प्रभु राम के बाद अब बांकेबिहारी की शरण में बसपा, वृंदावन से होगी प्रबुद्ध वर्ग गोष्ठियों की शुरुआत
अयोध्या में रामलला के दर्शन से शुरुआत के बाद पूर्वी उत्तर प्रदेश के कई जिलों में प्रबुद्ध वर्ग विचार गोष्ठियां कर चुके सतीशचंद्र मिश्र अब पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बांकेबिहारी की शरण में पहुंचने वाले हैं। अगले चरण की गोष्ठियों की शुरुआत वह 31 जुलाई को वृंदावन से करेंगे।
लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। बहुजन समाज पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सतीशचंद्र मिश्रा अकेले ही उत्तर प्रदेश भर के ब्राह्मणों को साधने निकल पड़े हैं। अयोध्या में रामलला के दर्शन से शुरुआत के बाद पूर्वी उत्तर प्रदेश के कई जिलों में प्रबुद्ध वर्ग विचार गोष्ठियां कर चुके सतीशचंद्र मिश्र अब पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बांकेबिहारी की शरण में पहुंचने वाले हैं। अगले चरण की गोष्ठियों की शुरुआत वह 31 जुलाई को वृंदावन से करेंगे।
विधानसभा चुनाव जीतने के प्रयास में बहुजन समाज पार्टी 2007 की तरह फिर से सोशल इंजीनियरिंग का दांव चलना चाहती है। दलित वोट बैंक में सेंध और मुस्लिमों पर तुलनात्मक रूप से पकड़ कमजोर महसूस कर रही बसपा ब्राह्मणों को साथ जोड़कर दलित और मुस्लिमों को अपनी मजबूती का अहसास दिलाना चाहती है। ब्राह्मणों को अपने पाले में खींच लाने का जिम्मा बसपा प्रमुख मायावती ने राष्ट्रीय महासचिव व सांसद सतीशचंद्र मिश्रा को सौंपा है। वह प्रदेश भर में प्रबुद्ध वर्ग विचार गोष्ठी के माध्यम से ब्राह्मणों का संदेश दे रहे हैं कि इस वर्ग का वर्तमान सरकार उत्पीड़न कर रही है, जबकि बसपा की सरकार ने मान-सम्मान की रक्षा की।
बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीशचंद्र मिश्रा ने साथ-साथ हिंदुत्व का कार्ड खेलने के लिए मंदिर-मंदिर माथा टेकना भी शुरू कर दिया है। पिछले दिनों अयोध्या में रामलला और हनुमान गढ़ी के दर्शन कर गोष्ठियों की शुरुआत की। पूर्वी उत्तर प्रदेश के कुछ जिलों के बाद अब वह पश्चिमी उत्तर प्रदेश का रुख कर रहे हैं। अगले चरण के निर्धारित कार्यक्रमों के अनुसार, मिश्रा 31 जुलाई को वृंदावन में गोष्ठी करेंगे, इसके बाद अलग-अलग जिलों में नौ गोष्ठियां करेंगे। उल्लेखनीय है कि 23 जुलाई को अयोध्या से शुरुआत कर पहले चरण में बुधवार तक मिश्रा छह गोष्ठियां कर चुके हैं। गुरुवार को सुल्तानपुर के बाद कुल संख्या सात हो जाएगी। यह रहेगा कार्यक्रम 31 जुलाई : वृंदावन एक अगस्त : आगरा और फीरोजाबाद दो अगस्त : कासगंज और एटा तीन अगस्त : अलीगढ़ और हाथरस चार अगस्त : शाहजहांपुर और बरेली