UP: मुख्य सचिव का सभी कमिश्नर और डीएम को निर्देश, हर महीने बैठक कर कर्मचारी संगठनों की मांगों का करें निराकरण
चुनावी साल में कर्मचारियों को संतुष्ट करने की हर मुमकिन कोशिश में जुटी सरकार ने विभागाध्यक्षों और मंडल व जिला स्तर पर कर्मचारी संगठनों की मांगों के निराकरण के लिए समुचित कार्यवाही न किये जाने को गंभीरता से लिया है।
लखनऊ, राज्य ब्यूरो। चुनावी साल में कर्मचारियों को संतुष्ट करने की हर मुमकिन कोशिश में जुटी सरकार ने विभागाध्यक्षों और मंडल व जिला स्तर पर कर्मचारी संगठनों की मांगों के निराकरण के लिए समुचित कार्यवाही न किये जाने को गंभीरता से लिया है। मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी ने मंगलवार को सभी विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव, विभागाध्यक्षों व कार्यालयाध्यक्षोंं के अलावा मंडलायुक्तों तथा जिलाधिकारियों को शासनादेश जारी कर निर्देश दिया है कि वे मान्यताप्राप्त कर्मचारी संगठनों के साथ हर महीने में कम से कम एक बार बैठक कर उनकी मांगों और समस्याओं का नियमित तौर पर निस्तारण करें। इसके अलावा सभी अधिकारियों, कर्मचारियों की सेवा संबंधी व्यक्तिगत समस्याओं का भी प्रत्येक सप्ताह में एक बार अपराह्न में समय निर्धारित कर निस्तारण करने को कहा है।
मुख्य सचिव ने कहा है कि 24 मई, 2019 को जारी किये गए शासनादेश में कर्मचारी संगठनों की मांगों/समस्याओं के बारे में नियमित रूप से बैठक कर उनका निराकरण करने का निर्देश दिया गया था। इसके बावजूद शासन को जानकारी मिल रही है कि कुछ विभागों और उनके विभागाध्यक्षों द्वारा मंडल व जिला स्तर पर कर्मचारी संगठनों की मांगों को लेकर समुचित कार्यवाही नहीं की जा रही है। लिहाजा कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधि मुख्य सचिव और अपर मुख्य सचिव कार्मिक से समस्याओं के समाधान के लिए संपर्क करते हैं। ऐसे मामले, जिनका समाधान विभागाध्यक्ष या प्रशासनिक विभाग के स्तर पर किया जा सकता है, उनके बारे में भी मुख्य सचिव या अपर मुख्य सचिव कार्मिक के स्तर पर बैठकें करनी पड़ रही हैं, जो उचित नहीं है।