राहुल गांधी के ट्वीट पर सीएम योगी आदित्यनाथ का पलटवार, कहा- यूपी की जनता को बदनाम करना छोड़ें
उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में समुदाय विशेष के एक बुजुर्ग व्यक्ति से मारपीट और जबरन धार्मिक नारे लगवाने के आरोपों पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी के ट्वीट पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बड़ा पलटवार किया है।
लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में समुदाय विशेष के एक बुजुर्ग व्यक्ति से मारपीट और जबरन धार्मिक नारे लगवाने के आरोपों पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी के ट्वीट पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बड़ा पलटवार किया है। सीएम योगी ने राहुल गांधी को नसीहत हेते हुए कहा है कि उत्तर प्रदेश की जनता को अपमानित करना और बदनाम करना छोड़ दें। वह सत्ता के लालच में मानवता को शर्मसार कर रहे हैं।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राहुल गांधी को नसीहत हेते हुए ट्विटर पर लिखा कि 'प्रभु श्री राम की पहली सीख है- 'सत्य बोलना' जो आपने कभी जीवन में किया नहीं। शर्म आनी चाहिए कि पुलिस द्वारा सच्चाई बताने के बाद भी आप समाज में जहर फैलाने में लगे हैं। सत्ता के लालच में मानवता को शर्मसार कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश की जनता को अपमानित करना, उन्हें बदनाम करना छोड़ दें।' प्रभु श्री राम की पहली सीख है-"सत्य बोलना" जो आपने कभी जीवन में किया नहीं। शर्म आनी चाहिए कि पुलिस द्वारा सच्चाई बताने के बाद भी आप समाज में जहर फैलाने में लगे हैं। सत्ता के लालच में मानवता को शर्मसार कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश की जनता को अपमानित करना, उन्हें बदनाम करना छोड़ दें। pic.twitter.com/FOn0SJLVqP — Yogi Adityanath (@myogiadityanath) June 15, 2021
गाजियाबाद में समुदाय विशेष से मारपीट और दाढ़ी काटे जाने की घटना पर हिंदुत्व के साथ सरकार को घेरने की कोशिश विपक्षी दलों ने तेज कर दी है। पुलिस द्वारा कई तथ्य सामने रखे जाने के बावजूद विपक्षी नेता इसे सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश में जुटे हैं। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के ऐसे ही ट्वीट पर पलटवार करते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ ने राहुल को सत्ता के लालच में मानवता को शर्मसार करने वाला बताया।
उल्लेखनीय है कि सीएम योगी आदित्यनाथ ने यह जवाब राहुल गांधी के उस ट्वीट के जवाब में दिया, जिसमें उन्होंने लिखा था- 'मैं ये मानने को तैयार नहीं हूं कि श्रीराम के सच्चे भक्त ऐसा कर सकते हैं। ऐसी क्रूरता मानवता से कोसों दूर है और समाज व धर्म, दोनों के लिए शर्मनाक है।' इसी तरह समाजवादी पार्टी व अन्य दलों के नेता भी इस मुद्दे को लेकर सरकार को कठघरे में खड़ा करने का प्रयास कर रहे हैं।
दरअसल, इंटरनेट मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें समुदाय विशेष के एक बुजुर्ग व्यक्ति ने चार अज्ञात लोगों पर गाजियाबाद में सुनसान पड़े एक मकान में ले जाकर उसे 'जय श्रीराम' का नारा लगाने के लिए मजबूर करने, पिटाई करने और दाढ़ी काटने का आरोप लगाया है। हालांकि, गाजियाबाद पुलिस ने कहा है कि वह पांच जून को हुई इस कथित घटना में पहले ही प्राथमिकी दर्ज कर चुकी है, लेकिन दो दिन बाद सात जून को पुलिस को इसकी सूचना दी गई। बुलंदशहर के निवासी अब्दुल समद ने अपनी शिकायत में इस तरह के आरोप नहीं लगाए हैं जैसे कि वीडियो में लगाए गए हैं। इस मामले में पुलिस परवेश गुर्जर नाम के एक व्यक्ति को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। अमित पाठक ने कहा कि पुलिस ने पीड़ित को जांच में शामिल होने के लिए बार-बार बुलाया, लेकिन वह कभी पुलिस के पास वापस नहीं आया।
ट्विटर समेत नौ पर एफआइआर : गाजियाबाद के लोनी में आटो चालक व अन्य युवकों द्वारा बुजुर्ग की पिटाई व दाढ़ी काटने का वीडियो वायरल होने के मामले में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। एसएसपी अमित पाठक के आदेश पर लोनी बॉर्डर थाने में ट्विटर की दो कंपनियों, मीडिया संस्थान द वॉयर, मोहम्मद जुबैर, राना अय्यूब, सलमान निजामी, मसकूर उस्मानी, समा मोहम्मद और शबा नकवी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया किया है। पुलिस व खुफिया एजेंसियों की जांच में सामने आया है कि सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने के लिए सुनियोजित तरीके से वीडियो वायरल किया गया था। पुलिस ने बताया कि खुफिया एजेंसियों की जांच में सामने आया कि वीडियो वायरल करने के पीछे लोनी के एक नेता का हाथ है। उधर, मंगलवार को बुजुर्ग की पिटाई के दो आरोपितों को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने को वीडियो वायरल किया : सीओ अतुल सोनकर ने बताया कि घटना के नौ दिन बाद अचानक इसका वीडियो वायरल कर दिया गया। साथ ही वीडियो वायरल करने वाले लोगों ने पोस्ट में लिखा कि नारे नहीं लगाने पर बुजुर्ग की पिटाई की गई है। सोमवार को मामले में बुजुर्ग से पूछताछ की गई तो उन्होंने नारे लगवाने की बात से इन्कार कर दिया। क्षेत्राधिकारी ने बताया कि खुफिया एजेंसियों की जांच में सामने आया कि वीडियो वायरल करने के पीछे लोनी के एक नेता का हाथ है। उसी ने बुजुर्ग को भड़काया और गलत अफवाह फैलाई। सूत्रों की मानें अन्य आरोपितों में कुछ मीडियाकर्मी भी शामिल हैं। इसके साथ ही ट्विटर ने इस वीडियो को हटाने की कार्रवाई नहीं की। देर रात मामले की रिपोर्ट दर्ज की गई है। क्षेत्राधिकारी ने बताया कि जल्द ही मामले में आरोपितों की गिरफ्तारी की जाएगी।