गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर पुलिस कर्मियों को बड़ा तोहफा, मिलेगी बेहतर आवासीय सुविधा

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रदेश की कानून एवं व्यवस्था को और अधिक सुदृढ़ बनाने के साथ ही अपराध स्थिति पर प्रभावी नियंत्रण तथा विभिन्न स्थानों में तैनात पुलिस कर्मियों को बेहतर आवासीय सुविधाएं उनके कार्य स्थल के निकट उपलब्ध कराये जाने के प्रयास तेज हो रहे हैं।

By Dharmendra PandeyEdited By: Publish:Mon, 25 Jan 2021 07:15 PM (IST) Updated:Mon, 25 Jan 2021 07:17 PM (IST)
गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर पुलिस कर्मियों को बड़ा तोहफा, मिलेगी बेहतर आवासीय सुविधा
मुख्यमंत्री की घोषणा के परिप्रेक्ष्य में 584 निर्माण कार्य प्रचलित हैं

लखनऊ, जेएनएन। गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर प्रदेश के पुलिस कर्मियों को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आधुनिक उपकरणों के साथ बेहतर आवास की सौगात दी है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रदेश की कानून एवं व्यवस्था को और अधिक सुदृढ़ बनाने के साथ ही अपराध स्थिति पर प्रभावी नियंत्रण तथा विभिन्न स्थानों में तैनात पुलिस कर्मियों को बेहतर आवासीय सुविधाएं उनके कार्य स्थल के निकट उपलब्ध कराये जाने के प्रयास तेज हो रहे हैं। मुख्यमंत्री के निर्देशों एवं घोषणाओंं में अब तक हुई प्रगति की समीक्षा शनिवार को उनके आवास पर सम्पन्न बैठक में की गई। इस दौरान प्रदेश में पुलिस विभाग की विभिन्न इकाईयों के अब तक के सभी क्रिया-कलापों की गहन समीक्षा की गई।

प्रदेश अग्नि दुघर्टनाओं से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए नए फायर स्टेशन खोल जाने, विवेचना में वैज्ञानिक तथ्यों का अधिकाधिक समावेश करने के लिए फोरेंसिक विश्वविद्यालय की स्थापना की दिशा में किये जाने वाले प्रयासों में और अधिक तेजी लाये जाने के निर्देश दिये गये हैं। उत्तर प्रदेश में पुलिस विभाग के लिए बेहतर आवासीय एवं अनावासीय सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए अभियान चलाकर कार्यवाही की जा रही है। मुख्यमंत्री ने प्रदेश के पुलिस कॢमयों को उनके कार्यस्थल पर बेहतर आवास सुविधाएं तथा उनके कार्य सम्पादन के लिए बेहतर कार्य संस्कृति के लिए उपयुक्त वातावरण उपलब्ध कराने के लिए अनावासीय भवनों के निर्माण कार्यो को भी प्राथमिकता से कराने के निर्देश दिये हैं।

अपर मुख्य सचिव, गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया है कि अभी तक 243 आवासीय एवं अनावासीय निर्माण कार्य पूरा कर उन्हेंं सम्बन्धित इकाई को हस्तगत किया जा चुका है, जिसपर 1101 करोड़ रूपये से अधिक की धनराशि व्यय की गयी है। उन्होंने प्रमुख निर्माण कार्यों का ब्यौरा देते हुये बताया कि 141 थानों पर पुरूष व महिला बैरकों का निर्माण, 16 थानों पर आवासीय भवन, 08 अग्निशमन केन्द्र, 04 पुलिस अधीक्षक कार्यालय, 08 पुलिस लाइन्स बैरक आदि प्रमुख हैं।

