बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे : छह घंटे में पूरी होगी चित्रकूट से दिल्ली की दूरी, 132 करोड़ लागत बढ़ी
राज्य सरकार के प्रवक्ता व ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने बताया कि बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे का निर्माण अक्टूबर से शुरू हो जायेगा।
लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। राज्य सरकार के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे से महज छह घंटे में ही चित्रकूट से दिल्ली की दूरी तय की जा सकेगी। आये दिन हो रहे सड़क हादसों से सबक लेते हुए योगी सरकार ने इसके निर्माण में सुरक्षा के बेहतर बंदोबस्त के लिए नये सिरे से बिड अभिलेख तैयार किया है। इसके कुल छह पैकेज होंगे जिसकी प्रक्रिया 45 दिन में पूरी कर ली जायेगी। 296 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेस-वे पर पहले 14716 करोड़ रुपये खर्च अनुमानित था, जो अब बढ़कर 14849 करोड़ हो गया है। यानी लागत में 132.83 करोड़ रुपये की वृद्धि होगी। इसका निर्माण ईपीसी (इंजीनियरिंग प्रोक्योरमेंट कंस्ट्रक्शन) पद्धति से होगा।
कैबिनेट ने मंगलवार को इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। राज्य सरकार के प्रवक्ता व ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने बताया कि बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे का निर्माण अक्टूबर से शुरू हो जायेगा। अब तक 92.5 प्रतिशत जमीन अधिगृहीत की गई है। यह एक्सप्रेस-वे चित्रकूट, बांदा, महोबा, हमीरपुर और जालौन-उरई से गुजरेगा। अपर मुख्य सचिव सूचना व गृह अवनीश कुमार अवस्थी व प्रमुख सचिव औद्योगिक विकास आरके सिंह ने इस पर विस्तार से चर्चा की। इसके लिए 29 जनवरी को प्रयागराज में संपन्न हुई कैबिनेट की बैठक में सैद्धांतिक अनुमोदन मिला था। अब डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट में बदलाव किया गया है।
रोड सेफ्टी में आये सुझावों को शामिल करते हुए इसका प्रारूप तैयार किया गया है। धन-जन की हानि रोकने के लिए ही यह कदम उठाया गया है। इसके लिए तीन माह के रिकार्ड समय में किसानों से जमीन ली गई। इसके साथ ही डिफेंस कारीडोर भी निर्मित हो रहा है। इसमें एक हजार हेक्टेयर से ज्यादा जमीन अधिगृहीत की गई है। दोनों एक-दूसरे के लिए लाभकारी होंगे। अवस्थी ने बताया कि चित्रकूट में सिर्फ एक किसान ने अभी जमीन की सहमति नहीं दी है। बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे को तीन वर्ष में पूरा किया जाना है लेकिन 30 माह में ही पूरा करने का प्रयास होगा।
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे की लागत 321 करोड़ बढ़ी
सुरक्षा के लिहाज से गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे के निर्माण में भी बदलाव होगा। ईपीसी पद्धति पर निर्माण के दोनों पैकेजों के लिए नये सिरे से बिड अभिलेख तैयार किए गए हैं। इसकी वजह से 91 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेस-वे की लागत 5555 करोड़ से बढ़कर 5876 करोड़ हो गई है। गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे के ईपीसी पद्धति पर निर्माण के दोनों पैकेजों की बिड प्रक्रिया 45 दिन में पूरी करने के प्रस्ताव को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है।
91 किलोमीटर लंबे फोर लेन ग्रीन एक्सप्रेस-वे पर बढ़ी लागत से घाघरा नदी के तेज बहाव को देखते हुए इस पर बनने वाले पुल के फाउंडेशन को और मजबूत किया जाएगा। इस एक्सप्रेस-वे के लिए जमीन अधिगृहीत किये जाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इस एक्सप्रेस-वे पर हैंडलूम, फूड प्रोसेसिंग, डेयरी और शिक्षण संस्थान स्थापित होंगे और इसके लिए निवेश आएगा। इसके लागू होने से करीब दस हजार लोगों को रोजगार मिलेगा।