यूपी में जरूरतमंदों को म‍िलेगा भरण-पोषण भत्ता, सीएम योगी आद‍ित्‍यनाथ ने द‍िए व्‍यवस्‍था लागू करने के न‍िर्देश

कोविड काल में पिछले वर्ष जिस तरह रिक्शा चालकों पटरी व्यवसायियों निर्माण श्रमिकों अंत्योदय श्रेणी के लोगों व अन्य गरीब परिवारों को भरण-पोषण भत्ता व परिवार के प्रत्येक सदस्य को राशन दिया था उसी तरह फिर मदद दी जाएगी।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Fri, 16 Apr 2021 10:39 PM (IST) Updated:Sat, 17 Apr 2021 08:12 AM (IST)
यूपी में जरूरतमंदों को म‍िलेगा भरण-पोषण भत्ता, सीएम योगी आद‍ित्‍यनाथ ने द‍िए व्‍यवस्‍था लागू करने के न‍िर्देश
प्रवासी श्रमिक-कामगारों के लिए हर जिले में क्वारंटाइन सेंटर।

लखनऊ, [राज्य ब्यूरो]। कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रसार के बीच योगी सरकार एक बार फिर गरीबों, असहायों और श्रमिकों की मदद के लिए आगे आई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि प्रदेश सरकार प्रत्येक नागरिक के जीवन और जीविका की सुरक्षा के लिए संकल्पित है। कोविड काल में पिछले वर्ष जिस तरह रिक्शा चालकों, पटरी व्यवसायियों, निर्माण श्रमिकों, अंत्योदय श्रेणी के लोगों व अन्य गरीब परिवारों को भरण-पोषण भत्ता व परिवार के प्रत्येक सदस्य को राशन दिया था, उसी तरह फिर मदद दी जाएगी।

सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि शुक्रवार को उच्चस्तरीय बैठक में सीएम योगी ने कहा कि पिछले वर्ष राज्य सरकार द्वारा कोविड-19 की चुनौती का सामना करने के साथ ही विभिन्न कार्यों को आगे बढ़ाया गया था। उत्तर प्रदेश पहला राज्य था, जिसने श्रमिकों, स्ट्रीट वेंडर, रिक्शा चालकों, कुलियों, पल्लेदारों आदि को भरण-पोषण भत्ता ऑनलाइन उपलब्ध कराया था। संगठित क्षेत्र के श्रमिकों को दो बार और असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को एक बार भरण-पोषण भत्ता दिया गया। इसके साथ ही, 15 दिन के लिए राशन की किट भी दी गई। राशन कार्ड बाध्यता समाप्त कर माह में दो बार सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से राशन उपलब्ध कराया गया। बड़े पैमाने पर कम्युनिटी किचन की व्यवस्था की गई। योगी ने कहा कि इस वर्ष भी जरूरतमंदों को भरण-पोषण भत्ता और राशन उपलब्ध कराया जाएगा। अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि भरण-पोषण भत्ता के पात्र लोगों की सूची अपडेट कर ली जाए। इसी तरह राशन वितरण की व्यवस्था की समीक्षा कर लें।

मुख्य सचिव ने मांगी क्वारंटाइन सेंटरों की सूची

कोरोना के प्रसार के साथ ही दूसरे प्रदेशों से पलायन कर रहे प्रवासी श्रमिक-कामगार उत्तर प्रदेश लौटने लगे हैं। महाराष्ट्र, दिल्ली समेत दूसरे राज्यों से आ रहे मजदूरों के लिए सभी जिलों में क्वारंटाइन सेंटर बनाने का निर्देश मुख्यमंत्री पहले ही दे चुके हैं। इन प्रवासी मजदूरों की जांच कर रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर इन सेंटर में रखा जाएगा। मुख्य सचिव आरके तिवारी ने सभी जिलाधिकारियों से क्वारंटाइन सेंटरों की सूची तत्काल मांगी है।

प्रवासी मजदूरों की मदद पर हार्वर्ड विश्वविद्यालय ने की प्रशंसा

पिछले वर्ष कोरोना काल के दौरान प्रदेश के श्रमिक-कामगारों, ठेला, खोमचा, रेहड़ी लगाने वाले या दैनिक कार्य करने वाले सभी लोगों के लिए भरण-पोषण की व्यवस्था की गई। इसकी प्रशंसा हार्वर्ड विश्वविद्यालय ने भी की। विश्वविद्यालय ने अपने अध्ययन में कहा कि योगी सरकार ने कोरोना संक्रमण के दौरान प्रवासी कामगारों व श्रमिकों को सभी तरह की सुविधाएं पहुंचाईं। 

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