Lucknow COVID-19 News: संयम के आगे सहम रहा कोरोना, एक हफ्ते तक हालात पर रहेगी पैनी नजर

अगर किसी परिवार के एक व्यक्ति की रिपोर्ट पॉजिटिव आ रही है तो वह घर के अन्य सभी सदस्यों को भी संक्रमित कर दे रहा है। वर्ष 2020 की तुलना में मौतें भी ज्यादा हो रहीं हैं इसलिए सख्ती और संयम जारी रहना चाहिए।

By Rafiya NazEdited By: Publish:Sun, 09 May 2021 04:52 PM (IST) Updated:Sun, 09 May 2021 04:52 PM (IST)
Lucknow COVID-19 News: संयम के आगे सहम रहा कोरोना, एक हफ्ते तक हालात पर रहेगी पैनी नजर
विशेषज्ञों ने कहा कि पीक थमने के बारे में अभी कुछ दावा करना जल्दबाजी।

लखनऊ [धर्मेन्द्र मिश्रा]। कोरोना कफ्र्यू व सख्ती के चलते राजधानी समेत पूरे प्रदेश में कोरोना संक्रमण थमने लगा है, मगर अभी इसके आधार पर इतनी जल्द पीक थमने का दावा नहीं किया जा सकता। विशेषज्ञों के अनुसार सख्ती और संयम से निश्चित रूप से कोविड के मामले कम हो रहे हैं, हालांकि अभी भी इसमें उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। वहीं, मौतों का ग्राफ भी कम होने का नाम नहीं ले रहा। सख्ती व संयम जारी रखने के साथ ही अगले एक हफ्ते तक पूरी स्थिति पर नजर रखनी होगी। इसके बाद ही संक्रमण की पीक थमने के बारे में कोई आकलन किया जा सकता है।

एसजीपीजीआइ (संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान) में माइक्रोबायोलाजी की विभागाध्यक्ष डा. उज्जवला घोषाल कहती हैं कि इस बार का वायरस काफी ज्यादा संक्रामक है। अगर किसी परिवार के एक व्यक्ति की रिपोर्ट पॉजिटिव आ रही है तो वह घर के अन्य सभी सदस्यों को भी संक्रमित कर दे रहा है। वर्ष 2020 की तुलना में मौतें भी ज्यादा हो रहीं हैं, इसलिए सख्ती और संयम जारी रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि करीब एक हफ्ते से संक्रमण में कमी आना सकारात्मक संकेत है, मगर अभी एक हफ्ते की स्थिति को और देखना होगा।

आखिरी हफ्ते राहत की उम्मीद: लोहिया संस्थान में बायोकेमेस्ट्री के एसोसिएट प्रोफेसर डा. मनीष कुलश्रेष्ठ कहते हैं कि लॉकडाउन व सख्ती से कोरोना संक्रमण में कमी आई है। होम आइसोलेशन में ऑक्सीजन इत्यादि की किल्लत व मरीजों को अस्पताल देर से ले जाना या समय पर भर्ती नहीं हो पाने से मौतों में कमी नहीं आ रही है। इस पर गंभीरता से काम करना होगा।

अप्रैल के तीसरे हफ्ते से कहर जारी अप्रैल में तीसरा हफ्ता शुरू होने से पहले ही वायरस घातक रुख अख्तियार कर चुका था। 16 अप्रैल में एक दिन में सर्वाधिक 6598 संक्रमित होने का रिकार्ड है, वहीं 24 अप्रैल को सर्वाधिक 42 मौतें दर्ज की गई थीं। अब छह मई को 65 लोगों की मौत होने का नया रिकार्ड कायम हो चुका है। मार्च व अप्रैल के पहले आठ दिनों के मुकाबले मई के पहले आठ दिन भले ही संक्रमण व मौतों के मामले में भारी साबित हुए हों, मगर अप्रैल के आखिरी हफ्ते व मई के पहले हफ्ते की तुलना की जाए तो संक्रमण दोगुना तक कम हुआ है।

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