मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया स्कूल समिट का शुभारंभ, कहा- पूरे देश में लागू हो समान पाठ्यक्रम

लखनऊ में माध्यमिक शिक्षा विभाग और भारतीय उद्योग परिसंघ संयुक्त रूप से दो दिवसीय स्कूल समिट का आयोजन किया जा रहा है। सीएम योगी ने बुधवार को इसका शुभारंभ किया।

By Umesh TiwariEdited By: Publish:Wed, 11 Dec 2019 11:23 AM (IST) Updated:Wed, 11 Dec 2019 08:51 PM (IST)
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया स्कूल समिट का शुभारंभ, कहा- पूरे देश में लागू हो समान पाठ्यक्रम
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया स्कूल समिट का शुभारंभ, कहा- पूरे देश में लागू हो समान पाठ्यक्रम

लखनऊ, जेएनएन। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि पूरे देश में प्राइमरी से लेकर उच्च शिक्षा तक समान पाठ्यक्रम लागू किया जाना चाहिए। इसके लिए सभी राज्यों को आगे आना होगा। वह बुधवार को गोमतीनगर स्थित इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित दो दिवसीय स्कूल समिट के उद्घाटन समारोह को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी अखिल भारतीय स्तर की प्रतियोगी परीक्षाओं में राज्यों के शिक्षा बोर्ड के विद्यार्थियों को नुकसान होता है क्योंकि प्रश्नपत्र सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंड्री एजुकेशन (सीबीएसई) में पढ़ाए जा रहे राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) के पाठ्यक्रम के आधार पर सेट किया जाता है। इसलिए पूरे देश में एक समान पाठ्यक्रम लागू होना चाहिए। शिक्षा के क्षेत्र में काम कर रही निजी कंपनियों को चाहिए कि वे यूपी के आठ आकांक्षी (अति पिछड़े) जिले जिनमें बलरामपुर, बहराइच, श्रावस्ती, सिद्धार्थनगर, चंदौली, सोनभद्र, फतेहपुर व चित्रकूट शामिल हैं, उनको गोद लें। इन जिलों में शिक्षा के स्तर को ऊंचा उठाने में मदद करें। यहां भी स्मार्ट क्लास में विद्यार्थी पढ़ाई कर सकें। शिक्षा में असमानता पर उन्होंने चिंता जताई।

उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि तकनीक के बेहतर प्रयोग से यूपी बोर्ड परीक्षाओं में नकल पर नकेल कसी गई। अब वर्चुअल क्लास शुरू होंगी। बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ.सतीश चंद्र द्विवेदी ने कहा कि पढ़े-लिखे लोग ही बाजार को आगे बढ़ाते हैं। यह सोचकर निजी क्षेत्र शिक्षा में निवेश करे। सीआइआइ के उत्तरी क्षेत्र के अध्यक्ष समीर गुप्ता ने कहा कि वह सरकार की मदद से गोरखपुर में ड्राइवर ट्रेनिंग स्कूल बना रहे हैं। जल्द यूपी में कैरियर काउंसिलिंग सेंटर बनाएंगे। राज्य सरकार व भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआइआइ) की ओर से संयुक्त रूप से आयोजित इस दो दिवसीय कार्यक्रम में शिक्षा में नवाचार व तकनीक का प्रयोग विषय पर मंथन होगा। कार्यक्रम में माध्यमिक शिक्षा राज्यमंत्री गुलाब देवी, मुख्य सचिव आरके तिवारी, प्रमुख सचिव माध्यमिक शिक्षा आराधना शुक्ला आदि मौजूद थे। 

कौन विद्यार्थी किस विषय में कमजोर एक क्लिक पर जानिए 

कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने कहा कि उनके राज्य में हर विद्यार्थी का बारीकी से मूल्यांकन किया जाता है। सबका ब्योरा ऑनलाइन है जिसे कंप्यूटर की एक क्लिक पर पता कर सकते हैं। 

15 हजार माध्यमिक स्कूलों में बांटी जाएगी साइंस किट 

संपर्क फाउंडेशन के संस्थापक विनीत नायर ने कहा कि वह शिक्षा क्षेत्र में 100 करोड़ रुपये का निवेश करेंगे। इससे 15 हजार सरकारी माध्यमिक स्कूलों में साइंस किट बांटेंगे ताकि विद्यार्थी रोचक ढंग से विज्ञान का चमत्कार समझ सकें। शिक्षकों को प्रशिक्षण भी देंगे। 

स्मार्ट क्लास पाकर खुश हुईं सरकारी स्कूल की छात्राएं 

उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने कार्यक्रम में राजकीय गर्ल्‍स इंटर कॉलेज इंदिरानगर में स्कूल नेट इंडिया लिमिटेड की मदद से तीन स्मार्ट क्लास का उद्घाटन किया। वेब टेलीकास्ट के माध्यम से उनसे बात भी की। छात्राएं स्मार्ट क्लास पाकर खुश थीं।

करीब 1100 प्रधानाचार्य व शिक्षक  हो रहे हैं शामिल

माध्यमिक शिक्षा विभाग और भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआइआइ) संयुक्त रूप से दो दिवसीय स्कूल समिट का आयोजन किया जा रहा है। गोमतीनगर के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित स्कूल समिट में करीब 1100 प्रधानाचार्य व शिक्षक शामिल हो रहे हैं। इसके अलावा शिक्षाविद्, उद्यमी, स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रमुख और दूसरे राज्यों के शिक्षामंत्री व अधिकारी भी शामिल हो रहे हैं। इसका मकसद शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए तकनीक व नवाचार के प्रयोग को बढ़ावा देना है। संपर्क फाउंडेशन के संस्थापक विनीत नायर के अनुसार यूपी के सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों को अंग्रेजी सिखाने के लिए उनके फाउंडेशन से इंग्लिश स्पीकिंग ऑडियो बॉक्स दिए थे। इसी तरह मैथ्स व साइंस में भी उनकी रुचि बढ़ाई गई। करीब 76 हजार स्कूलों के 70 लाख विद्यार्थी इससे लाभान्वित हुए हैं। प्रमुख सचिव माध्यमिक शिक्षा आराधना शुक्ला ने बताया कि ग्लोबल बेस्ट प्रैक्टिसेज को लागू करने, तकनीक से कक्षा रूपांतरण आदि विषयों पर चर्चा होगी।

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