गोंडा में मनरेगा घोटाले में डिप्टी कमिश्नर समेत सात पर मुकदमा, ग्राम पंचायत अधिकारी पहले हो चुके हैं निलंबित

डीपीआरओ सभाजीत पांडेय ने ग्राम पंचायत अधिकारी अमरजीत को बीते दिनों निलंबित कर दिया था। प्रभारी एडीओ पंचायत दिलीप कुमार उपाध्याय ने मोतीगंज थाने में तत्कालीन डिप्टी कमिश्नर समेत सात के खिलाफ एफआइआर कराई है। लोकायुक्त ने मामले की जांच के आदेश दिए थे।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Wed, 21 Jul 2021 07:30 PM (IST) Updated:Wed, 21 Jul 2021 07:30 PM (IST)
गोंडा में मनरेगा घोटाले में डिप्टी कमिश्नर समेत सात पर मुकदमा, ग्राम पंचायत अधिकारी पहले हो चुके हैं निलंबित
मामला मुजेहना ब्लॉक की ग्राम पंचायत बेसहूपुर का है।

गोंडा, संवाद सूत्र। मनरेगा में बिना कार्य कराए ही 37.74 लाख रुपये भुगतान करने के मामले में तत्कालीन डिप्टी कमिश्नर मनरेगा (अब बलिया में तैनात) समेत सात के खिलाफ गबन का मुकदमा कराया गया है। इस मामले में ग्राम पंचायत अधिकारी निलंबित हो चुके हैं। मामला मुजेहना ब्लॉक की ग्राम पंचायत बेसहूपुर का है।

गांव के ही देवीप्रसाद ने विकास कार्यों में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए लोकायुक्त कार्यालय में एक दिसंबर 2020 को शिकायत दर्ज कराई थी। गो-संरक्षण केंद्र, पशु शेड, प्रधानमंत्री आवास, इंटरलॉकिंग, तालाब सुंदरीकरण की परियोजनाओं में गड़बड़ी का आरोप लगाया था। लोकायुक्त ने मामले की जांच के आदेश दिए थे। मामले की जांच के लिए सीडीओ की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय कमेटी गठित बनाई गई। जांच कमेटी ने गांव में बिना कार्य कराए ही 37.74 लाख रुपये भुगतान करने के मामले में कार्रवाई की संस्तुति की थी।

डीएम मार्कण्डेय शाही ने तत्कालीन डिप्टी कमिश्नर मनरेगा/बीडीओ मुजेहना हरिश्चंद्र राम प्रजापति, तत्कालीन अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी मनरेगा उमेश वर्मा, लेखाकार नंदश्याम, ग्राम पंचायत अधिकारी अमरजीत, तत्कालीन प्रधान सुरजीत कुमार, तकनीकी सहायक राकेश शर्मा व ग्राम रोजगार सेवक राधेश्याम के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के साथ ही एफआइआर के आदेश दिए थे। डीपीआरओ सभाजीत पांडेय ने ग्राम पंचायत अधिकारी अमरजीत को बीते दिनों निलंबित कर दिया था। प्रभारी एडीओ पंचायत दिलीप कुमार उपाध्याय ने मोतीगंज थाने में तत्कालीन डिप्टी कमिश्नर समेत सात के खिलाफ एफआइआर कराई है।

प्रशासक ने कर दिया 35.09 लाख रुपये का भुगतान

पंडरीकृपाल ग्राम पंचायत में प्रशासक ने एक माह में ही 35.09 लाख रुपये का भुगतान कर दिया। शासन स्तर पर पड़ताल में मामला पकड़ा गया। अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने जांच के आदेश दिए हैं। सीडीओ शशांक त्रिपाठी ने मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी बनाई है। इसमें उप निदेशक रेशम, अधिशासी अभियंता लोनिवि प्रांतीय खंड व वित्तीय परामर्श दाता जिला पंचायत शामिल हैं।

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