India-China Boarder Tension: बाजार में डंप पड़ा है चीनी माल, व्यापारी बोले..नहीं मिल रहे खरीदार
लखनऊ के बाजार में डंप पड़ा है चीनी सामान लोग खरीदने में नहीं ले रहे रूचि व्यापारियों ने अब तक करीब 300 करोड़ के आर्डर निरस्त करा।
लखनऊ, जेएनएन। धीरे-धीरे राजधानी से चीन का कारोबार सिमट रहा है। खिलौना हो या फिर कॉस्मेटिक्स, बिजली की झालर हो या फिर स्मार्ट एलईडीटीवी। चीन से आने वाले आइटम अब बाजार में डंप होने लगे हैं। खिलौना कारोबारी बता रहे हैं कि शहर के करीब सौ से अधिक खिलौने के व्यापारियों ने अब तक करीब 300 करोड़ के आर्डर निरस्त करा चुके हैं। कॉस्मेिटिक्स बाजार में तो माल लेने से पहले लोग ब्रांड देख उसे नकार रहे हैं। वहीं चीन निर्मित झालर के बजाय अब व्यापारियों का ध्यान देशी फिनिशिंग युक्त झालर बनाने की ओर है।
चीनी कारोबार को लगा तगडा झटका:बोले व्यापारी
खिलौना कारोबारी अमीनाबाद अनुज अग्रवाल ने बताया कि चीन निर्मित प्लास्टिक के खिलौने, वॉल हैंगिंग शोपीस, सजावटी सामान समेत कई चीजें गोदामों में डंप पड़ी हैं। हाल यह है कि चीनी खिलाैनाें के खरीदार नहीं हैं। अब तक शहर के 100 से अधिक बडे़ खिलौना व्यापारियों ने करीब 300 करोड़ के चीन के आर्डर निरस्त करा चुके हैं।
कॉस्मेटिक्स के थोक कारोबारी विनोद अग्रवाल ने बताया कि एक समय था कि चीनी कॉस्मेटिक्स आइटम को हाथों-हाथ लिया जा रहा था। अब स्थितयां उलट हैं। लिपिस्टिक, नेल पाॅलिस, मसकारा, आई लाइनर, फाउंडेशन आदि चीजों की खरीदारी प्रति माह 30 करोड़ से घटकर एक तिहाई से भी कम रह गई है। करीब पचास करोड़ के आर्डर निरस्त किए चुके हैं।
लखनऊ व्यापार मंडल के महामंत्री पवन मनोचा ने बताया कि नया माल अब नहीं मंगवाया जा रहा है। अब एलइडीटीवी, कंप्यूटर लैपटॉप जैसी चीजों में भारतीय कंपोनेंट का हस्तक्षेप बढ़ रहा है। स्क्रीन जैसी चीजें ही बाहर की हैं। नया आर्डर नहीं भेजा जा रहा है।
लखनऊ मोबाइल एसोसिएशन के अध्यक्ष नीरज जौहर ने बताया कि मोबाइल बाजार में अब मेक इन इंडिया का असर दिख रहा है। मोबाइल के बडे़-बडे़ ब्रांड अब देश मे बन रहे हैं। चीन का बाजार से दबदबा खत्म करने में ज्यादा वक्त नहीं लगेगा। लेकिन अभी सस्ती एसेसरीज का बाजार है।
व्यापारी राजदीप छाबड़ा ने बताया कि झालर, झूमर, टार्च आदि सजावटी आइटम मेें चीन की चीजें पसंद की जाती थीं। लेकिन अब बाजार में देशी आइटम आने शुरू हो गए हैं। मेक इन इंडिया की धूम चीन के बाजार को उखाड़ फेंकेगी। जून तक नए आर्डर चले जाते थे इस बार एक भी नहीं भेजा गया है।