कोरोना ने सहालग में ब‍िगाड़ी कपड़ा बाजार की सूरत, सोशल मीडिया पर फोटो देख तय हाे रही गुणवत्ता

Coronavirus Effect in UP कभी फोटो देख तय होते देखी कपड़े की गुणवत्ता इस बार ये हो रहा है। कारोबारी डिजाइन नहीं व्हाट्सएप पर कपड़ा देख तय कर रहे हैं बुकिंग। सोशल मीडिया बना आर्डर के लेन-देन का प्लेटफार्म।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Sun, 11 Apr 2021 06:02 AM (IST) Updated:Sun, 11 Apr 2021 09:45 AM (IST)
कोरोना ने सहालग में ब‍िगाड़ी कपड़ा बाजार की सूरत, सोशल मीडिया पर फोटो देख तय हाे रही गुणवत्ता
इन दिनों खरीदारी में सोशल मीडिया ही पूरी तरह से ट्रेंड में है।

लखनऊ, [नीरज मिश्र]। कोरोना संक्रमण के चलते एक बार फिर से नाइट कफ्र्यू और लॉकडाउन ने दस्तक दे दी है। महाराष्ट्र और गुजरात के सूरत में लॉकडाउन होने से कपड़ा बाजार की सहालग के मौसम में सूरत बिगाड़ कर रख दी है। हाल यह है कि लॉकडाउन होने से अब पूरा का पूरा रोजगार व्हाट्सएप समेत सोशल मीडिया के प्लेटफार्म तक फैल गया है। पहले लोग डिजाइन देखकर कपडे़ की फैक्ट्रियों से बुकिंग फाइनल करते थे, लेकिन इस बार स्थिति उलट हैं। अब व्हाट्सएप पर कपड़े का नमूना भेजा जा रहा है। इन दिनों खरीदारी में सोशल मीडिया ही पूरी तरह से ट्रेंड में है।  

कारोबारी व्हाट्सएप पर डिजाइन नहीं कपड़ा भांप रहे

हाल यह है? कि पिछले लॉकडाउन के दौरान व्हाट्सएप पर डिजाइन भेजे जाते थे। उसी के अनुसार आर्डर बुक हो जाता था, लेकिन इस बार अजब ट्रेंड यह है? कि कपड़ा और रंग सोशल मीडिया के जरिए भेजे जा रहे हैं। इसे देखकर ही कंपनियों की गुडविल के आधार पर कपडे़ की गुणवत्ता तय की जा रही है। समझ से परे है? कि कैसे कपड़े की क्वालिटी सोशल मीडिया पर परखी जा सकती है?

प्रोडक्शन हाउस शांत, माल ही नहीं

कारोबारी बताते हैं कि मुंबई हो या दिल्ली या फिर गुजरात, फैक्ट्रियों में लेबर और लाॅकडाउन ने प्रोडक्शन की रफ्तार काफी कम हो गई है। प्रोडक्शन हाउस ने बुकिंग आधी कर दी है। नए ग्राहकों से परहेज किया जा रहा है। माल है नहीं जो भेजा गया उसका भी दूसरे-तीसरे दिन ही भुगतान करना पड़ा।

करोड़ों का कारोबार व्हाटसअप पर

यह दौर था जब त्योहारी सीजन और सहालग के मौसम में बड़ी-बड़ी कंपनियों के एजेंट बाजार में माल और उसकी डिजाइन ब्रीफकेस में फोल्डर के रूप में दुकानदारों के समक्ष होते थे। मुलाकातों के लगातार दौर और मान-मनौव्वल के बाद सैंपल बुक होते थे लेकिन इस बार माल कम है ग्राहक ज्यादा। ऊपर से सौ दिन की सहालग। ऐसे में जो माल मिल रहा है वहीं लेना पड़ रहा है।

कारोबारी बोले

कोरोना ने पूरी सहालग बिगाड़ कर रख दी है। इस बार नया ट्रेंड या यूं कहें कि मजबूरी का सौदा करना पड़ा रहा है। व्हाटसअप और सोशल मीडिया कपड़ा पसंद किया जा रहा है। पहले डिजाइन भेज दिए जाते थे और फिर बनकर आने के बाद माल की बुकिंग करा दी जाती थी। अब बुकिंग लॉकडाउन की वजह से रद की जा रही हैं।  -अशोक मोतियानी, अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश कपड़ा व्यापार मंडल

कोरोना के पहले दौर से बाजार उबर नहीं पाया था कि इस नए वैरिएंट ने सहालग को चौपट कर दिया है। लॉकडाउन की वजह से एडवांस भुगतान के बाद माल नहीं मिल पा रहा है। सारी खरीदारी सोशल मीडिया के जरिए जारी है। जो माल हफ्तेभर में पहुंच जाता था अब उत्पादन कम होने की वजह से महीनेभर बाद पहुंच रहा है।  -प्रभु जालान, गीता वस्त्रालय

माल की कमी है। पैस एडवांस भेजा जा रहा है माल हफ्तों में पहुंच रहा है। प्रोडक्शन हाउस में माल नहीं है। अधिक दबाव बनाने पर बुकिंग सीधे कैंसिल कर दी जा रही हैं। अब कपड़ा तक व्हाटसअप तय कर रहा है। बिना हाथ में देखे कपड़े की गुणवत्ता समझी जा रही है। डिमांड है लेकिन माल कम। सहालग शुरू हो रही है। कह सकते हैं धंधा है पर मंदा है ये...।  - उत्तम कपूर, वरिष्ठ उपाध्यक्ष लखनऊ व्यापार मंडल 

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