अनाथ हुए बच्चों की देखभाल के लिए तैयार बाल गृह, लखनऊ में कोरोना संक्रमण में 260 बच्चों का किया यतीम
लखनऊ में अब तक चिह्नित 260 अनाथ हुए बच्चों में कई के माता-पिता दोनों का कोरोना संक्रमण से निधन हो गया है। ऐसे बच्चों को उनके परिवारीजन या रिश्तेदार अपने पास रखे हुए हैं। अभी तक ऐसा कोई बच्चा नहीं आया है जिसे बालगृह में रखा जा सके।
लखनऊ, जागरण संवाददाता। कोरोना संक्रमण से माता-पिता को खो चुके बच्चों को बालगृहों में रखने का इंतजाम पूरा है। लखनऊ में आठ राजकीय बालगृह के साथ ही 21 निजी या सहायता प्राप्त बालगृह हैं। सभी 29 बाल गृहों में 1200 की क्षमता के मुकाबले करीब सात सौ बच्चे हैं। ऐसे में अनाथ हुए बच्चों को रखने के लिए बालगृहों में कोई दिक्कत नहीं है।
लखनऊ में अब तक चिह्नित 260 अनाथ हुए बच्चों में कई के माता-पिता दोनों का कोरोना संक्रमण से निधन हो गया है। ऐसे बच्चों को उनके परिवारीजन या रिश्तेदार अपने पास रखे हुए हैं। अभी तक ऐसा कोई बच्चा नहीं आया है जिसे बालगृह में रखा जा सके। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से चार हजार रुपये प्रति बच्चे को सहायता देकर ऐसे बच्चों के रिश्तेदारों को सहूलियत भी दी है।
260 में 17 बच्चों के माता-पिता दोनों का निधन: जिला प्रशासन की ओर से कोरोना संक्रमण से अनाथ हुए 260 बच्चों को चार हजार रुपये प्रतिमाह मानदेय देने की सूची तैयार की है। उन्हें गुरुवार को मानदेय की रकम दे दी गई। उनमे से 17 ऐसे बच्चे हैं जिनके माता-पिता दोनों का निधन हो चुका है। सभी 15 बच्चे मौसी, बुआ व चाचा के पास रह रहे हैं।
जिला प्रोबेशन अधिकारी सर्वेश पांडेय ने बताया कि बालगृह में छोटे व बड़े बच्चों को रहने का इंतजाम है। शहर के 29 सरकारी व निजी बाल गृह हैं जिनमे 1200 बच्चों को रहने की व्यवस्था है। क्षमता के मुकाबले अभी बालगृहों में स्थान रिक्त हैं। ऐसे में कोई ऐसा अनाथ बच्चा आता है जिसको कोई रिश्तेदार नहीं रख रहा है तो उसे बालगृह में रखने की पूरी व्यवस्था है। आम लोगों से अनुरोध है कि ऐसे बच्चे जानकारी में हैं तो उन्हें जिला प्रशासन के माध्यम से बालगृहों में पहुंचाने का प्रयास करें।