CM योगी आदित्यनाथ का दावा- यूपी विधानसभा चुनाव में जीतेंगे 350 से ज्यादा सीटें, बोले- दिया सुरक्षा व सुशासन का माडल
भाजपा सरकार के साढ़े चार साल पूरे होने पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह कार्यकाल उत्तर प्रदेश के लिए सुरक्षा और सुशासन की दृष्टि से महत्वपूर्ण है। उन्होंने दावा किया कि वर्ष 2022 में भाजपा 350 से अधिक सीटें जीतेगी।
लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। अपने साढ़े चार साल की उपलब्धियां मूसलधार बारिश के अंदाज में गिनाने के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पिछली सरकारों पर तीखे आरोपों की बिजलियां भी गिराते चले। प्रधानमंत्री आवास योजना में गरीबों को दिए गए 42 लाख आवासों का जिक्र करते हुए चुटकी ली कि पूर्व के मुख्यमंत्रियों में अपनी हवेली बनाने की होड़ रहती थी, जबकि हमने गरीबों के घर बनाए। अपने शासनकाल में साढ़े चार लाख युवाओं को सरकारी नौकरी का आंकड़ा गिनाया तो विपक्ष भी निशाने पर रहा। बोले कि 2017 से पहले भर्तियों के साथ ही एक खानदान वसूली के लिए निकल पड़ता था। सीएम योगी ने कहा कि अब यूपी ने सुरक्षा और सुशासन का माडल दिया है, इसलिए 2022 में भाजपा 350 से अधिक सीटें जीतेगी।
योगी सरकार के साढ़े चार साल रविवार को पूरे हुए। लोकभवन में विकास कार्यों की पुस्तिका का विमोचन करने के साथ ही उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाईं। कहा कि यह कार्यकाल उत्तर प्रदेश के लिए सुरक्षा और सुशासन की दृष्टि से महत्वपूर्ण है। दुनिया में प्रदेश की छवि बदलने का दावा करते हुए इसका श्रेय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, सरकार-संगठन के समन्वय और अधिकारियों के टीमवर्क को दिया।
साढ़े चार साल में कोई दंगा नहीं, माफिया-अपराधियों पर हुई कार्रवाई : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पहले माफिया-गुंडे, सत्ता के शागिर्द बनकर भय का माहौल बनाते थे। दंगे इस प्रदेश की पहचान थे। साढ़े चार साल में कोई दंगा नहीं हुआ। माफिया-अपराधियों पर जाति, धर्म व मजहब देखे बिना कार्रवाई हुई है। बिना किसी का नाम लिए सीएम ने कहा कि पहले मुख्यमंत्रियों में अपने आवास-हवेली बनाने की प्रतिस्पर्धा चलती थी। हमने अपने आवास नहीं, 42 लाख गरीबों के घर बनाए। यही सुशासन है। सर्वांगीण विकास ही नए उत्तर प्रदेश की पहचान है।
4.5 लाख सरकारी नौकरियां देने का दावा : अपने कार्यकाल में 4.5 लाख सरकारी नौकरियां पारदर्शिता से देने का दावा करते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह नौकरियां चेहरा नहीं, योग्यता देखकर दी हैं। भाजपा शासन से पहले प्रदेश में वर्षों से नियुक्तियां लंबित थीं, क्योंकि पिछली सरकारों की सोच नहीं थी। भर्तियां निकलते ही पूरा खानदान वसूली के लिए निकल पड़ता था। इस शासनकाल में न्यायालय को किसी भर्ती में स्थगन आदेश नहीं देना पड़ा। अधिकारियों के तबादलों को लेकर भी मुख्यमंत्री ने पिछली सरकारों पर निशाना साधा। कहा कि 2017 से पहले ट्रांसफर-पोस्टिंग उद्योग था। हर पद बिकता था। अब कोई ऐसा आरोप नहीं लगा सकता। इस सरकार में प्रशासन में स्थिरता रही। पहले अफसर दो-तीन महीने में ताश के पत्तों की तरह फेंट दिए जाते थे।
फर्जी बने थे राशन कार्ड, भूख से मरते थे गरीब : सीएम योगी ने खाद्यान्न घोटाले का भी जिक्र किया। बोले कि प्रदेश में 2005-06 में खाद्यान्न घोटाला हुआ। आज भी सीबीआइ जांच चल रही है। आरोप लगाया कि 2017 से पहले यहां भूख से मौतें होती थीं। मुख्यमंत्री बनने के बाद कई इलाकों में जाकर देखा तो पता चला कि उन गरीबों के राशन कार्ड भी नहीं बने थे, जबकि कार्डों की संख्या चालीस लाख थी। सत्यापन कराने पर सच्चाई सामने आई। फर्जी राशन कार्ड से गरीबों का राशन हड़पा जा रहा था। वह निरस्त कराकर पात्रों के कार्ड बनवाए। अब उन्हें राशन मिल रहा है और सरकार का 1200 करोड़ रुपया सालाना बच रहा है। अतिथियों का स्वागत मुख्य सचिव आरके तिवारी ने किया और आभार अपर मुख्य सचिव सूचना नवनीत सहगल ने जताया।