रायबरेली : पूर्व विधायक रामलाल अकेला के विरुद्ध दर्ज मुकदमा वापसी की सुनवाई छह को, 17 साल पुराना है मामला
शनिवार को सुबह से ही एमपी-एमएलए कोर्ट में गहमा गहमी रही। पुतला दहन के मामले में आरोपित पूर्व विधायक रामलाल अकेला दलबल के साथ उपस्थित हुए। न्यायालय ने अंतिम मौका देते हुए छह नवम्बर की तिथि नियत की है।
रायबरेली, जेएनएन। करीब 17 साल पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती का पुतला जलाने के मामले में बछरावां विधानसभा के पूर्व विधायक के खिलाफ मुकदमा वापसी की सुनवाई नहीं हो सकी। सरकारी अधिवक्ता के बीमार होने के कारण अगली तारीख छह नवम्बर तय की गई है। वहीं, वर्तमान जिला सहकारी बैंक अध्यक्ष समेत अन्य आरोपितों द्वारा हाजिरीनामा दिया गया है।
शनिवार को सुबह से ही एमपी-एमएलए कोर्ट में गहमा गहमी रही। पुतला दहन के मामले में आरोपित पूर्व विधायक रामलाल अकेला दलबल के साथ उपस्थित हुए। जिला सहकारी बैँक अध्यक्ष विजय प्रताप सिंह उर्फ पप्पू लोहिया, राजेश यादव, जिया खुर्शीद, पूर्व सपा जिलाध्यक्ष राम बहादुर यादव, महेश अग्रवाल, मो. सलीम की ओर से व्यस्तता का हवाला देते हुए हाजिरी माफी का आवेदन दिया गया। सुनवाई के पहले शासकीय अधिवक्ता एसके सिंह ने बीमारी का हवाला देते हुए मुकदमा वापसी के आवेदन पर बहस के लिए समय मांगा। न्यायालय ने अंतिम मौका देते हुए छह नवम्बर की तिथि नियत की है।
अभियोजन के अनुसार 15 अप्रैल 2003 को जिले में धारा 144 लगी थी। दोपहर में करीब साढ़े बारह बजे पूर्व विधायक रामलाल अकेला सहित करीब 50 की संख्या में भीड़ सुपर मार्केट में जमा हुई। सभी लोग नारेबाजी करते हुए घंटाघर की तरफ बढ़े। मार्ग में तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती के पोस्टर फाड़े और कार में रखा उनका पुतला निकालकर आग के हवाले कर दिया। पुतले से पटाखों की काफी आवाज हुई। तत्कालीन इंस्पेक्टर राजकुमार तिवारी की तहरीर पर मुकदमा दर्ज हुआ। 24 नवम्बर 2010 को आरोपितों के खिलाफ न्यायालय में चार्ज बना। इसके बाद 22 अगस्त 2013 को विशेष् सचिव रंगनाथ पांडेय की ओर से मुकदमा वापस किए जाने की सिफारिश की गई। सात वर्ष से मामला मुकदमा वापसी के आवेदन पत्र पर सुनवाई के लिए नियत है। शनिवार को शासकीय अधिवक्ता के मौका लिए जाने के कारण बहस नही हो सकी।
तिलोई विधायक के मुकदमा वापसी का आवेदन खारिज
17 अक्टूबर को तिलोई विधायक मयंकेश्वर शरण सिंह के मामले में अभियोजन वापस का आवेदन पत्र खारिज हो चुका है। मामले की सुनवाई कर रहे एमपी-एमएलए विशेष कोर्ट के न्यायाधीश विनोद कुमार बर्नवाल ने मामले में विधायक के खिलाफ गैरजमानती वारंट पुलिस अधीक्षक अमेठी व पुलिस अधीक्षक रायबरेली को जारी किया है।