बेकिंग पाउडर से बन रहा पनीर तो आरारोट से तैयार हो रहा खोया, एफएसडीए ने दिवाली पर मिलावट से बचने के लिए जारी की एडवायजरी
दीपावली पर अगर आप खाने-पीने के सामान की खरीदारी कर रहे हैं तो बेहद सतर्क होकर कीजिए। कहीं ऐसा नहीं हो कि खाने पीने के सामान के नाम पर बीमारी घर लेकर आ जाएं। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग ने इस बारे में एक एडवाइजरी भी जारी की है।
लखनऊ, जागरण संवाददाता। दीपावली पर अगर आप खाने-पीने के सामान की खरीदारी कर रहे हैं तो बेहद सतर्क होकर कीजिए। कहीं ऐसा नहीं हो कि खाने पीने के सामान के नाम पर बीमारी घर लेकर आ जाएं। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग ने इस बारे में एक एडवाइजरी भी जारी की है। शहर के तमाम इलाकों में मिलावट का सामान बनाया जा रहा है।
वेजीटेबल ऑयल और बेकिंग पाउडर से बन रहा पनीर: सिंथेटिक पनीर बनाने के लिए स्किम्ड मिल्क और खाने वाले सोडे के अलावा घटिया पॉम ऑयल, वेजीटेबल ऑयल और बेकिंग पाउडर मिलाकर तैयार किया जा रहा है। इसे ही बाजार में असली पनीर के साथ ढाई सौ से तीन सौ रुपये किलोग्राम तक में बेचा जा रहा है
मैदा-आलू-कद्दू में रंग वाला बिक रहा खोया: सबसे अधिक डिमांड खोए की है और बाजार में इसे पूरा करने की क्षमता नहीं है। बाजार में खोए की डिमांड पूरा करने के लिए राजधानी के आसपास इलाकों से मिलावटी खोए की बड़ी सप्लाई होती है। मिठाइयों को तैयार करने में जिस खोए का इस्तेमाल किया जा रहा है उसमें मैदा, आलू और आरारोट को मिलाकर तैयार किया जा रहा है। इसके अलावा मिठाइयां तैयार करने में मानकों से अधिक खतरनाक कलर मिलाए जा रहे हैं जो सेहत के लिए बेहद हानिकारक हैं।
दूध में मिला रहे पानी और प्रतिबंधित पाउडर: दूध के कारोबारी भी मिलावट करने में पीछे नहीं हैं। दूध कारोबारी बढ़ती डिमांड को पूरा करने के लिए दूध में गंदा पानी और दूषित बर्फ का इस्तेमाल कर रहे हैं। वही दूध को कई दिनो बनाए रखने के लिए उसमें प्रतिबंधित माल्टो डेक्सिट्रन पाउडर मिलाया जा रहा है। पाउडर को दूध में मिलाना प्रतिबंधित है इसके बावजूद ग्रामीण इलाकों और मंडियों से आ रहे दूध में इसकी सप्लाई की जा रही है।
आरारोट, रंग और कद्दू से तैयार हो रहा सॉस और कैचअप: बाजार में सॉस और कैचप के नाम पर लोगों को केवल रंग और शुगर का घोल खिलाया जा रहा है। सिंथेटिक कलर के अलावा बेसन, आरारोट व मैदा का प्रयोग कर लोगों को सॉस तैयार किया जा रहा है।
खतरनाक रंगों से बन रहा नमकीन: बाजार में तरह-तरह के चिप्स, पापड़ और दालमोठ हैं जिनमें मानकों से कई गुना अधिक कलर मिलाकर बेचा रहा है। यह रंग उस स्तर पर है जो आपकी सेहत बिगाड़ सकता है।
मसाले और मिर्च खराब कर सकती हैं लिवर: बाजार में मसाले और हल्दी-मिर्च आपका लिवर खराब कर सकते हैं। कुछ दिनों पहले मडिय़ांव इलाके में एक फैक्ट्री में पिसी मिर्च में खतरनाक केमिकल सूडान-1 पाया गया था। यह प्रतिबंधित केमिकल है जो लाल रंग के लिए इस्तेमाल होता है। बाजार में कई ऐसे मिलावटखोर हैं जो इस तरह के केमिकल का इस्तेमाल मसालों, हल्दी और मिर्च को रंग देने के लिए करते हैं।