Lucknow Nagar Nigam: लखनऊ में ठेकेदारों ने सफाई कर्मियों का 7.65 करोड़ मानदेय चुराया, नगर आयुक्त ने रिकवरी का दिया आदेश

नगर निगम के सफाई महकमे में एक और भ्रष्टाचार सामने आया है। शहर में सफाई का ठेका लेने वाली कार्यदायी संस्था सफाई कर्मचारियों के मानदेय में चोरी कर रही थीं। कर्मियों को नगर निगम की तरफ से जितना भुगतान किया जाता था उसका कुछ भाग ठेकेदार हजम कर रहे थे।

By Vikas MishraEdited By: Publish:Thu, 29 Jul 2021 08:28 AM (IST) Updated:Thu, 29 Jul 2021 11:58 AM (IST)
Lucknow Nagar Nigam: लखनऊ में ठेकेदारों ने सफाई कर्मियों का 7.65 करोड़ मानदेय चुराया, नगर आयुक्त ने रिकवरी का दिया आदेश
अफसर से लेकर नगर निगम सदन तक में इस मुद्दे पर कभी आवाज उठाई नहीं गई।

लखनऊ, [अजय श्रीवास्तव]। नगर निगम के सफाई महकमे में एक और भ्रष्टाचार सामने आया है। शहर में सफाई का ठेका लेने वाली कार्यदायी संस्था सफाई कर्मचारियों के मानदेय में भी चोरी कर रही थीं। कम मानदेय पाने वाले इस कर्मियों को नगर निगम की तरफ से जितना भुगतान किया जाता था, उसका कुछ भाग ठेकेदार हजम कर रहे थे। नगर निगम ने 28 कार्यदायी संस्थाओं को नोटिस जारी की है, जिन्होंने सफाई कर्मचारियों के मानदेय से सात करोड़ 65 लाख रुपये की चोरी की थी। जांच रिपोर्ट आने के बाद नगर आयुक्त अजय कुमार द्विवेदी ने 28 कार्यदायी संस्थाओं को नोटिस जारी करते हुए उनसे यह रकम रिकवरी करने का आदेश दिया है। 

ठेकेदारों का यह खेल सालों से चल रहा है। इसका असर भी शहर की सफाई व्यवस्था पर पड़ता है। अफसर से लेकर नगर निगम सदन तक में इस मुद्दे पर कभी आवाज उठाई नहीं गई। कम कर्मचारियों को ड्यूटी पर दिखाकर अधिक कर्मचारियों का मानदेय भी ठेकेदार वसूल रहे थे। इतना ही नहीं नगर निगम की तरफ से मिलने वाले मानदेय में भी घपला कर रहे थे। सफाई व्यवस्था का निरंतर निरीक्षण करने के दौरान नगर आयुक्त अजय कुमार द्विवेदी को इस गड़बड़ी का पता चला था। निरीक्षण के दौरान पता चलता था कि कार्यदायी संस्था के संचालक शत-प्रतिशत सफाई कर्मचारियों को ड्यूटी पर नहीं लगाते हैं। कम कर्मचारियों को लगाने से सफाई कार्य भी प्रभावित रहता था और निरीक्षण में गंदगी ही गंदगी मिलती थी। नगर आयुक्त ने ठेकेदारों के इस कारनामे की जांच कराई तो बड़ा घपला सामने आ गया था।

जांच में पता चला कि नगर निगम प्रतिदिन सफाई कर्मचारियों का मानदेय 308.18 रुपये दे रहा है। तेरह प्रतिशत ईपीएफ, 3.25 प्रतिशत ईएसआईसी, पांच प्रतिशत उपकरण, तीन प्रतिशत सेवा प्रदाता संस्था को लाभांश के रूप में भुगतान होता है। इस रकम से सेवा प्रदाता संस्था को 308.18 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से वैधानिक कटौती के बाद अवशेष धनराशि सफाई कर्मचारियों की उपस्थिति के अनुसार उनके खाते में एनइएफटी और आरटीजीएस के माध्यम से भुगतान किया जाना था लेकिन, जांच के दौरान कार्यदायी संस्थाओं के अभिलेखों के परीक्षण से पता चला कि कई संस्थाएं सफाई कर्मियों को कम मानदेय दे रही हैं। नगर निगम की तरफ से सफाई कर्मचारियों को किए गए भुगतान में से कार्यदायी संस्थाओं ने 7,65,37,252 रुपये हजम कर लिया है। इस मामले में कुछ 28 कार्यदायी संस्थाओं का नाम सामने आया, जिन्हें नोटिस दी जा रही है। नगर आयुक्त ने बताया कि इस तरह की गड़बड़ी रोकने के लिए सभी तरह के संविदा कर्मचारियों का मानदेय डिजिटल करने के निर्देश दिए गए हैं।

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