प्रश्न पहर: सीबीएसई-आइएससी ने कोर्स कम किया तो फीस भी हो कम, अभिभावकों ने की मांग
दैनिक जागरण के कार्यक्रम प्रश्न पहर में जिला विद्यालय निरीक्षक मुकेश कुमार सिंह ने दिए अभिभावकों के सवालों के जवाब।
लखनऊ, जेएनएन। लॉक डाउन के बाद से अनलॉक टू के बीच का सफर अभिभावकों के लिए ज्यादा कष्टकारी रहा। बच्चों को घर बैठाकर अप्रैल से जून तक फीस जमा की, अब जुलाई से फिर सभी चार्जज के साथ फीस बुक अभिभावकों के मोबाइल नंबर व ई मेल पर आ गई है। अभिभावक स्कूल की फीस देना भी चाहते हैं लेकिन कुछ संशोधन के साथ। दैनिक जागरण द्वारा आयोजित प्रश्न प्रहर में अभिभावकों ने फीस से जुड़े सबसे अधिक प्रश्न जिला विद्यालय निरीक्षक मुकेश कुमार सिंह से पूछे। इसमें कई अभिभावकों ने कहा कि जब सीबीएसई व आइएससी ने अपने कोर्स कम कर दिए हैं तो स्कूल प्रशासन को अपनी फीस भी कुछ कम करनी चाहिए। यही नहीं प्रतिदिन अभिभावकों का चार से पांच जीबी इंटरनेट डाटा भी बच्चों की पढ़ाई में खर्च हो रहा है उसका भी समायोजन हो। क्योंकि स्कूल प्रशासन बिना स्कूल जाए सभी तरह के चार्जेज फीस में जोड़कर लेने से बाज नहीं रहा है।
ऐसे में अभिभावकों ने उत्तर प्रदेश शासन से फीस संशोधन की मांग उठाई है। शासनादेश के नाम पर सिर्फ फीस नहीं बढ़ाई गई है, लेकिन फीस में कुछ विद्यालय अभिभावकों से ट्रांसपोर्ट एलाउंस, कंम्प्यूटर फीस, आइडी कार्ड चार्ज, एडमिशन फीस, स्विमिंग फीस, इलेक्टिसिटी चार्जेज जैसे चार्जेज मांग रहे हैं। जिला विद्यालय निरीक्षक मुकेश कुमार सिंह ने अभिभावकों से अपील की है कि जो शासनादेश है, उसी के मुताबिक फीस जमा करे। इसके बाद अगर कोई स्कूल दबाव बनाता है या फिर छात्र का नाम काटता है तो वह उनके मोबाइल नंबर 9454457262 पर संपर्क कर सकता है। उधर दैनिक जागरण के प्रश्न प्रहर में अभिभावकों ने जिला विद्यालय निरीक्षक से कई प्रश्न पूछे।
प्रश्न . सीबीएसई, आइएससी बोर्ड ने अपना कोर्स कम कर दिया है, यूपी बोर्ड कोर्स कम करने की तैयारी कर रहा है, तो निजी स्कूल फीस क्यों कम नहीं करते। जयपुरिया गोमती नगर में मेरे तीन बच्चे पढ़ते हैं, दस फीसद भी फीस कम नहीं हो रही है। सैकड़ों अभिभावक परेशान है। फीस में अधिकांश चार्जेज लिए जा रहे हैं।
ज्योति गोयल, गोमती नगर
उत्तर .आपकी बात तर्क संगत है, इसे शासन तक पहुंचाया जाएगा।
प्रश्न. वृंदावन स्थित एलपीएस स्कूल में दो बच्चे पढ़ते हैं, कई तरह के चार्जेज लिए जा रहे हैं, क्या करुं। इधर चार माह से काम भी प्रभावित है।
संतोष कुमा, मोहनलालगंज
उत्तर. फीस एक एक माह करके जमा करिए, फीस माफी का कोई अभी शासनादेश नहीं है।
प्रश्न . अप्रैल से अभी तक स्कूल बंद है, तो फिर किस बात का इलेक्टिसिटी चार्जे, कम्प्यूटर चार्जेज लिए जा रहे हैं।
अनुपमा, दुबग्गा, आम्रपाली कालोनी
उत्तर. फीस पुरानी वाली ही ली जाएगी, स्कूल प्रशासन किसी प्रकार की बढ़ाेत्तरी नहीं कर सकता। इसकी लिखित शिकायत करें।
प्रश्न. सीएमएस अपने फीस स्ट्रक्चर में मेंटेंनेंस चार्ज जोड़कर मांग रहा है, मार्च अप्रैल व मई में स्कूल लॉक डाउन के कारण बंद रहे, ऑनलाइन पढ़ाई हुई नहीं, तो फीस किस बात की।
राम बहादुर सिंह अवध विहार व विजय कुमार शहीद विहार उतरेठिया
उत्तर. फीस अतिरिक्त नहीं ली जाएगी, जो पहले जमा की है, वहीं ली जाएगी। क्योंकि आप द्वारा जो फीस जमा की जाएगी, उससे बच्चों की आनलाइन क्लासेज के साथ साथ टीचरों व स्टाफ का वेतन तो भी देना है। ट्रांसपोर्ट एलाउंस नहीं देना है।
प्रश्न . फीस माफी को लेकर कोई शासनादेश आने वाला है।
रिशू रस्तोगी, चौक
उत्तर . अभी ऐसा कोई शासनादेश नहीं आया है, भविष्य को लेकर कुछ मैं बता नहीं सकता।
प्रश्न . लखनऊ पबिलक कालिजिएट में पढ़ाई नहीं हो रही है। आनलाइन भी अभी तक कुछ नहीं हुआ। ऐसे में फीस क्यों दी जाए?
