कोरोना संक्रमित रहे लोग पेट की समस्याओं को न करें नजरअंदाज, जान‍िए पोस्‍ट कोव‍िड के कुछ लक्ष्‍ण

Coronavirus news संक्रमित रहे लोगों में छह माह बाद फंग्शनल गैस्ट्रो इंटेस्टाइनल डिसऑर्डर (एफजीआईडी) का हो रहे शिकार। एसजीपीजीआइ के गैस्ट्रो इंट्रोलॉजी विभाग की ओर से 280 मरीजों पर किए गए शोध में चौकाने वाले तथ्य आए सामने।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Tue, 21 Sep 2021 06:30 AM (IST) Updated:Tue, 21 Sep 2021 07:35 PM (IST)
कोरोना संक्रमित रहे लोग पेट की समस्याओं को न करें नजरअंदाज, जान‍िए पोस्‍ट कोव‍िड के कुछ लक्ष्‍ण
SGPGI के गैस्ट्रो डिपार्टमेंट के चिकित्सकों ने प्रदेश भर कर अस्पतालों को एलर्ट भी जारी किया है।

लखनऊ, [पुलक त्रिपाठी]। पेट में दर्द, ऐंठन, मरोड़ व गैस की समस्या से परेशान है तो इसे नजरअंदाज करने की गलती न करें। यह पोस्ट कोविड के गंभीर लक्षण है। जो समय रहते सही दिशा में इलाज न कराए जाने पर बड़ी बीमारी का रूप ले सकता है। डॉक्टरो ने इसे फंग्शनल गैस्ट्रो इंटेस्टाइनल डिसऑर्डर (एफजीआईडी) करार दिया गया है। जी हां संजय गांधी स्नात्कोत्तर शोध संस्थान द्वारा बांग्लादेश के तीन अस्पतालों के साथ मिलकर कोरोना संक्रमित रहे लोगों पर किए गए शोध (रिसर्च को अमेरिकन जर्नल में भी प्रकाशित किया गया) में कुछ ऐसे ही चौकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। संस्थान के गैस्ट्रो डिपार्टमेंट के चिकित्सकों ने प्रदेश भर कर अस्पतालों को एलर्ट भी जारी किया है।

गैस्ट्रो डिपार्टमेंट की ओर से संस्थान में भर्ती रहे 109 कोरोना संक्रमित और 171 बांग्लादेश में संक्रमित रहे करीब 280 मरीजों पर शोध किया गया। इसके तहत संक्रमण से मुक्त होने के बाद पोस्ट कोविड लक्षणों की बारीकी से निगरानी की गईं।इन सभी कोरोना संक्रमितों के पहले,तीसरे व छठे महीने के बाद के गहनता से नजर रखने पर पाया गया कि 280 में से 26 मरीज कोरोना से उबरने के 6 महीने बाद भी क्रॉनिक गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल परेशानियों से जूझ रहे थे। इन्हें बदहजमी, क्रोनिक पेट दर्द, कबजियत, पेट फूल जाना, ब्लैक स्टूल, मरोड़ के साथ पेचिश व आंव आना, भूख कम लगना, बार-बार मोशन से परेशान रहे।

इसके चलते इन्हें बार बार डाक्टर के पास जाना पड़ा। बाद में की गई जांचों में भी इनके क्रोनिक गैस्ट्रो इंटेस्टाइनल डिसऑर्डर से पीड़ित होने की बात सामने आई। डाक्टरों के मुताबिक कोरोना के असिम्प्टोमैटिक मरीजाें में क्रोनिक एफजीआइडी होने की संभावना कम तो वहीं कोरोना के गंभीर लक्षण वाले मरीजों में यह समस्या होने की ज्यादा संभावना है। एसजीपीजीआइ के गैस्ट्रो एंट्रो डिपार्टमेंट के एक्सपर्ट के मुताबिक सही समय पर जानकारी और उपचार से ही पेट से संबंधित इस बड़ी बिमारी का शिकार होने से बचा जा सकता है।

'पोस्ट कोविड मरीजों में फंग्शनल गैस्ट्रो इंटेस्टाइनल डिसऑर्डर (एफजीआईडी) की समस्या देखने को मिल रही है। कोरोना संक्रमण के दौरान पेट की समस्या से ग्रसित रह चुके मरीज अगर अभी भी पेट में दर्द, ऐंठन, मरोड़ व गैस की समस्या आदि से परेशान हैं तो इसे नजरअंदाज न करें। पोस्ट कोविड एफजीआईडी से ग्रसित मरीज को संस्थान में बेहतर उपचार मुहैया कराए जाने के लिए हमारी पूरी तैयारी है।  -प्रो.यूसी घोषाल, हेड ऑफ डिपार्टमेंट, गैस्ट्रो एंट्रो, एसजीपीजीआई

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