श्रीराम की मूर्ति से लगने से पहले होगी जमीन की तकनीकी जांच, सरकार ने गठित की कमेटी
रामनगरी में भगवान श्रीराम की भव्य एवं विशाल मूर्ति से पहले सरकार जमीन की करेगी जांच। गठित हुई कमेटी 15 दिन में सौंपेगी रिपोर्ट
अयोध्या, जेएनएन। राम मंदिर से पहले रामनगरी में भगवान श्रीराम की भव्य एवं विशाल मूर्ति लगाने की तैयारी तेज हो गई है। श्रीराम की मूर्ति लगाये जाने को लेकर 61 हेक्टेयर जमीन की जमीन की तकनीकी व विधिक जांच के लिए कमेटी गठित कर दी गई है। राजकीय निर्माण निगम के प्रबन्ध निदेशक की अध्यक्षता में गठित कमेटी 15 दिनों में शासन को अपनी विस्तृत रिपोर्ट सौंपेगी। अयोध्या के डीएम की ओर से नामित अधिकारी, निर्माण निगम के मुख्य वास्तुविद, महाप्रबन्धक, अयोध्या के जिला शासकीय अधिवक्ता और क्षेत्रीय पर्यटक अधिकारी इस कमेटी के सदस्य होंगे।
पर्यटन विभाग के प्रमुख सचिव जितेन्द्र कुमार ने एक आदेश जारी करते हुए कहा कि भगवान श्रीराम पर आधारित डिजिटल म्यूजियम, इण्टरप्रेटेशन, सेन्ट्रल लाइब्रेरी, पार्किंग, फूड प्लाजा, लैण्डस्केपिंग, श्रीराम की प्रतिमा एवं अन्य मूलभूत पर्यटक सुविधाओं की योजना के लिए चिह्नित जमीन की तकनीकी और विधिक जांच एक कमेटी करेगी। इसके अलावा प्रमुख सचिव ने अयोध्या के मुख्य अभियन्ता (सिंचाई) से चिह्नित भूमि के अधिग्रहण और खरीद के लिए अनापत्ति जल्द देने को कहा है।
भू स्वामियों से सहमति लेने की प्रक्रिया शुरू
अयोध्या जिला प्रशासन ने मीरापुर द्वाबा क्षेत्र के भू स्वामियों से सहमति प्राप्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। लेखपालों के माध्यम से भू स्वामियों को शासन की ओर से निर्धारित प्रारूप की प्रतिलिपि सौंपी गई है।
भूमि अधिग्रहण का फंसा पेंच
भूमि के अधिग्रहण में निर्धारित सर्किल रेट का पेच फंसा है। 65 काश्तकारों ने भूमि अधिग्रहण का विरोध किया था। इसके बाद सरयू नगर कॉलोनी विकास समिति की ओर से इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ में याचिका प्रस्तुत की गई। अदालत ने प्रकरण की सुनवाई करते हुए जिला प्रशासन को विधि सम्मत ढंग से भूमि अधिग्रहण का आदेश दिया है।