Corona virus Lucknow News Update: 18 घंटे तड़पता रहा फ्रैक्चर का मरीज, कोरोना टेस्ट में फंसा इलाज

Corona virus Lucknow News Update ट्रॉमा में इमरजेंसी सेवाओं का हाल बेहाल होल्डिंग एरिया में तड़प रहे मरीज। रिपोर्ट के बिना वार्ड में शिफ्ट नहीं हो पा रहे मरीज बेड फुल।

By Divyansh RastogiEdited By: Publish:Sun, 12 Jul 2020 08:22 AM (IST) Updated:Sun, 12 Jul 2020 08:22 AM (IST)
Corona virus Lucknow News Update: 18 घंटे तड़पता रहा फ्रैक्चर का मरीज, कोरोना टेस्ट में फंसा इलाज
Corona virus Lucknow News Update: 18 घंटे तड़पता रहा फ्रैक्चर का मरीज, कोरोना टेस्ट में फंसा इलाज

लखनऊ, जेएनएन। Corona virus Lucknow News Update: केजीएमयू में इमरजेंसी सेवाओं का हाल बेहाल है। कोरोना की रिपोर्ट में घंटों मरीज तड़पते रहते हैं। वार्डों में शिफ्टिंग न होने से होल्डिंग एरिया फुल रहता है। लिहाजा, गंभीर मरीजों को दूसरे अस्पतालों की दौड़ लगानी पड़ रही है।

सीतापुर के मदनापुर निवासी 52 वर्षीय अयोध्या को पैर में मल्टीपल फ्रैक्चर है। हड्डी अलग होकर लटक रही है। शुक्रवार रात नौ बजे अयोध्या को ट्रॉमा सेंटर लाया गया। परिवारजन अंकुर के मुताबिक, मरीज को स्कैनिंग एरिया में भेज दिया गया। इस दौरान कोरोना जांच के लिए स्वैब कलेक्शन किया गया, मगर शाम पांच बजे तक रिपोर्ट नहीं आई। ऐसे में मरीज होल्डिंग एरिया में तड़पता रहा। रिपोर्ट आने के बाद वार्ड में शिफ्ट करने को कहा। ऐसे में मरीज का ऑपरेशन फंसा हुआ है।

पिता घायल, 19 घंटे से रिपोर्ट नहीं

रायबरेली निवासी सुमित के मुताबिक, 19 घंटे से पिता होल्डिंग एरिया में भर्ती हैं। उनके सिर, हाथ-पैर में चोटें हैं, मगर संबंधित विभाग में रिपोर्ट आने के बाद ही शिफ्ट करने को कहा गया।

सौ बेड फुल, लौटाए गए मरीज

ट्रॉमा के स्कैनिंग एरिया में हर रोज 300 के करीब मरीज आ रहे हैं। इनके लिए होल्डिंए एरिया में सौ बेड हैं। वहीं, जांच में 18 से 19 घंटे में रिपोर्ट आने से नए मरीजों की भर्ती में दिक्कत आ रही है। शनिवार दोपहर 12 बजे से ही न्यूरोलॉजी इमरजेंसी, पीडियाट्रिक होल्डिंग एरिया, ट्रॉमा होल्डिंग एरिया के बेड फुल बताकर मरीज लौट दिए गए। इस दौरान 150 के करीब मरीज विभिन्न अस्पतालों में भटकने को मजबूर हुए हैं।

किट अप्रूव होने पर होगी पीपीपी मॉडल जांच

ट्रॉमा में गंभीर मरीजों की समय पर जांच के लिए पीपीपी मॉडल पर लैब बनाई गई। यहां रियल टाइम पीसीआर व ट्रूनेट मशीन से टेस्ट करने का दावा किया गया। वहीं, पीसीआर मशीन से जांच के लिए किट वैलीडेशन आइसीएमआर से कराया जाना है। किट वैलीडेशन होने पर ही निजी कंपनी पीसीआर टेस्ट कर सकेगी।

क्या कहते हैं केजीएमयू प्रवक्ता

केजीएमयू प्रवक्ता डॉ. संदीप तिवारी के मुताबिक, मेन लैब में लोड ज्यादा है। वहीं पीपीपी मॉडल पर बनी लैब में किट का आइसीएमआर से अप्रूव होना बाकी है। ऐसे में जितनी भी जल्दी संभव है मरीज की रिपोर्ट दी जा रही है। इसके अलावा अस्पतालों से मरीजों को रेफर करने में नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है। इसलिए होल्डिंए एरिया फुल हो रहा है। 

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