सीएम योगी आदित्यनाथ आज आएंगे अयोध्या, विष्णु महायज्ञ के समापन पर यज्ञ कुंड में डालेंगे आहुति

अयोध्या में विष्णु महायज्ञ के समापन पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ यज्ञ कुंड में आहुति डालेंगे। यज्ञ की पूर्णाहुति के साथ मुख्यमंत्री के संभावित आगमन की व्यापक तैयारी की जा रही है। वह सभा को भी संबोधित करेंगे तथा महर्षि आश्रम परिसर में ही रामनगरी के संतों के साथ भोजन करेंगे।

By Umesh TiwariEdited By: Publish:Wed, 01 Dec 2021 09:03 AM (IST) Updated:Wed, 01 Dec 2021 09:03 AM (IST)
सीएम योगी आदित्यनाथ आज आएंगे अयोध्या, विष्णु महायज्ञ के समापन पर यज्ञ कुंड में डालेंगे आहुति
सीएम योगी आदित्यनाथ आज विष्णु महायज्ञ के समापन पर अयोध्या आएंगे।

अयोध्या, जेएनएन। राष्ट्र की शांति, समृद्धि एवं विकास के संकल्प के साथ महर्षि रामायण विद्यापीठ ट्रस्ट की ओर से आयोजित हुए 'श्री विष्णु सर्व अद्भुत शांति महायज्ञ' का समापन परिक्रमा मार्ग स्थित महर्षि आश्रम में बुधवार को सुबह 10 बजे प्रस्तावित है। समापन के अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ यज्ञ कुंड में आहुति डालेंगे। यज्ञ की पूर्णाहुति के साथ मुख्यमंत्री के संभावित आगमन की व्यापक तैयारी की जा रही है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ यज्ञाहुति डालने के साथ सभा को भी संबोधित करेंगे तथा महर्षि आश्रम परिसर में ही रामनगरी के संतों के साथ भोजन करेंगे। इसके लिए आकर्षक यज्ञ मंडप तथा दो विशाल पंडाल बनाए जा रहे हैं। महायज्ञ के समापन सत्र में 101 पुरोहित मंत्रोच्चार के साथ विधि-विधान से पूजन करवाएंगे। यह महायज्ञ नोएडा के सेक्टर 110 स्थित महर्षि वैदिक परिसर में 17 से 27 नवंबर तक आयोजित किया गया था। महायज्ञ की अध्यक्षता रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती ने की।

महायज्ञ में पूरे देश से आए आचार्यों, विद्वानों एवं पुरोहितों ने विधि-विधान से धार्मिक गतिविधियां संचालित कराईं। आचार्य मनु भट्ट और आचार्य सतीश भट्ट सहित अन्य पुरोहितों ने मानव कल्याण के लिए देवताओं का आह्वान किया। प्रतिदिन 1008 से ज्यादा आहुतियां डाली गईं। महायज्ञ में उत्तर प्रदेश और बिहार सरकार के कई मंत्रियों, देश के शीर्ष नेताओं सहित दिल्ली, एनसीआर और आसपास के शहरों के हजारों लोग सम्मिलित हुए। 'श्री विष्णु सर्व अद्भुत शांति महायज्ञ' के आयोजक और महर्षि रामायण विद्यापीठ ट्रस्ट के मुख्य ट्रस्टी अजय प्रकाश श्रीवास्तव के अनुसार यज्ञ की पूर्णाहुति भगवान श्रीराम की नगरी अयोध्या में करने का प्रयोजन इसीलिए किया गया है कि अयोध्यावासी भी इस महायज्ञ का पुण्यलाभ प्राप्त कर सकें।

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