांच अब सिर्फ 600 रुपये में होगी। अभी तक उन्हें कोरोना टेस्ट के लिए 1500 रुपये देने पड़ते थे।
लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। उत्तर प्रदेश में चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधीन मेडिकल कॉलेजों और चिकित्सा संस्थानों में नॉन कोविड केयर के मरीजों की कोरोना वायरस की आरटीपीसीआर जांच अब सिर्फ 600 रुपये में होगी। अभी तक उन्हें कोरोना टेस्ट के लिए 1500 रुपये देने पड़ते थे। ऐसे में अब जांच करीब 60 प्रतिशत तक सस्ती कर दी गई है।
चिकित्सा शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ.रजनीश दुबे ने बताया कि थैलीसीमिया व हीमोफीलिया के मरीजों और उनके तीमारदारों की कोविड-19 जांच निश्शुल्क की जाएगी। वहीं कैंसर के मरीजों और किडनी की डायलिसिस कराने वाले रोगियों सहित अन्य गंभीर बीमारियों से ग्रस्त मरीजों व उनके एक तीमारदार की कोरोना जांच अब सिर्फ 300 रुपये में की जाएगी।
कोरोना टेस्ट की दरों में कमी करके चिकित्सा शिक्षा विभाग ने मेडिकल कॉलेजों में दिखाने व भर्ती होने आ रहे नॉन कोविड केयर के मरीजों को बड़ी राहत दी है। दरअसल इलाज कराने के लिए कोरोना टेस्ट होना जरूरी है। अभी तक उन्हें कोरोना की आरटीपीसीआर जांच के लिए ज्यादा रकम खर्च करनी पड़ती थी, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा।
कोरोना के 1,979 नए मरीज मिले : उत्तर प्रदेश में गुरुवार को कोरोना के 1,979 नए मरीज मिले। अब तक सामने आए कुल 4.77 लाख कोरोना मरीजों में से 4.46 लाख लोग ठीक हो चुके हैं। रिकवरी रेट बढ़कर 93.33 प्रतिशत हो गया है। बीते 24 घंटे में कोरोना से संक्रमित 25 और लोगों की मौत के साथ ही यह खतरनाक वायरस अब तक 6,983 लोगों की जान ले चुका है।
अब 24,858 एक्टिव केस : स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि बीते छह हफ्ते से लगातार नए मरीजों के मुकाबले स्वस्थ होने वाले रोगियों की संख्या ज्यादा है। 17 सितंबर को 68,235 एक्टिव केस थे, जो अब घटकर 24,858 रह गए हैं। यानी 63.57 फीसद एक्टिव केस घटे हैं। गुरुवार को प्रदेश में 1.38 लाख लोगों की कोरोना जांच की गई। इसे मिलाकर प्रदेश में अब तक कुल 1.45 करोड़ लोगों का टेस्ट किया जा चुका है, जबकि 4.37 लाख मेडिकल टीमों की मदद से 13.76 करोड़ लोगों की स्क्रीङ्क्षनग की जा चुकी है।