बच्चे को टीका लगवाने में अब न करें देरी, जल्द पहुंचे अस्पताल

लॉकडाउन में बच्चों का टीका नहीं लगा तो बाल रोग विशेषज्ञ से मिलें छूटे बच्चों का बनेगा कैचअप वैक्सीनेशन शेड्यूल।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Fri, 05 Jun 2020 11:13 PM (IST) Updated:Sat, 06 Jun 2020 07:02 AM (IST)
बच्चे को टीका लगवाने में अब न करें देरी, जल्द पहुंचे अस्पताल
बच्चे को टीका लगवाने में अब न करें देरी, जल्द पहुंचे अस्पताल

लखनऊ, जेएनएन। लॉकडाउन में बच्चों का टीकाकरण ठप रहा। लेकिन, अभिभावक घबराएं नहीं। बाल रोग विशेषज्ञ से मिलें। वह कैचअप वैक्सीनेशन शेड्यूल बनाकर उम्र के हिसाब से टीका तय करेंगे।

लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. केके यादव के मुताबिक बच्चों के छूटे टीके लगाए जा सकते हैं। मगर, इनका समय व डोज दोबारा निर्धारित करना होगा। इसके लिए पहले लगाए गए टीके, उस वक्त बच्चे की उम्र व भविष्य में लगने वाले टीका व उसकी डोज का आकलन करना होगा। ऐसे में जिन बच्चों के टीके छूट गए हैं, उनके लिए कैचअप वैक्सीनेशन शेड्यूल बनाना होगा। अभिभावक बाल रोग विशेषज्ञ से मिलकर बच्चे का टीकाकरण पूरा करवाएं।

सरकार द्वारा तय टीके

जन्म के समय : बीसीजी, हेपेटाइटिस-बी की पहली डोज, ओरल पोलियो ड्रॉप

डेढ़ माह पर : पेंटा वैक्सीन-वन, न्यूमोकोकल, रोटावायरस, आइपीवी

ढाई माह पर : पेंटा वैक्सीन-टू, न्यूमोकोकल, रोटावायरस, आइपीवी

साढ़े तीन माह पर : पेंटा वैक्सीन-3, न्यूमोकोकल, रोटावायरस, आइपीवी

नौ माह पर : एमआर वैक्सीन, जेई, विटा मिन एक की डोज

डेढ़ वर्ष पर : डीपीटी का बूस्टर डोज, एमआर-टू, जेई

साढ़े चार वर्ष : डीपीटी बूस्टर-टू, एमआर-टू

इम्युनाइजेशन प्रोग्राम के जेडी डॉ. अजय घई ने बताया कि राज्य में 55 लाख के करीब बच्चों के टीकाकरण का लक्ष्य है। बच्चों का वैक्सीनेशन शुरू हो गया है। ऐसे में जिन बच्चों के वैक्सीन लॉकडाउन में नहीं लग सकी हैं। अभिभावक उनमें वैक्सीनेशन अवश्य कराएं।

गर्भवती महिलाओं व बच्चों के टीकाकरण 

की सुविधा अब सभी सरकारी अस्प्तालों में शुरू हो गई है। करीब एक महीने पहले ग्रामीण क्षेत्रों के उपकेंद्रों व गांव  में लोगों के घर-घर जाकर टीकाकरण अभियान बचाव के साथ शुरू किया गया था। वहीं शहरी क्षेत्रों में कोरोना के मद्देनजर अब टीकाकरण अभियान शुरू किया गया है। अस्पतालों में थर्मल स्क्रीङ्क्षनग, शारीरिक दूरी के नियमों का पालन सहित कई एहतियात बरते जा रहे हैं। 

स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह ने बताया कि विभाग की ओर से टीकाकरण अभियान करीब एक महीने पहले शुरू हो चुका है। मातृ- शिशु स्वास्थ्य एवं टीकाकरण की सुविधाएं दी जा रही हैं। लाकडाउन के कारण टीकाकरण का जो कार्य बाधित रहा उससे कोई खास असर नहीं पड़ेगा। जिन बच्चों व गर्भवती महिलाओं के टीके पीछे छूट गए हैं वह अब देरी न करें और जल्द से जल्द टीका लगवाएं। उधर उप्र फार्मेसी काउंसिल के पूर्व चेयरमैन सुनील यादव का कहना है कि बीसीजी का टीका नवजात शिशु को जितनी जल्दी को लगाना चाहिए। इससे इम्युनिटी बूस्ट होती है। वहीं डेढ़ महीने और ढ़ाई व साढ़े तीन महीने पर डिप्थीरिया, पोलियो व टिटनेस यानी डीपीटी का टीका लगता है। नौ महीने पर डिप्थीरिया व टिटनेस का बूस्टर डोज लगता है। लाकडाउन में टीकाकरण का कार्य कुछ दिन बंद होने पर प्रमुख सचिव स्वास्थ्य को पत्र भी लिखा गया था। फिलहाल अब जल्द से जल्द छूटे हुए टीके बच्चों को जरूर लगवा दें।

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