UP में किसानों पर पराली जलाने के केस वापस लेने की प्रक्रिया शुरू, 868 मामलों में आरोपपत्र दाखिल कर चुकी पुलिस
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को उत्तर प्रदेश के प्रगतिशील किसानों के साथ हुई बैठक में पराली जलाने को लेकर हुए सभी मुकदमे वापस लेने की घोषणा की थी। इसके बाद पराली जलाने के मुकदमों को वापस लिए जाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। उत्तर प्रदेश में फसलों के अवशेष (पराली) जलाने के 868 मुकदमों की वापसी की कसरत शुरू हो गई है। 37 जिलों में दर्ज इन मुकदमों में पुलिस कोर्ट में आरोपपत्र दाखिल कर चुकी है। अब संबंधित जिलों के डीएम और एसएसपी व एसपी से इन मुकदमों की वापसी को लेकर आख्या मांगी गई है। शासन जल्द मुकदमों की वापसी को लेकर अपने कदम बढ़ाएगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को उत्तर प्रदेश के प्रगतिशील किसानों के साथ हुई बैठक में पराली जलाने को लेकर हुए सभी मुकदमे वापस लेने की घोषणा की थी। इसके बाद पराली जलाने के मुकदमों को वापस लिए जाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। बताया गया कि बीते वर्षाें में 37 जिलों में दर्ज पराली जलाने के 868 मुकदमों में पुलिस आरोपितों के विरुद्ध कोर्ट में आरोपपत्र दाखिल कर चुकी है। इनमें सबसे अधिक 165 मुकदमों में खीरी पुलिस ने आरोपपत्र दाखिल किया है।
इसके अलावा महाराजगंज में दर्ज 129 व पीलीभीत में दर्ज 108 मुकदमों में आरोपपत्र दाखिल किया जा चुका है। वहीं, मेरठ के सात, शामली के 14, बिजनौर के तीन, रामपुर के 45, अमरोहा के नौ, संभल के 22, आगरा के दो, एटा के चार, कासगंज के सात, कानपुर नगर के एक, कानपुर देहात के पांच, औरैया के 25, झांसी के 30, ललितपुर के दो, हरदोई के नौ, रायबरेली के 43, उन्नाव के 31, अयोध्या के तीन, अंबेडकरनगर के 12 मुकदमों में आरोपपत्र दाखिल किए जा चुके हैं।
इसी प्रकार अमेठी के 22, कौशाम्बी के 11, प्रतापगढ़ के 14, देवरिया के 15, कुशीनगर के 13, सिद्धार्थनगर के 23, बलरामपुर के एक, चंदौसी के 27, जौनपुर के 12, मऊ के पांच, बलिया के तीन, मीरजापुर के 12, भदोही के एक, गौतमबुद्धनगर पुलिस कमिश्नरेट के 10 मुकदमों में भी आरोपपत्र दाखिल किए जा चुके हैं। इन सभी मुकदमों को लेकर डीएम व एसएसपी/एसपी से आख्या मांगी गई है।
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