Treatment of corona: सोंठ पाउडर व लहसुन से पांच दिन में हार रहा कोरोना, ऐसे तैयार करें काढ़ा

आयुर्वेदिक चिकित्सा खतरनाक वायरस को खत्म करने में कारगर काढ़े का परिणाम भी शानदार देसी नुस्खा। लखनऊ के लोकबंधु अस्पताल के 32 मरीजों पर हुआ प्रयोग।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Fri, 05 Jun 2020 08:26 PM (IST) Updated:Sat, 06 Jun 2020 11:28 AM (IST)
Treatment of corona: सोंठ पाउडर व लहसुन से पांच दिन में हार रहा कोरोना, ऐसे तैयार करें काढ़ा
Treatment of corona: सोंठ पाउडर व लहसुन से पांच दिन में हार रहा कोरोना, ऐसे तैयार करें काढ़ा

लखनऊ, (धर्मेंद्र मिश्रा)। कोरोना संक्रमण के आरंभकाल से ही आयुर्वेदिक चिकित्सा इस खतरनाक वायरस को पस्त करने की कोशिश में शिद्दत से जुटी है। काढ़ा इसमें काफी हद तक कारगर साबित हुआ है। इसके साथ ही अब नुस्खा भी सामने आया, जिसमें सोंठ का पाउडर और लहसुन कमाल कर रहे हैं। लोकबंधु अस्पताल के डॉक्टरों ने सोंठ पाउडर व लहसुन के प्रयोग से सिर्फ पांच दिनों में कोरोना को हराने का दावा किया है। पहले चरण में जिन 16 मरीजों को सोंठ पाउडर व लहसुन दिया गया, उन सभी की रिपोर्ट पांच दिन में ही निगेटिव आ गई। इन नतीजों के बाद पूरी पद्धति पर और अधिक स्टडी की तैयारी है।

रामसागर मिश्र अस्पताल के मरीजों पर भी होगा प्रयोग

इस स्टडी की रिपोर्ट तैयार करा रहे लोकबंधु अस्पताल के निदेशक डॉ. डीएस नेगी ने बताया कि ज्यादा सैंपल साइज के बाद परिणाम और अच्छे होने पर इलाज की पद्धति का पब्लिकेशन भी कराया जाएगा। साथ ही केंद्रीय आयुष मंत्रालय समेत अन्य संबंधित संस्थाओं के पास अप्रूवल के लिए भेजा जाएगा। सैंपल साइज बढ़ाने के लिए अब साढ़ामऊ के रामसागर मिश्र अस्पताल के मरीजों को भी इस स्टडी में शामिल कर लिया गया है।

32 मरीजों पर किया गया आरंभिक इलाज

लोकबंधु अस्पताल में पंचकर्म व आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉ. आदिल रईश कोरोना के इलाज की इस पद्धति पर काम कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि शुरू में 32 मरीजों को इलाज में शामिल किया गया। इनमें से आधे मरीजों को काढ़ा और आधे मरीजों को सोंठ पाउडर व लहसुन सुबह-शाम दिया गया। आयु वर्ग 25 से 60 वर्ष के बीच रखा गया। इसमें सिर्फ ऐसे मरीजों को शामिल किया गया, जिन्हेंं कोविड-19 के अलावा कोई और गंभीर बीमारी नहीं थी। स्टडी में यह पाया गया कि जिन 16 मरीजों को सोंठ पाउडर व लहसुन दिया गया, उनकी रिपोर्ट पांच दिन तक में ही निगेटिव आ गई। जिन्हेंं काढ़ा दिया, उसके नतीजे भी बेहतर रहे। सभी 16 मरीज सात से 12 दिन में ठीक हो गए।

ऐसे दिया काढ़ा, सोंठ पाउडर व लहसुन

डॉ. आदिल ने बताया कि सोंठ पाउडर को गर्म पानी में मरीजों को सुबह-शाम दिया गया। साथ ही कच्चा लहसुन एक-दो पीस सुबह-शाम चबाकर खाने को दिया गया। काढ़ा बनाने की विधि पर उन्होंने बताया कि यह सामान्य है, जिसमें दो-चार अतिरिक्त जड़ी-बूटी वाली औषधियां अपनी तरफ से मिलाई हैं। अभी हम इस पर काम कर रहे हैं। कुल 80 मरीजों पर प्रयोग के बाद काढ़ा बनाने की विधि सार्वजनिक की जाएगी।

सोंठ पाउडर व लहसुन पर इसलिए भरोसा

डॉ. आदिल के अनुसार, सोंठ पाउडर व लहसुन को सिर्फ मंद पड़ी जठराग्नि (पेट की अग्नि) को तेज करने के लिए दिया गया। ऐसा इसलिए क्योंकि आयुर्वेद में माना जाता है कि बुखार होना या अन्य कोई विकार मंदाग्नि यानि पेट की अग्नि कम होने से होता है। ऐसे में पाचन शक्ति कमजोर हो जाती है। इम्यूनिटी भी तेजी से गिरती है। सोंठ व लहसुन दोनों की तासीर मंदाग्नि को तेज करने व इम्यूनिटी बढ़ाने में बेहद कारगर है। इसलिए इसका इस्तेमाल किया गया। वैसे भी, आयुर्वेद में साफ माना गया है कि यदि व्यक्ति की पाचन शक्ति और इम्यूनिटी ठीक हो तो वह किसी भी वायरस, बैक्टीरिया समेत अन्य बीमारियों से लड़ सकता है।

सोंठ व लहसुन के औषधीय गुण

राजभवन के पूर्व आयुर्वेद चिकित्साधिकारी डॉ. शिव शंकर त्रिपाठी बताते हैं कि सोंठ में वात व कफ नाशक एंटी बैक्टीरियल गुण होते हैं। पाचन शक्ति को बढ़ाने के साथ भूख कम लगने की शिकायत व सुस्ती को दूर करने के गुण भी इसमें होते हैं। वहीं, लहसुन वातनाशक, एंटीवायरल, एंटीबैक्टीरियल, एंटी फंगल व कोलेस्ट्रॉल को कम करने वाला होता है। यह जोड़ों के दर्द कम करने के साथ ही दिल का ब्लॉकेज तक दूर कर देता है। बेहतरीन कफ दोष नाशक है। ये दोनों ही अग्निवर्धक व इम्यूनिटी वर्धक भी होते हैं।

क्या है पंचकर्म

राष्ट्रीय आयुर्वेद विद्यापीठ आयुष मंत्रालय भारत सरकार के सदस्य व गुरु वैद्य अच्युत कुमार त्रिपाठी के अनुसार आयुर्वेद चिकित्सा दो पद्धतियों से होती है। संसोधन व संसमन। इसमें से शरीर के दोषों (वात, पित्त, कफ) को पांच क्रियाओं (कर्म) के जरिये बाहर निकालने (जिसमें स्नेहन, स्वेदन, वमन, विरेचन, नस्य इत्यादि क्रियाओं) को पंचकर्म व विभिन्न रोगों के अनुसार औषधि देकर उसे शरीर में ही खत्म करने को संसमन कहते हैं।

ऐसे बनता है काढ़ा

चार भाग तुलसी, दो भाग दालचीनी, दो भाग सोंठ, एक भाग कालीमिर्च को कूट लें। उसके बाद दो कप पानी में तीन ग्राम कूटा हुआ पाउडर व स्वादानुसार गुड़ या राब मिलाकर आग पर पकाएं। एक कप पेय रह जाने पर काढ़ा तैयार हो जाता है। इसे छानकर गर्म चाय की तरह पीएं।  

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