जिला पंचायत अध्यक्षों को सीएम योगी आद‍ित्‍यनाथ की नसीहत, कहा-अभी बचे हैं 2900 करोड़; विकास पर करें खर्च

योजना भवन में मंगलवार को आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि जिला पंचायत त्रिस्तरीय पंचायत व्यवस्था की सर्वाेच्च संस्था है। जिला पंचायत अध्यक्ष जिले का प्रथम नागरिक है। प्रदेश के सभी जिला पंचायत अध्यक्ष 15 से 65 लाख तक की आबादी का प्रतिनिधित्व करते हैं।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Tue, 28 Sep 2021 11:31 PM (IST) Updated:Wed, 29 Sep 2021 06:57 AM (IST)
जिला पंचायत अध्यक्षों को सीएम योगी आद‍ित्‍यनाथ की नसीहत, कहा-अभी बचे हैं 2900 करोड़; विकास पर करें खर्च
जिला पंचायत अध्यक्षों का एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम पंचायतीराज विभाग ने आयोजित किया।

लखनऊ, राज्य ब्यूरो। हाल ही में जिम्मेदारी संभालने वाले जिला पंचायत अध्यक्षों का एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम पंचायतीराज विभाग ने आयोजित किया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उन्हें सुशासन की परिभाषा समझाई, जनविश्वास पर खरा उतरने का गुरुमंत्र दिया। साथ ही कहा कि जिला पंचायतों के पास अभी 2900 करोड़ रुपया उपलब्ध है। प्राथमिकता तय कर इसे विकास कार्यों पर खर्च करें। साथ ही पंचायतों की आय बढ़ाने पर भी योगी ने जोर दिया।

योजना भवन में मंगलवार को आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि जिला पंचायत त्रिस्तरीय पंचायत व्यवस्था की सर्वाेच्च संस्था है। जिला पंचायत अध्यक्ष जिले का प्रथम नागरिक है। प्रदेश के सभी जिला पंचायत अध्यक्ष 15 से 65 लाख तक की आबादी का प्रतिनिधित्व करते हैं। अनेक देशों की आबादी भी इतनी नहीं है, इसलिए आप सभी की प्राथमिकता जनविश्वास पर खरा उतरने की होनी चाहिए। सुझाव दिया कि प्राथमिकता तय कर उसके अनुसार काम करेंगे तो सफलता अवश्य मिलेगी। कार्य पद्धति का आदर्श एवं प्रेरणा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की कार्य पद्धति होनी चाहिए। योगी ने कहा कि प्रशिक्षण का अपना महत्व है। प्रशिक्षण, पारस्परिक संवाद से एक-दूसरे के अनुभव से परिचित होने और अच्छे कार्यों को अंगीकार करने का अवसर देता है। बिना भेदभाव के प्रधानमंत्री द्वारा चलाई गईं जनहित की योजनाओं का उल्लेख करते हुए उन्होंने जिला पंचायत अध्यक्षों में 56 फीसद महिलाओं की संख्या पर प्रसन्नता जताई।

साथ ही कहा कि वर्तमान में जिला पंचायतों में 2900 करोड़ रुपये की धनराशि उपलब्ध है। इसका तेजी से सदुपयोग विकास कार्याें में किया जाना चाहिए। विभिन्न कार्यक्रमों के तहत शासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार जल्द कार्ययोजना तैयार कर उसके अनुरूप काम शुरू करें। जिला अधिकारी और मुख्य विकास अधिकारी से बात कर कार्ययोजना बनाएं। आय बढ़ाने पर जोर देते हुए कहा कि जिला पंचायतों के पास अपनी भूमि, बाजार आदि संसाधन हैं। जिला पंचायतें आत्मनिर्भर हो जाएं तो जनता के लिए उपयोगी सुविधाएं स्वयं विकसित कर सकती हैं। प्रदेश सरकार जल्द ही मातृभूमि योजना शुरू करने जा रही है। जिला पंचायत भी इस दिशा में काम कर सकती है।

कांजी हाउस को बनाएं गोसंवर्धन स्थल : मुख्यमंत्री ने कहा कि गोवंश कृषि परंपरा का आधार रहा है। आज भी इस पर लोगों की गहरी आस्था है। जिला पंचायत द्वारा कांजी हाउस का संचालन किया जाता है। कांजी हाउस को गोरक्षा और गोसंवर्धन स्थल के रूप में चलाना चाहिए। गोवंश आश्रय स्थलों में गोवंश के बेहतर रखरखाव, चारे, साफ-सफाई, गोवंश को सर्दी व गर्मी से बचाने की व्यवस्था होनी चाहिए। कार्यक्रम को पंचायतीराज मंत्री भूपेन्द्र सि‍ंह चौधरी, पंचायतीराज राज्यमंत्री उपेन्द्र तिवारी और अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सि‍ंह ने भी संबोधित किया।

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