मैनपुरी में छात्रा हत्याकांड की सीबीआई की जांच से पहले कोई कसर नहीं छोड़ना चाह रही पुलिस

आइजी कानपुर मोहित अग्रवाल की अध्यक्षता में गठित एसआईटी ने करीब 25 और संदिग्धों के डीएनए सैंपल लेकर उन्हें जांच के लिए फोरेंसिक साइंस लैब भेजा है।

By Umesh TiwariEdited By: Publish:Fri, 05 Jun 2020 11:45 PM (IST) Updated:Fri, 05 Jun 2020 11:45 PM (IST)
मैनपुरी में छात्रा हत्याकांड की सीबीआई की जांच से पहले कोई कसर नहीं छोड़ना चाह रही पुलिस
मैनपुरी में छात्रा हत्याकांड की सीबीआई की जांच से पहले कोई कसर नहीं छोड़ना चाह रही पुलिस

लखनऊ, जेएनएन। मैनपुरी में छात्रा की दुष्कर्म के बाद हत्या के मामले की सीबीआई जांच जल्द शुरू होने की सुगबुगाहट एक बार फिर है। हालांकि सीबीआई ने अब तक यह केस अपने हाथ में नहीं लिया है। शासन ने घटना की सीबीआई जांच कराने की सिफारिश की थी। सूत्रों का कहना है कि शासन ने बीते दिनों सीबीआई को छात्रा हत्याकांड की जांच को लेकर रिमांइडर भी भेजा था।

लॉकडाउन के चार चरण गुजरने के बाद अब आइजी कानपुर मोहित अग्रवाल की अध्यक्षता में गठित एसआईटी ने करीब 25 और संदिग्धों के डीएनए सैंपल लेकर उन्हें जांच के लिए फोरेंसिक साइंस लैब भेजा है। एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार के अनुसार पूर्व में करीब 70 संदिग्धों के डीएनए सैंपल की जांच कराई गई थी, लेकिन किसी की रिपोर्ट पॉजिटिव नहीं आई थी। घटना की गहनता से जांच कराने के साथ ही वैज्ञानिक साक्ष्य एकत्र किए जाने के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि 12 संदिग्धों के पॉलीग्राफ टेस्ट भी कराए जा चुके हैं।

दरअसल, पुलिस सीबीआई के छात्रा हत्याकांड की जांच शुरू करने से पहले अपनी पड़ताल में कोई कसर नहीं छोड़ना चाह रही है। इससे पहले सीबीआई जांच शुरू करे, पुलिस सभी बिंदुओं पर अपनी पड़ताल कर रही है। हालांकि अब तक पुलिस किसी ठोस नतीजे पर नहीं पहुंच सकी है। 

यह है पूरा मामला : भोगांव के नवोदय विद्यालय के हॉस्टल में बने पूजा घर में 16 सितंबर, 2019 की सुबह छात्रा का शव फंदे पर लटका मिला था। विद्यालय प्रशासन के साथ ही जिला और पुलिस प्रशासन मामले को आत्महत्या बता रहा था, लेकिन परिजन इसे हत्या बता रहे हैं। परिजनों ने सीबीआई जांच के लिए धरना दिया। मृतका के परिजनों की तहरीर पर पुलिस ने विद्यालय की प्रधानाचार्या, वार्डन, एक छात्र व एक अज्ञात के खिलाफ हत्या की धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की है। परिजनों ने दुष्कर्म की भी संभावना जताई थी। पुलिस ने पहले इसे खुदकुशी बताकर मामले को दबाने का प्रयास किया था। बाद में छात्रा की दुष्कर्म के बाद हत्या की बात सामने आई थी और घटना की सीबीआई जांच कराने की सिफारिश की गई थी।

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