उत्तर. शासनादेश के मुताबिक फीस जमा करनी होगी। अगर पढ़ाई नहीं हो रही है तो स्कूल मैनेजमेंट से मिलिए और कारण पूछे।
प्रश्न . आलमबाग सिथत न्यू पबिलक स्कूल एडमीशन फीस, आइडी चार्ज तक ले रहा है, जबकि पुराना एडमिशन है और जब स्कूल खुलेंगे नहीं और पढ़ाई ऑनलाइन होगी तो आइडी किस काम की।
जसवंत सिंह, आलमबाग।
उत्तर . एडमिशन फीस व आइडी फीस आपकों नहीं जमा करनी है, अगर नया एडमिशन नहीं है तो। एक साथ फीस जमा करने के लिए स्कूल बाध्य नहीं कर सकता। इसलिए हर माह जमा करे।
प्रश्न : स्कूल अभिभावकों से पूरी फीस वसूल रहे हैं और टीचरों व स्टाफ को फीस न आने की बात कहकर आधा वेतन दे रहे हैं, इसके अलावा अभिभावक फीस देना चाहता है लेकिन कम्पयूटर फीस, काउसिलिंग फीस ली जा रही है एलपीएस ए ब्लाॅक राजाजीपुरम।
बीएन मिश्रा, पारा, राजाजीपुरम
उत्तर . स्टाफ का पूरा वेतन दिया जाएगा और किसी को नहीं निकाला जा सकता है। अगर ऐसा है तो कुछ तथ्य देकर बताए। फीस को लेकर जो शासनादेश है, वहीं जमा करना है। स्कूल प्रशासन किसी प्रकार का दबाव नहीं बना सकता है।
प्रश्न . सीएमएस महानगर एनुअल फीस, फंक्शन फीस, टयूशन फीस सहित कई चार्जेज ले रहा है, जबकि स्कूल का इंफ्रास्ट्रक्चर इस्तेमाल नहीं हो रहा है। फीस में कुछ छूट देनी चाहिए। कम्प्यूटर विषय तो आवश्यक विषय है तो उसकी फीस अलग क्यों?
मनोज सिंह, महानगर व राजीव गोमती नगर
उत्तर. आपकी समस्यसा नोट कर ली है, अगर ऐसा है तो मैं दिखवाता हूं। वहीं कंप्यूटर की फीस नहीं ले सकते, इसे देने के लिए अभिभावक को बाध्य नहीं किया जा सकता है।
टीचरों की नौकरी पूरी तरह सुरक्षित
किसी भी निजी स्कूल के शिक्षकों व स्टाफ को निकाला नहीं जा सकता। यही नहीं वेतन कटौती भी नहीं की जा सकती है। जिला विद्यालय निरीक्षक मुकेश कुमार सिंह ने बताया कि शासनादेश में स्पष्ट निर्देश हैं कि नौकरी से न निकाला जाए। इसी तरह किसी भी छात्र को फीस जमा न कर पाने के कारण विद्यालय से नहीं निकाला जा सकता है। अभिभावक फीस को एक एक माह करके जमा करके, बच्चों को पढ़ा सकते हैं। कोई विद्यालय ऐसा करता है तो संबंधित कर्मचारी व अभिभावक सीधे जिला विद्यालय निरीक्षक के माेबाइल नंबर 9454457262 पर संपर्क कर सकता है।
दीक्षा ऐप व स्वयं प्रभा चैनल से भी पढ़े
जिला विद्यालय निरीक्षक मुकेश कुमार सिंह ने बताया कि छात्र दीक्षा ऐप को डाउन लोड करके पढ़ाई कर सकते हैं। यह ऐप बहुत ही ज्ञानवर्धक है। वहीं स्वयं प्रभा चैनल सुबह व शाम दो दो घंटे लिए आता है। इस पर कक्षा दस व बारह के छात्र लाभ ले सकते हैं। एक स्लॉक करीब 28 मिनट का होता है।