अवस्थी ने बताया कि मुख्यमंत्री की घोषणा के परिप्रेक्ष्य में 584 निर्माण कार्य प्रचलित हैं, जिसके लिये 2770 करोड़ रूपये से अधिक की धनराशि स्वीकृत की गयी है। इस धनराशि से 317 थानों पर हॉस्टल, 30 पीएसी बैरक, 88 पुरूष /महिला हॉस्टल, 35 ट्रांजिस्ट हॉस्टल, 61 अग्निशमन केन्द्र तथा 53 थानों व चैकियों पर आवासीय एवं अनावासीय भवनों का निर्माण कार्य विभिन्न कार्यदायी संस्थाओं से कराया जा रहा है। इसके अलावा मुख्यमंत्री की घोषणा के परिप्रेक्ष्य में अभी 66 अग्निशमन केन्द्रों के अलावा 37 थानों के नये प्रशासनिक भवन एवं 37 थानों के नये आवासीय भवन, 1425 थानों पर हॉस्टल/बैरक व विवेचना कक्ष, 68 पुलिस लाइन्स में ट्रांजिस्ट हॉस्टल एवं महिला व पुलिस बैरक, 31 पीएसी वाहिनियों में 200 जवानों की क्षमता युक्त 31 बैरक, 13 नई चैकियों के प्रशासनिक भवन, 11 नई चैकियों के आवासीय भवन के निर्माण कार्य प्रस्तावित है।

मुख्यमंत्री जी की घोषणा के अलावा भी प्रदेश में कुल 295 अन्य निर्माण कार्य भी प्रस्तावित हैं। जिसपर 1882 करोड़ से अधिक की धनराशि व्यय होगी। इस धनराशि से प्रदेश में 23 थानों के प्रशासनिक भवन, पांच महिला थानों के प्रशासनिक भवन, तीन चैकियों के प्रशासनिक भवन, एक पीएसी वाहिनी, विधि विज्ञान विश्वविद्यालय, 22 अग्निशमन केंद्र, एक प्रशिक्षण संस्थान तथा 41 आवासीय व 185 अन्य अनावासीय भवनों का निर्माण किया जायेगा।

प्रदेश में अग्निकाण्ड से होने वाली आपदाओं में जन-धन की हानि में कमी लाने के लिए तहसील स्तरों पर फायर स्टेशनों के निर्माण कार्य को प्राथमिकता दी गयी है। प्रदेश में कुल तहसीलों की संख्या 350 है, जिसमें से कुल तहसीलें जिन पर फायर स्टेशनों की स्वीकृति है उनकी संख्या 280 है। 66 नये फायर स्टेशन मुख्यमंत्री की घोषणा से आच्छादित हैं। इन 66 अग्निशमन केन्द्रों हेतु विभिन्न श्रेणी के कुल 1716 पदों का सृजन किया जा चुका है।

अग्निशमन विभाग की ओर से जिन भवनों के लिए अनापत्ति प्रमाण-पत्र की आवश्यकता होती है, उस व्यवस्था को तकनीकी से जोड़ा गया है। इसके लिए बनाये गये निवेश-मित्र पोर्टल को उच्चीकृत कर उसे पूर्णत डिजिटलाइज्ड किया गया है, जिसमें एनओसी निर्गमन की समयबद्धता समाहित है। इसके साथ ही यूजर को विभाग की सेवा के बार में फीडबैक की सुविधा देकर इस व्यवस्था में पारदर्शीता श-प्रतिशत सुनिश्चित कर दी गयी। इसके अलावा मुख्यमंत्री जी के डैशबोर्ड को ई-डिस्ट्रिक्ट पोर्टल से इन्टीग्रेट कर दिया गया है। प्रदेश के 75 जनपदों से अनापत्ति के लिए अब तक 16,575 आवेदन प्राप्त हुये हैं, जिनमें से 11,729 का अनुमोदन तथा 2,219 आवेदनों को निरस्त किया जा चुका है तथा शेष पर कार्यवाही चल रही है।

पुलिस विवेचना की गुणवत्ता में वृद्धि एवं उसमें अधिकाधिक वैज्ञानिक तथ्यों का समावेश करने के लिए फॉरेंसिक सांइस के उपयोग को बढावा दिया गया है। व्यावहारिक विज्ञान प्रौद्योगकीय एवं प्रबन्धन के क्षेत्र में अभिनव शिक्षा प्रदान कर प्रशिक्षित जनशक्ति को तैयार किये जाने के उद्देश्य से प्रशिक्षण अनुसंधान के लिए सेंटर ऑफ एक्सलेंस की स्थापना किये जाने का निर्णय लिया गया है। इसके तहत यूपी स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ फारेंसिक सांइस की स्थापना लखनऊ मे की जा रही है। जिससे इससे मिली जनशक्ति आपराधिक मामलों की जांच एवं प्रौद्योगकीय में विशेषज्ञता प्राप्त किये हुये हो, जिससे अपराधियों को वैज्ञानिक साक्ष्यों के आधार पर अधिकाधिक सजा दिलाने में सफलता मिल सके। नये खुलने वाले फॉरेंसिक विश्वविद्यालय के लिए लखनऊ के थाना सरोजनीनगर के ग्राम पिपरसण्ड में जगह चिन्हित की गयी है तथा वित्त विभाग ने 213 करोड़ रूपये की परियोजना को मंजूरी प्रदान की गयी है। इंस्टीट्यूट का साइट प्लान एवं ले-आउट प्लान अनुमोदित किया जा चुका है। राष्ट्रीय न्यायालयिक विज्ञान विश्वविद्यालय से इसकी सम्बद्धता प्रस्तावित है तथा डा0 एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय लखनऊ से एमओयू भी प्रस्तावित हैं।

