UP: जिलों का नकारापन भी बढ़ा रहा राजस्व परिषद पर मुकदमों का बोझ, समय से नहीं भेजी जा रहीं नोटिस की प्रतियां

राजस्व परिषद में मुकदमों की सुनवाई के लिए राजस्व न्यायालय पोर्टल के जरिये मांग पत्र भेजने के बाद लंबा समय बीतने पर भी मंडल व जिलों की निचली अदालतों के अभिलेख परिषद को उपलब्ध नहीं कराये गए हैं। इससे भी मुकदमों की सुनवाई की तारीख बढ़ानी पड़ती है।

By Umesh TiwariEdited By: Publish:Mon, 06 Sep 2021 06:00 AM (IST) Updated:Mon, 06 Sep 2021 08:31 AM (IST)
UP: जिलों का नकारापन भी बढ़ा रहा राजस्व परिषद पर मुकदमों का बोझ, समय से नहीं भेजी जा रहीं नोटिस की प्रतियां
राजस्व परिषद में मुकदमों की नोटिस की प्रति परिषद को समय से नहीं भेजी जा रही है।

लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। राजस्व परिषद में विचाराधीन मुकदमों के पक्षकारों को तामील की गई नोटिस की प्रति परिषद को समय से नहीं भेजी जा रही है। तामीला प्रति समय से न मिल पाने के कारण यह मानते हुए कि पक्षकार को नोटिस तामील नहीं की गई, राजस्व परिषद को मुकदमों की तारीख बढ़ानी पड़ रही है। राजस्व परिषद में विचाराधीन मुकदमों की सुनवाई के लिए राजस्व न्यायालय कंप्यूटरीकृत प्रबंधन प्रणाली पोर्टल के जरिये मांग पत्र भेजने के बाद लंबा समय बीतने पर भी मंडल व जिलों की निचली अदालतों के अभिलेख परिषद को उपलब्ध नहीं कराये गए हैं। इसकी वजह से भी परिषद को मुकदमों की सुनवाई की तारीख बढ़ानी पड़ती है। इन वजहों से मुकदमों के निस्तारण में अनावश्यक विलंब होता है।

हाल ही में की गई समीक्षा में यह तथ्य उजागर होने के बाद इस समस्या से निपटने के लिए राजस्व परिषद की आयुक्त एवं सचिव मनीषा त्रिघाटिया ने सभी मंडलायुक्तों व जिलाधिकारियों को निर्देश जारी कर दिया है। गौरतलब है कि राजस्व परिषद के न्यायालयों में लगभग 42 हजार मुकदमे लंबित हैं।

भेजे गए निर्देश में जिलाधिकारियों से कहा गया है कि परिषद की ओर से तहसीलदार को सम्मन/नोटिस आनलाइन भेजने की तारीख से 45 दिन के अंदर या सुनवाई की नियत तिथि से एक सप्ताह पूर्व, जो भी पहले हो, नोटिस की तामीला प्रति परिषद को भौतिक रूप से उपलब्ध करानी होगी। इसके लिए अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) को जिले में नोडल अधिकारी नामित करने का निर्देश दिया गया है जो इस काम की पाक्षिक समीक्षा करेंगे। इस निर्देश का अनुपालन न होने पर नोडल अधिकारी की जिम्मेदारी तय की जाएगी और उसके वार्षिक मूल्यांकन में भी इसका संज्ञान लिया जाएगा।

राजस्व परिषद की ओर से सभी मंडलायुक्तों व जिलाधिकारियों को यह भी निर्देश दिया गया है कि निचली अदालतों के अभिलेख परिषद को मुहैया कराने की व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए मंडल स्तर पर अपर आयुक्त (प्रशासन) और जिला स्तर पर एडीएम (वित्त एवं राजस्व) को नोडल अधिकारी नामित किया जाए। यह भी निर्देश दिया गया है कि निचली अदालतों के अभिलेख मंगाने के लिए मांग पत्र जारी होने के अधिकतम 45 दिन में या मुकदमे की तारीख से एक हफ्ता पहले, जो भी पहले हो, नोडल अधिकारी अभिलेख परिषद को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करेंगे। नोडल अधिकारी मंडल और जिला सतर पर इसकी पाक्षिक समीक्षा करेंगे और परिषद के आदेश की अवहेलना पर संबंधित अधिकारी-कर्मचारी के खिलाफ कठोर कार्यवाही करेंगे।

समीक्षा में यह भी पाया गया है कि राजस्व परिषद की ओर से निर्णीत वादों से संबंधित निचली अदालतों के अभिलेख संबंधित मंडल और जिले की ओर से प्राप्त नहीं किये जा रहे हैं। इससे परिषद के आदेश के क्रम में सक्षम स्तर से आगे की कार्यवाही नहीं हो पा रही है।

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