कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी का सरकार पर तीखा हमला, उत्‍तर प्रदेश में महिला होना ही अपराध

कांग्रेस की प्रदेश प्रभारी ने बुधवार सुबह ट्वीट में लिखा कि उत्तर प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ ऐसे अपराध हो रहे हैं कि रूह कांप जाए लेकिन प्रदेश की सरकार सो रही है। महिलाओं के प्रति लगातार बढ़ रही अपराध की घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही हैं।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Wed, 23 Jun 2021 07:51 PM (IST) Updated:Thu, 24 Jun 2021 08:03 AM (IST)
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी का सरकार पर तीखा हमला, उत्‍तर प्रदेश में महिला होना ही अपराध
एनसीआरबी के आंकड़ों का द‍िया हवाला, हर दो घंटे में एक दुष्कर्म।

लखनऊ, [राज्य ब्यूरो]। महिलाओं के प्रति अपराध को लेकर कांग्रेस महासचिव प्रियंका वाड्रा ने प्रदेश सरकार पर तीखा हमला बोला है। मथुरा और हमीरपुर की घटनाओं का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में महिला होना ही अपराध है। नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों का हवाला देते हुए प्रियंका ने कहा कि प्रदेश में हर दो घंटे में एक दुष्कर्म की घटना हो रही है।

कांग्रेस की प्रदेश प्रभारी ने बुधवार सुबह ट्वीट में लिखा कि उत्तर प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ ऐसे अपराध हो रहे हैं कि रूह कांप जाए, लेकिन प्रदेश की सरकार सो रही है। मथुरा में एक वर्ष से लड़की को परेशान कर रहे गुंडों ने घर में घुसकर उसे छत से फेंक दिया, वहीं हमीरपुर में छेडख़ानी से परेशान युवती आत्महत्या करने को मजबूर हो गई। ऐसी घटनाओं को देखकर लगता है कि प्रदेश के जंगलराज में महिलाओं की सुरक्षा भी भगवान के भरोसे है। इसके बाद प्रदेश मुख्यालय से जारी बयान में प्रियंका ने कहा कि सरकार सत्ता संघर्ष में व्यस्त है, जबकि प्रदेश में महिलाओं के प्रति लगातार बढ़ रही अपराध की घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही हैं।

योगी सरकार इतनी आत्ममुग्ध है कि महिलाओं के प्रति बढ़े अपराध पर केंद्रीय संस्थान एनसीआरबी द्वारा दिए गए आंकड़ों को भी नकार दे रही है। वर्ष 2020 में उप्र में नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो द्वारा दिए गए आंकड़ों के मुताबिक, हर दो घंटे में एक दुष्कर्म की घटना को रिपोर्ट किया जाता है, जबकि बच्चों के खिलाफ दुष्कर्म का मामला हर 90 मिनट में दर्ज हुआ है। वर्ष 2018 में उप्र में दुष्कर्म के कुल 4322 मामले दर्ज हुए थे। इसका सीधा मतलब है कि हर रोज करीब 12 मामले हो रहे थे। वर्ष 2018 में महिलाओं के खिलाफ अपराध के 59,445 मामले दर्ज किए गए। यानी प्रतिदिन 162 घटनाएं दर्ज की गईं, जो वर्ष 2017 के मुकाबले सात फीसद ज्यादा हैं।

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