रेलवे-पीडब्ल्यूडी और बैंक में नौकरी के नाम पर की ठगी, लखनऊ में 15 बेरोजगारों से डेढ़ करोड़ रुपये हड़पे

पुलिस के टरकाने के बाद पीडि़त ने उचाधिकारियों से की शिकायत कमिश्नर ने जानकीपुरम थाने को दिए जांच के आदेश। नौकरी के लिए प्रति व्यक्ति 10 लाख रुपये की मांग की। रावेंद्र ने बताया कि उन्होंने रुपये का भुगतान कर दिया।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Tue, 08 Jun 2021 07:07 AM (IST) Updated:Tue, 08 Jun 2021 07:28 AM (IST)
रेलवे-पीडब्ल्यूडी और बैंक में नौकरी के नाम पर की ठगी, लखनऊ में 15 बेरोजगारों से डेढ़ करोड़ रुपये हड़पे
आइआइएम रोड स्थित प्लेसमेंट एजेंसी संचालक ने 15 बेरोजगारों को बनाया शिकार!

लखनऊ, जेएनएन। एम्स दिल्ली, रेलवे, पीडब्ल्यूडी और बैंक में नौकरी लगवाने के नाम पर प्लेसमेंट एजेंसी संचालक और उसके कर्मचारियों ने 15 बेरोजगारों से करीब डेढ़ करोड़ रुपये ठग लिए। रुपये लेने के बाद संचालक ने मोबाइल बंद कर लिया और फरार हो गया। पीडि़तों ने जानकीपुरम थाने में मामले की तहरीर दी है।

जानकीपुरम शिव विहार कालोनी निवासी रावेंद्र ने इस मामले में उच्‍चाधिकारियों को मामले की जानकारी देकर प्लेसमेंट एजेंसी के संचालक के खिलाफ तहरीर दी है।

रावेंद्र के मुताबिक वर्ष 2018 में उन्हें एक मित्र के माध्यम से आइआइएम रोड स्थित प्लेसमेंट एजेंसी के बारे में जानकारी हुई। वह वहां पहुंचे तो निदेशक से मुलाकात हुई। निदेशक ने कहा कि उनकी दिल्ली एम्स, रेलवे, पीडब्ल्यूडी विभाग और कई बैंकों में ऊपर स्तर पर सेटि‍ंग है। वह नौकरी लगवा देंगे। इसके लिए जो खर्च लगेगा वह देना होगा। निदेशक की लच्‍छेदार बातों में रावेंद्र फंस गए। नौकरी के लिए प्रति व्यक्ति 10 लाख रुपये की मांग की। रावेंद्र ने बताया कि उन्होंने रुपये का भुगतान कर दिया। इस बीच करीब कुछ अन्य बेरोजगार युवक भी पहुंचे। किसी ने रेलवे, बैंक तो किसी ने पीडब्ल्यूडी और एम्स में नौकरी के लिए कहा।

निदेशक ने  सबसे 10-10 लाख रुपये लिए। कुल 15 व्यक्तियों से रुपये ऐंठे। इसके बाद दो दिन के अंदर सबको नियुक्तिपत्र देने के साथ ही ट्रेनि‍ंग पर भेजने के लिए कहा। दो दिन बाद जब लोग आफिस पहुंचे तो वहां ताला जड़ा मिला। इसके बाद फोन मिलाया तो स्विच आफ मिला। काफी तालाश के बाद भी कुछ पता न चला। मामले की जानकारी पुलिस को दी तो पुलिस ने टरका दिया। इसके बाद उच्‍चाधिकारियों को प्रार्थनापत्र दिया। पुलिस कमिश्नर ने जानकारीपुरम पुलिस को मामले की जांच कर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।

बीते 30 अक्टूबर को मिला तो पीटकर भाग गया

रावेंद्र ने बताया कि बीते 30 अक्टूबर को निदेशक मिला। जैसे ही रावेंद्र उसके पीछे दौड़कर गए और पकड़ा तो निदेशक ने अपने साथियों के साथ मिलकर रावेंद्र की जमकर पिटाई कर दी। हमले में रावेंद्र गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्हें इलाज के लिए एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 

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