बसपा मुखिया मायावती बोलीं- सरकार आने पर बदले की भावना से नहीं रोकेंगे सरकारी योजनाएं

BSP Supremo Mayawati कांशीराम की पुण्य तिथि पर श्रद्धांजलि कार्यक्रम से शनिवार को मायावती ने प्रदेश में औपचारिक रूप से अपना चुनावी अभियान भी शुरू कर दिया है। मायावती ने कहा कि उत्तर प्रदेश की जनता अब बसपा शासन को याद कर रही है।

By Dharmendra PandeyEdited By: Publish:Sat, 09 Oct 2021 11:26 AM (IST) Updated:Sun, 10 Oct 2021 07:00 AM (IST)
बसपा मुखिया मायावती बोलीं- सरकार आने पर बदले की भावना से नहीं रोकेंगे सरकारी योजनाएं
श्रद्धांजलि कार्यक्रम में बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री मायावती

लखनऊ, जेएनएन। पार्टी संस्थापक कांशीराम की पुण्यतिथि पर प्रदेश भर से कार्यकर्ता-समर्थकों की भीड़ जुटाकर बसपा प्रमुख मायावती ने न सिर्फ इशारों में, बल्कि स्पष्ट शब्दों ने संदेश दे दिया कि उन्हें कम आंकने वाले समझ जाएं कि बसपा में कितनी ताकत है? उत्साहित मायावती के शब्द प्रतिद्वंद्वी दलों पर बरस रहे थे। वहीं, एक हाथ बेस वोट दलितों पर तो दूसरा हाथ सर्वसमाज को समेटने में प्रयासरत दिखा। यह सोशल इंजीनियरि‍ंग के तहत ही दांव था कि पूर्व मुख्यमंत्री ने यह कहने में संकोच नहीं किया कि सरकार बनने पर वह अयोध्या, वाराणसी और मथुरा में चल रहे विकास कार्य रोकेंगी नहीं, उन्हें पूरा कराएंगी। हालांकि, अपना मुख्य चुनावी मुद्दा गरीब-बेरोजगारी की रोजी-रोटी की व्यवस्था को ही बताया।

कांशीराम की पुण्यतिथि पर शनिवार को कांशीराम स्मारक स्थल पर आयोजित श्रद्धांजलि कार्यक्रम में मायावती ने आव्हान पर प्रदेश भर से उनके समर्थकों की अच्‍छी-खासी भीड़ उमड़ पड़ी। अपने समर्थकों के सामने पूर्व मुख्यमंत्री ने सबसे माहौल को ही स्पष्ट करने का प्रयास किया। बोलीं कि चुनाव आयोग को किसी भी राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव के छह महीने पहले होने सर्वे पर पूर्णत: रोक लगानी चाहिए। ऐसा करके सत्तारूढ़ दल के पक्ष में माहौल बनाया जाता है। इस संबंध में वह आयोग को पत्र भी लिखेंगी। उन्होंने कहा कि कुछ छोटी पार्टियां अकेले या गठबंधन में रहकर केवल पर्दे के पीछे से सत्ताधारी दल को लाभ पहुंचाने की जुगत में हैं। उनसे सावधान रहना है। बिना नाम लिए सपा पर निशाना साधते हुए कहा कि एक पार्टी ऐसी है, जो स्वार्थी और टिकटार्थियों को शामिल कर अपना कुनबा बढ़ा रही है। वहीं, कुछ लोग बसपा को कमजोर दिखाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन इस भीड़ को देखकर सभी को यह समझ जाना चाहिए कि बसपा में कितनी ताकत है। समर्थकों को समझाया कि सर्वे के चक्कर में नहीं पडऩा है। बंगाल में जो सर्वे आया था, उसके उलट चुनाव परिणाम आया और ममता बनर्जी की सरकार बन गई।

अब सरकार बनने पर नए तौर-तरीकों से काम करने की बात पहले भी कह चुकीं बसपा प्रमुख ने दोहराया कि 2022 में अगर बसपा की सरकार बनी तो बदले की भावना से केंद्र व राज्य सरकार की योजनाओं को रोका नहीं जाएगा, बल्कि उन्हें समय से पूरा करवाया जाएगा। कहा कि वह कोई घोषणा पत्र जारी नहीं कर रही हैं, लेकिन सरकार बनी तो अयोध्या, वाराणसी और मथुरा में बसपा की तर्ज पर भाजपा द्वारा शुरू कराए गए विकास कार्यों को रोकेंगे नहीं, बल्कि पूरा करेंगे। चाहे सड़क निर्माण हो या पुल निर्माण, पहले पुराने कामों को ठीक किया जाएगा। सचेत किया कि विपक्षी दल हि‍ंदू-मुस्लिम सांप्रदायिक रंग देकर राजनीतिक फायदा उठाने का प्रयास करेंगे, लेकिन इससे सजग रहना है। अयोध्या-काशी का जिक्र कर चुकीं मायावती के दिमाग में मुस्लिम मतदाता भी था। बोलीं कि हम सत्ता में आए तो गरीब और मजदूरों के अलावा ब्राह्मणों व मुस्लिमों की सुरक्षा और सम्मान का पूरा ख्याल रखेंगे।

लखीमपुर खीरी कांड किसानों पर उत्पीडऩ का उदाहरण : बसपा मुखिया लखीमपुर खीरी कांड का जिक्र करना नहीं भूलीं। कहा कि अब सरकार में आंदोलित किसानों पर जुल्म इतना बढ़ गया है कि अति हो गई है। लखीमपुर खीरी इसका प्रत्यक्ष उदाहरण है। उन्होंने कहा कि भाजपा, सपा, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी वोट के लिए जनता से वादे कर रही हैं, जो हवा हवाई है। कांग्रेस और भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि कोरोना काल में दोनों ने मजदूरों को पलायन करने पर मजबूर कर दिया। केजरीवाल भी कम नहीं निकले और उन्होंने मजदूरों के लिए कोई व्यवस्था नहीं की। अब बिजली-पानी फ्री देने की बात कहकर यूपी में पांव जमाने की कोशिश में हैं और यह बात बिल्कुल झूठी है।

21 अक्टूबर से बूथ पर चुनाव अभियान : कांशीराम को भारत रत्न देने की मांग दोहराने के साथ ही मायावती ने कार्यकर्ताओं से कहा कि 21 अक्टूबर से हर विधानसभा क्षेत्र में युद्ध स्तर पर पोलि‍ंग बूथों तक चुनावी अभियान शुरू कर दें। उत्तराखंड व पंजाब में भी उत्तर प्रदेश की तरह ही तैयारियां की जानी हैं।

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