सीएम योगी आद‍ित्‍यनाथ बोले, आतंकवादियों के मुकदमे वापस लेने वाली सरकार दलितों को झूठे केस में फंसाती थी

मुख्यमंत्री योगी बुधवार को महानगर के अलीगंज स्थित पंचायत सभागार में भाजपा के पाल और बघेल समाज के सामाजिक प्रतिनिधि सम्मेलन को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्‍होंने दलित संत बाबा दुर्लभ दास को स्मरण कर श्रद्धांजलि दी।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Wed, 27 Oct 2021 06:04 PM (IST) Updated:Wed, 27 Oct 2021 06:04 PM (IST)
सीएम योगी आद‍ित्‍यनाथ बोले, आतंकवादियों के मुकदमे वापस लेने वाली सरकार दलितों को झूठे केस में फंसाती थी
भाजपा का सामाजिक प्रतिनिधि सम्मेलन : विपरीत परस्थितियों में भी बाबा साहब ने लड़ी दबे-कुचलों की लड़ाई।

लखनऊ, जेएनएन। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने परोक्ष रूप से प्रदेश की पिछली सपा सरकार पर एक बार फिर हमला किया है। उन्होंने कहा कि अयोध्या में भगवान श्रीराम की जन्मभूमि पर हमला करने वाले आतंकवादियों और दंगाइयों के ऊपर से मुकदमा वापस लेने वाली सरकार दलितों पर झूठे केस दर्ज कर फंसाती थी । ऐसे लोग दलित समाज के कभी हितैषी नहीं हो सकते हैं । वहीं भाजपा सरकार में आज दलित समाज का कोई बालबांका भी नहीं कर सकता। सरकार बिना किसी भेदभाव के शासन की योजनाओं से समाज के हर व्यक्ति के जीवन में खुशहाली ला रही है। कोरोना कालखंड में हर व्यक्ति का जीवन बचाने का एक माडल खड़ा किया गया ।

मुख्यमंत्री योगी, बुधवार को महानगर के अलीगंज स्थित पंचायत सभागार में भाजपा के पाल और बघेल समाज के सामाजिक प्रतिनिधि सम्मेलन को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे । दलित संत बाबा दुर्लभ दास को स्मरण कर श्रद्धांजलि देते हुए सीएम योगी ने कहा कि आजादी के समय दो लोग थे, जो दलित समाज की आवाज बने थे । इनमें एक भारत रत्न बाबा साहब डा. भीमराव अंबेडकर और दूसरे आजादी के कालखंड में बंगाल में पैदा हुए योगेन्द्र नाथ मंडल थे । विद्वता और सामाजिक आंदोलन में दोनों आगे बढ़ रहे थे । बाबा साहब सदैव देश की एकता, सुरक्षा और अखंडता के पक्षधर थे। उन्होंने कभी पाकिस्तान का समर्थन नहीं किया। उनका मानना था कि देश में रहते हुए समाज के दबे-कुचलों और वंचितों की लड़ाई लड़ी जा सकती है। उनका हित सुरक्षित रखा जा सकता है। आजाद भारत के वह पहले कानून मंत्री बने। समाज में फैली सामाजिक बुराइयों की विपरीत परिस्थितियों में दलितों और वंचितों के हक की लड़ाई लड़ी।

संविधान निर्माण में उनकी अग्रणी भूमिका थी। आज देश उन्हें आदर और सम्मान के साथ याद करता है। वहीं योगेन्द्रनाथ मंडल पाकिस्तान के हिमायती थे । आजादी के बाद पाकिस्तान चले गये और वहाँ के पहले कानून मंत्री बने, लेकिन उनके सामने ही पाकिस्तान में जब हिन्दुओं और दलितों के कत्लेआम होने लगे तो भागकर हिन्दुस्तान चले आये । भारत में 1950 से लेकर 1965 तक गुमनामी में निर्वासित जीवन बिताना पड़ा। आज उनका कोई नाम तक नहीं लेता है। मुख्यमंत्री योगी ने दलित समाज का आह्वान किया कि घर-घर जाकर लोगों को शासन की योजनाओं और नीतियों से अवगत कराएं कि भाजपा सरकार बिना किसी भेदभाव के दलितों, वंचितों का विकास करती है। भाजपा में दलित समाज का कोई उत्पीड़न नहीं कर सकता है।

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