अब मर्दों वाली डाइट आसान करेगी वुमन रेसलर की फाइट, ब्रेकफास्ट और लंच में दिया जाता है ये सब

लखनऊ के साई सेंटर में चल रहे राष्ट्रीय कुश्ती कैंप में भारतीय महिला टीम के खुराक में किया गया बड़ा बदलाव। दैनिक जागरण से खास बातचीत में कॉमनवेल्थ गेम्स की गोल्ड मेडलिस्ट दिव्या काकरान ने साझा किए सीक्रेट फैक्ट्स।

By Divyansh RastogiEdited By: Publish:Sun, 17 Jan 2021 07:30 AM (IST) Updated:Mon, 18 Jan 2021 07:34 AM (IST)
अब मर्दों वाली डाइट आसान करेगी वुमन रेसलर की फाइट, ब्रेकफास्ट और लंच में दिया जाता है ये सब
राष्ट्रीय कुश्ती कैंप में भारतीय महिला टीम के खुराक में किया गया बड़ा बदलाव।

लखनऊ, जेएनएन। राजधानी के साई सेंटर में इन दिनों भारतीय महिला कुश्ती टीम का राष्ट्रीय कैंप चल रहा है। यहां, रियो ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता साक्षी मलिक, अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित एशियाई खेल की पदक विजेता दिव्या काकरान और पूजा ढांडा सहित देश की दो दर्जन महिला पहलवान टोक्यो ओलंपिक क्वालीफायर की तैयारी में जुटी हैं। वैसे तो यहां प्रत्येक वर्ष कुश्ती का राष्ट्रीय शिविर आयोजित किया जाता है। लेकिन, इस बार यह कैंप बिल्कुल अलग है। 

दरअसल, भारतीय कुश्ती संघ और साई प्रबंधन ने इस बार महिला पहलवानों की खुराक में बड़ा बदलाव किया है। सभी को मर्दों वाली खुराक दी जा रही है। ताकि, वे खेलों के महाकुंभ में मजबूती से फाइट कर देश को अधिक से अधिक पदक दिला सकें। उनकी खुराक में कुछ ऐसी चीजें शामिल की गई हैं, जिससे उनमें रोगों से लडऩे की क्षमता बढ़े और वे पुरुष पहलवानों की तरह ताकतवर बनें।

 

दैनिक जागरण से खास बातचीत में कॉमनवेल्थ गेम्स की गोल्ड मेडलिस्ट दिव्या काकरान कहती हैं, साई प्रबंध की तरफ से इस बार हम लोगों की खुराक में मल्टीविटामिन के साथ जिंक और विटामिन-सी से संबंधित फल और दवाइयां दी जा रही हैं। इसके अलावा खुराक में उन खाद्य पदार्थों का भी इस्तेमाल ज्यादा हो रहा है, जिसमें काम्पलेक्स और कार्बोहाइड्रेड की मात्रा ज्यादा है। उन्होंने बताया कि इस तरह की डाइट से रोग-प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है। क्योंकि हमें मैट पर ज्यादा देर तक जूझना पड़ता है। ऐसे में शरीर का मजबूत होना बहुत जरूरी है। 

 

दिव्या के मुताबिक, टीम के मुख्य कोच कुलदीप मलिक ने ही सेंटर प्रबंधन से बात करके महिला खिलाड़ियों का अलग डाइट चार्ट बनवाया है। इसकी निगरानी साई सेंटर के निदेशक खुद करते हैं। वह खिलाड़ियों से अक्सर पूछते भी हैं। हालांकि, दिव्या का मानना है कि इसके पीछे कोरोना भी एक कारण है।

ब्रेकफास्ट में चने और लंच में अंडा : साई के निदेशक संजय सारस्वत ने बताया कि खिलाड़ियों की खुराक पर पूरा ध्यान दिया जा रहा है। हर दिन विशेषज्ञ डायटीशियन से बात कर ऐसा मेन्यू तैयार किया जाता है। जिसमें 3500 से 4000 कैलोरी का भोजन होता है। पहलवानों की प्रतिरोधक क्षमता बढे़ इसके लिए उन्हें प्रोटीन, मिनरल, काम्पलेक्स कार्बोहाइड्रेट और सिम्पल कार्बोहाइड्रेट का भरपूर दिया जा रहा है। इस संबंध में डॉक्टरों से भी बात की गई। सुबह की शुरुआत चने और बादाम से होती है। इसके साथ अंडा, ब्रेड, शहद और दूध दिया जाता है। लंच के मेन्यू में दाल, चावल, रोटी और सलाद शामिल है। 

 

हफ्ते में चार दिन डिनर में नॉनवेज:  निदेशक के मुताबिक, महिला पहलवानों को सप्ताह में चार दिन मांसाहारी भोजन देने की व्यवस्था की गई है। इसमें मछली, रेड मीट और चिकेन खासतौर पर शामिल है। संजय सारस्वत बताते हैं, मांसाहार रात में दिया जाता है। क्योंकि सुबह और शाम के सत्र में महिलाएं सात घंटे ट्रेनिंग में पसीना बहाती हैं। इसके बाद खिलाड़ियों को कार्बोहाइड्रेट और हाई कैलोरी डाइट की जरूरत होती है। हालांकि, करीब दो वर्ष पहले तक पहलवानों को सप्ताह में सिर्फ एक बार ही मांसाहार दिया जाता था। लेकिन, इस बार खिलाड़ियों की तैयारी को लेकर किसी तरह की कोताही न बरतने का निर्देश है।

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