सीएसआर कॉनक्लेव- सामाजिक विकास में भागीदार बनें उद्योग : योगी आदित्यनाथ
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सीएसआर के तहत कॉर्पोरेट जगत से शौचालय निर्माण, संस्कृत विद्यालयों के उत्थान और धार्मिक पर्यटन के क्षेत्र में सहयोग मांगा है।
लखनऊ (जेएनएन)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उद्योग जगत से कहा है कि वह कारपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) के जरिये सामाजिक विकास में सामूहिक रूप से सहभागी बनकर प्रदेश में व्यापक बदलाव ला सकता है। प्रदेश को खुले में शौच से मुक्ति दिलाने के लिए उन्होंने उद्योग जगत को सीएसआर के तहत शौचालय निर्माण में सक्रिय भूमिका निभाने का आह्वïन किया। संस्कृत विद्यालयों को सनातन हिंदू संस्कृति का वाहक बताते हुए उनके जीर्णोद्धार व उत्थान के लिए प्रेरित किया। पर्यटन स्थलों पर बुनियादी सुविधाओं के विकास के लिए भी उन्होंने कारपोरेट जगत से सहयोग मांगा।
औद्योगिक विकास विभाग की ओर से लोक भवन में आयोजित कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी कॉनक्लेव में योगी ने कहा कि जब उन्होंने सत्ता संभाली तो बेसलाइन सर्वे के मुताबिक प्रदेश के महज 43 फीसद परिवारों के पास अपने शौचालय थे। सरकार ने बीते 16 महीनों में 1.35 करोड़ शौचालय बनवाये। अब सूबे के 96 फीसद परिवारों के पास शौचालय हैं। उन्होंने उम्मीद जतायी कि दो अक्टूबर को गांधी जयंती के मौके पर प्रदेश को खुले में शौच से मुक्त घोषित किया जा सकेगा। स्वच्छ भारत मिशन के तहत उप्र इस लक्ष्य को पाने वाला पहला राज्य होगा। कहा कि बचे हुए परिवारों का सर्वेक्षण हो चुका है, उन्हें अगले एक वर्ष में शौचालय उपलब्ध कराये जाएंगे।
मिलेंगे पांच पुरस्कार : उन्होंने बताया कि अक्टूबर अंत तक प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों के 11 लाख और शहरी इलाकों के चार लाख परिवारों को मकान उपलब्ध करा दिये जाएंगे। प्रधानमंत्री आवास योजना में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए केंद्र सरकार उप्र को पांच पुरस्कार देने जा रही है।
वेब पोर्टल लांच : योगी ने उद्योग जगत से सीएसआर गतिविधियों के तहत कौशल विकास केंद्रों की स्थापना, अस्पतालों में तीमारदारों और जेलों के पास मुलाकातियों के लिए बैठने, ठहरने, पेयजल व शौचालय की व्यवस्था करने और पार्कों के सुंदरीकरण का अनुरोध किया। इस मौके पर उन्होंने औद्योगिक विकास विभाग की ओर से विकसित सीएसआर वेब पोर्टल www.upcsr.in का भी उद्घाटन किया।
जुड़ाव का माध्यम है सीएसआर : महाना
औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना ने कहा कि सीएसआर भारतीय संस्कृति के मूल में है। धर्मार्थ और लोक कल्याण के कार्य हमारी परंपरा का हिस्सा रहे हैं। सीएसआर गतिविधियों के जरिये कंपनियां खुद को स्थानीय समुदायों से स्थायी तौर पर जोड़ सकती हैं।
जल्द जारी होगा शासनादेश
इससे पहले मुख्य सचिव डॉ.अनूप चंद्र पांडेय ने कहा कि वेब पोर्टल पर सीएसआर गतिविधियों की सूची उपलब्ध है। सामाजिक दायित्व से जुड़ी गतिविधियों पर उद्योग कैसे अपने सीएसआर फंड को खर्च कर सकते हैं, इस बारे में जल्द ही शासनादेश जारी किया जाएगा।
कुंभ में सक्रिय भूमिका निभाएगा पीएचडी चैंबर
पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष ललित खेतान ने रेडिको खेतान के सीएसआर फंड से मुख्यमंत्री को 51 लाख रुपये का चेक भेंट किया। उन्होंने बताया कि सीएसआर के तहत पीएचडी चैंबर ने उप्र ब्रज तीर्थ विकास परिषद और अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय (एकेटीयू) के साथ करार किये हैं। अगले साल इलाहाबाद में होने वाले कुंभ मेले में सीएसआर गतिविधियों के लिए पर्यटन विभाग से बातचीत हो रही है। फिक्की के एलके झुनझुनवाला और आइआइए के राष्ट्रीय महासचिव मनमोहन अग्रवाल ने भी अपने संगठन की ओर से सीएसआर गतिविधियों में सहयोग का आश्वासन दिया।
नवंबर में ग्लोबल स्किल समिट
सीआइआइ के मनोज गुप्ता ने बताया कि उनका संगठन उप्र सरकार के साथ मिलकर नवंबर में ग्लोबल स्किल समिट आयोजित करेगा। स्विट्जरलैंड इस आयोजन का ग्लोबल पार्टनर होगा।
इससे पहले उन्होंने कॉर्पोरेट सोशल रेस्पोंसिबिलिटी कॉन्क्लेव का दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारंभ किया। लोक भवन में आयोजित प्रोग्राम में ललित खेतान, सुरेश राणा व बीएस चौधरी भी मौजद थे।
क्या है सीएसआर
कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी कॉनक्लेव नागरिकों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए चलाए जा रहे सरकारी कार्यक्रमों और योजनाओं में औद्योगिक घरानों की सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए 2013 में कंपनी कानून में कारपोरेट सामाजिक दायित्व (सीएसआर) है।