उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण से मृत 22898 के स्वजन को मिलेंगे 50-50 हजार रुपये, आदेश जारी

उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण की चपेट में आने के कारण 22892 लोगों की मृत्यु हुई थी। राज्य सरकार इनके स्वजन को 50-50 हजार रुपया की आर्थिक सहायता प्रदान करेगी। इसके लिए इन परिवारों को अपने जिले में डीएम कार्यालय में निर्धारित प्रारूप पर आवेदन करना होगा।

By Dharmendra PandeyEdited By: Publish:Sun, 24 Oct 2021 11:29 AM (IST) Updated:Sun, 24 Oct 2021 11:33 AM (IST)
उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण से मृत 22898 के स्वजन को मिलेंगे 50-50 हजार रुपये, आदेश जारी
कोविड-19 से मृत व्यक्तियों के स्वजन को 50 हजार रुपये दिए जाए।

लखनऊ, जेएनएन। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस संक्रमण के कारण मृत लोगों के स्वजनों की केन्द्र सरकार के साथ ही राज्य सरकार भी सुध ले रही है। उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण की चपेट में आने के कारण 22892 लोगों की मृत्यु हुई थी। राज्य सरकार इनके स्वजन को 50-50 हजार रुपया की आर्थिक सहायता प्रदान करेगी। इसके लिए इन परिवारों को अपने जिले में डीएम कार्यालय में निर्धारित प्रारूप पर आवेदन करना होगा। प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने इसका विस्तृत दिशा-निर्देश जारी कर दिया है। इन सभी को धनराशि उनके बैंक खाता में ट्रांसफर की जाएगी।

केन्द्र सरकार के बाद अब प्रदेश सरकार ने भी कोरोना से जिनकी मृत्यु हुई है उनके स्वजन को 50 हजार रुपये देने का निर्णय किया है। राजस्व विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने इसका विस्तृत दिशा-निर्देश जारी कर दिया है। इसके तहत प्रदेश में कोविड पोर्टल पर दर्ज मृतकों के स्वजन को यह सहायता दी जाएगी।

आदेश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि प्रदेश में पंचायत चुनाव ड्यूटी में लगे कार्मिकों की कोविड-19 से मृत्यु की दशा में प्रति व्यक्ति 30 लाख रुपये की धनराशि पहले ही उपलब्ध करवाई जा चुकी है। इसके साथ ही कोविड-19 की रोकथाम में लगे फ्रंटलाइन कर्मियों की इस बीमारी से मृत्यु होने पर उनके स्वजन को 50 लाख रुपये की धनराशि उपलब्ध करवाई है। ऐसे में इन दोनों श्रेणियों के परिवार को पचास हजार रुपये की यह अनुग्रह राशि नहीं दी जाएगी। मंडलायुक्तों और जिलाधिकारियों को भेजे गए आदेश में कहा गया है कि कोविड-19 से मृत व्यक्तियों के स्वजन को 50 हजार रुपये दिए जाए।

यह धनराशि राज्य आपदा मोचक निधि से दी जाएगी। इसके लिए मृत्यु प्रमाण-पत्र में मृत्यु का कारण 'कोविड-19 अंकित होना चाहिए। इसके अलावा यदि किसी की मृत्यु कोरोना संक्रमण से हुई है तो प्रमाणित करने के लिए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार के तीन सितंबर 2021 को जारी दिशा निर्देश के अनुसार अपर जिलाधिकारी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, अपर मुख्य चिकित्साधिकारी, प्रधानाचार्य या मेडिकल कालेज विभागाध्यक्ष मेडिसिन और एक विषय विशेषज्ञ की कोविड-19 से मृत्यु प्रमाणित करने के लिए कमेटी गठित होगी। जिन आवेदन पत्रों के साथ संलग्न मृत्यु प्रमाण पत्र में कोविड-19 से मृत्यु का उल्लेख नहीं होगा उसमें यह कमेटी मृत्यु के कारणों का सत्यापन करेगी। यह कमेटी आवेदकों की शिकायतों का भी निस्तारण करेगी।

मृतकों के स्वजन 50 हजार रुपये की सहायता प्राप्त करने के लिए मृत्यु प्रमाण पत्र के साथ निर्धारित प्रारूप पर अपने जिले में जिलाधिकारी कार्यालय में सभी सलंग्नकों के साथ आवेदन करना होगा। जिलाधिकारी आवेदन पत्र प्राप्त करने के लिए एक सेल का गठन करेंगे। इसमें तैनात अधिकारी आवेदन पत्र के प्राप्त करते ही उस पर प्राप्ति का क्रमांक, तारीख व समय अंकित करेंगे। यहां एक रजिस्टर रखा जाएगा जिसमें आवेदन पत्र का क्रमांक अंकित कर आवेदक को प्राप्ति रसीद दी जाएगी। जिलाधिकारी प्राप्त सभी दावों का निस्तारण 30 दिन के अंदर करेंगे व राज्य आपदा मोचक निधि से धनराशि स्वीकृत करेंगे। इसके बाद स्वजन के बैंक खाते में धनराशि भेज दी जाएगी।

लखनऊ में सर्वाधिक 2651 मृत्यु

कोरोना वायरस संक्रमण के कारण उत्तर प्रदेश में 22898 लोगों ने दम तोड़ा था। इनमें सर्वाधिक 2651 लोगों की मृत्यु लखनऊ में हुई थी। कानपुर में 1905 तो प्रयागराज में 1087 लोगों ने कोरोना वायरस संक्रमण की चपेट में आकर अपनी जान गंवा दी थी। वाराणसी में 971, मेरठ में 898 तथा गोरखपुर में 848 लोगों की मृत्यु हुई थी। गौतमबुद्धनगर में 467, गाजियाबाद में 461, आगरा में 457, शाहजहांपुर में 444, सहारनपुर में 420 तथा मथुरा में 402 लोगों ने दम तोड़ा था। 

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