सीएम योगी आदित्यनाथ का निर्देश- कर्मचारी संगठनों से बतचीत के लिए गठित करें उच्च स्तरीय कमेटियां

अपनी मांगों को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार पर दबाव बनाने के लिए आये दिन आंदोलन की चेतावनी देने वाले कर्मचारी संगठनों की सुध लेते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनसे बातचीत करने के लिए उच्च स्तरीय कमेटियां गठित करने का निर्देश दिया है।

By Umesh TiwariEdited By: Publish:Fri, 22 Oct 2021 10:25 PM (IST) Updated:Fri, 22 Oct 2021 10:25 PM (IST)
सीएम योगी आदित्यनाथ का निर्देश- कर्मचारी संगठनों से बतचीत के लिए गठित करें उच्च स्तरीय कमेटियां
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राज्य सरकार कर्मचारियों के हित संरक्षण के लिए संकल्पित है।

लखनऊ, जेएनएन। अपनी मांगों को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार पर दबाव बनाने के लिए आये दिन आंदोलन की चेतावनी देने वाले कर्मचारी संगठनों की सुध लेते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनसे बातचीत करने के लिए उच्च स्तरीय कमेटियां गठित करने का निर्देश दिया है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर कर्मचारी संगठनों से वार्ता के लिए कृषि उत्पादन आयुक्त (एपीसी) आलोक सिन्हा और अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त (आइआइडीसी) संजीव मित्तल की अध्यक्षता में अलग-अलग उच्च स्तरीय कमेटियां गठित की जाएंगी।

यूपी में विधानसभा चुनाव की आहट तेज होते ही कर्मचारियों के संगठनों की गतिविधियां तेज हो गई हैं। वे अपनी मांगों को लेकर मुखर होने के साथ आंदोलन व धरना-प्रदर्शन की चेतावनी भी दे रहे हैं। चुनाव के मौके पर सरकार कर्मचारियों को नाराज नहीं करना चाहती है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को उच्च स्तरीय बैठक के दौरान कहा कि कर्मचारी संगठनों, आशा कार्यकर्ताओं, बेसिक शिक्षा विभाग से जुड़े प्रकरणों को लेकर कुछ संगठन मांग व प्रदर्शन कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राज्य सरकार कर्मचारियों के हित संरक्षण के लिए संकल्पित है। इस दिशा में अनेक प्रयास किये गए हैं। कर्मचारियों की समस्याओं के निराकरण के लिए उन्होंने अलग-अलग उच्च स्तरीय कमेटियां गठित कर संगठनों से संवाद करने का निर्देश दिया है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश के क्रम में कार्मिक विभाग ने कृषि उत्पादन आयुक्त और अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त की अध्यक्षता में दो उच्च स्तरीय कमेटियां गठित करने की कार्यवाही शुरू कर दी है। इन कमेटियों में विभिन्न विभागों के अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव होंगे। वित्त और कार्मिक विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी इन कमेटियों के सदस्य होंगे। यह कमेटियां विभिन्न कर्मचारी संगठनों से वार्ता कर उनकी समस्याओं का निराकरण करेंगी।

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