अपराधियों पर बेहद सख्ती:अपर मुख्य सचिव, गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि 20 मार्च 2017 से 31 दिसम्बर 2020 के मध्य 10,114 अपराधी गिरफ्तार कर जेल भेजे गये हैं। जिनमें 9,232 अपराधी 25 हजार के इनामी, 791 अपराधी 25-50 हजार के इनामी तथा 91 अपराधी 50 हजार रूपये से अधिक के इनामी अपराधी हैं। गैंगेस्टर एक्ट में 12,032 अभियोग पंजीकृत कर 37,511 अभियुक्तों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया। गैंगेस्टर एक्ट में 9 अरब 33 करोड़ 33 लाख रूपये से अधिक मूल्य की चल/अचल सम्पत्तियों के जब्तीकरण की कार्यवाही की गयी। 525 अभियुक्तों के विरूद्ध रासुका के अन्तर्गत निरूद्ध किया गया। माफियाओं एवं गैंगेस्टर एक्ट में वांछित अपराधियों को चिन्हित कर उनके विरूद्ध अभियान चलाकर कार्यवाही की गयी। इसके तहत 25 कुख्यात माफिया अपराधियों को चिन्हित कर उनके तथा उनके गिरोह के अपराधियों व सहयोगियों के विरूद्ध कार्यवाही करते हुये लगभग 475 करोड़ रूपये से अधिक मूल्य की अवैध सम्पत्तियों पर सरकारी जमीन अवमुक्त कराने, ध्वस्तीकरण व उसके जब्तीकरण की कार्यवाही की जा चुकी है। गैंगेस्टर एक्ट के तहत सर्वाधिक कार्यवाही वर्ष 2020 में की गयी जिसके तहत कुल 926 प्रकरणों में 798. 79 करोड़ रूपये मूल्य की सम्पत्ति पर कार्यवाही की गई, जबकि वर्ष 2018 में यह आंकड़ा 82 प्रकरणों में 57.30 करोड़ रूपये था।

महिलाओं एवं बालिकाओं को और अधिक बेहतर सुरक्षित परिवेश प्रदान करने तथा महिला अपराधों पर प्रभावी अंकुश लगाने के उद्देश्य से प्रदेश भर में एण्टी रोमियों स्क्वाड का गठन कर अब तक 39,36,919 स्थानों पर चेंकिग के दौरान 98,55,867 व्यक्तियों को चेक किया गया। इसमें कार्यवाही के फलस्वरूप 9,948 अभियोग पंजीकृत कर 14,958 व्यक्तियों के विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही की गयी है साथ ही 41,21,745 व्यक्तियों को भविष्य में गलती न करने की चेतावनी दी गयी है।

सीएए के विरोध प्रदर्शन में प्रदेश में कुल 510 पंजीकृत अभियोग 7304 व्यक्तियों के विरूद्ध पंजीकृत हुये। इनमें कुल 4578 अभियुक्तगण के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही करते हुये कुल 312 अभियोगों में आरोप पत्र प्रेषित किया गया। कोरोना संक्रमण के दौरान तत्परता एवं दृढ़ता से पुलिस ने पूरी लगन एवं निष्ठा से विषम परिस्थितियों के बावजूद पूर्ण मनोयोग एवं संवेदनशीलता के साथ भारत सरकार व प्रदेश सरकार के दिशा-निर्देशों का शत-प्रतिशत अनुपालन सुनिश्चित कराने के साथ-साथ समर्पण की भावना से जनता की सेवा की गई उससे पुलिस का मानवीय चेहरा भी सामने आया है। 

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