Ayodhya Structure Demolition Case: अयोध्या ढांचा विध्वंस मामले में फैसले के बाद माहौल सामान्य, तीन लेयर में थी CBI कोर्ट की सुरक्षा

Ayodhya Structure Demolition Case लखनऊ में 16 संवेदनशील स्थानों की पुलिसकर्मी छतों से दूरबीन से निगरानी कर रहे थे। ड्रोन कैमरों से भी नजर गई 40 क्यूआरटी की ड्यूटी अलग से लगी। कोर्ट परिसर के आसपास करीब 500 पुलिसकर्मी।

By Divyansh RastogiEdited By: Publish:Wed, 30 Sep 2020 05:39 PM (IST) Updated:Thu, 01 Oct 2020 06:33 AM (IST)
Ayodhya Structure Demolition Case: अयोध्या ढांचा विध्वंस मामले में फैसले के बाद माहौल सामान्य, तीन लेयर में थी CBI कोर्ट की सुरक्षा
Ayodhya Structure Demolition Case: अयोध्या ढांचा विध्वंस मामले में सीबीआइ कोर्ट परिसर के आसपास करीब 500 पुलिसकर्मी तैनात रहे।

लखनऊ [शोभित मिश्र]। Ayodhya Structure Demolition Case: अयोध्या ढांचा विध्वंस मामले में फैसले के चलते शहरभर में बुधवार को अभेद सुरक्षा-व्यवस्था रही। सीबीआइ कोर्ट परिसर व आसपास की सुरक्षा-व्यवस्था तीन लेयर में की गई थी। 1200 पुलिसकर्मियों के साथ 6 कंपनी पीएसी सीबीआइ कोर्ट परिसर समेत शहरभर में मुस्तैद थी। 40 क्यूआरटी (क्विक रिस्पांस टीम) की ड्यूटी अलग से लागाई गई थी। पुराने लखनऊ में 16 संवेदनशील स्थानों की पुलिसकर्मी छतों से दूरबीन से निगरानी कर रहे थे। इसके अतिरिक्त ड्रोन कैमरों से भी नजर रखी जा रही थी। पुलिस कमिश्नर सुजीत कुमार पांडेय ड्यूटी पर मुस्तैद पुलिसकर्मियों को सुबह से सुरक्षा से संबंधित जरूरी दिशा निर्देश देते दिखे। 

तीन लेयर में ऐसे थी सुरक्षा

पहली लेयर-सीबीआइ कोर्ट परिसर और आसपास डीसीपी पश्चिम सिक्योरिटी प्रभारी देवेश कुमार पांडेय और एसीपी आईपी सिंह के अंडर में 100 पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाई गई थी। चार रास्ते ब्लॉक कर दिए गये थे।

दूसरी लेयर-पुराने हाईकोर्ट परिसर को तीन पार्ट में बांट दिया गया था। इनमें 10 गेट में से सिर्फ तीन को ही खोला गया था। 2 गेट आधिवक्ताओं को आने-जाने के लिए इस्तेमाल हुए। एक गेट से वादकारी, जमानती और उनके वकीलों को ले जाया गया। 

तीसरी लेयर-सीबीआइ कोर्ट के आसपास की बाहर की सड़कों को सुरक्षित किया गया। स्वास्थ्य भवन चौराहा, कलेक्ट्रेट के बाहर बेरिकेटिंग कर ट्रैफिक डायवर्जन किया गया था। वादकारी, जमानती और उनके अधिवक्ताओं के साथ मीडियाकर्मियों की गाड़ियां पार्क करने की व्यवस्था। वकीलों द्वारा बाहर मीडिया को फैसला बताने के लिए रोड खाली कराकर बेरिकेटिंग की गई थी। 

शहरभर में सक्रिय थीं 25 क्यूआरटी

शहरभर में 25 क्यूआरटी सक्रिय थीं। एक क्यूआरटी में 1 इंस्पेक्टर, चार सब इंस्पेक्टर समेत 25 पुलिसकर्मी थे। 1000 पुलिसकर्मी शहरभर में कोई भी घटना की सूचना पर तुरंत पहुंच सख्त एक्शन लेने के लिए स्वतंत्र थे। 

6 नंबर से प्रवेश, 5 से निकास

कोर्ट परिसर में 6 नंबर गेट से वादकारियों को प्रवेश कराया गया और 5 नंबर से निकाला गया।

कोर्ट परिसर के आसपास करीब 500 पुलिसकर्मी

फैसला आने तक सीबीआई कोर्ट परिसर के अंदर 100 पुलिसकर्मी थे, बाहर 185। इसके अतिरिक्त थर्ड कार्नर पर 200 ड्यूटी अलग से थीं। शहर का माहौल सामान्य-सुबह से ही पुराने लखनऊ सहित शहरभर का माहौल सामान्य रहा, जो फैसला आने के बाद तक वैसे ही रहा। सामान्य दिनों की तरह सड़कों पर यातायात दौड़ रहा था, व्यापारी अपने तय समय पर दुकानें खोल दुकानदारी में लगे थे। सब ऐसे चल रहा रहा था मानो उनसे फैसले से कोई मतलब ही नहीं।

क्या कहते हैंं पुलिस कमिश्नर?

लखनऊ पुलिस कमिश्नर सुजीत पांडेय के मुताबिक, फैसले के चलते 30 से अधिक लोगों को पुराने लखनऊ में नजरबंद किया गया था। पहली बार शहर में ऐसी अभेद सुरक्षा-व्यवस्था कि गई थी कि परिंदा भी पर न मार सके। शहर का माहौल सामान्य रहा है। 

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