BSP मुखिया मायावती का कांग्रेस पर बड़ा हमला, बोलीं- कांग्रेस को सिर्फ मुश्किल में याद आते हैं दलित
BSP Chief Mayawati Fires On Congress बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने मीडिया से वार्ता में कहा कि विधानसभा चुनाव के समय पंजाब में मुख्यमंत्री बदलना कांग्रेस का चुनावी हथकंडा है।
लखनऊ, जेएनएन। पंजाब में दलित वर्ग के चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री बनाकर कांग्रेस ने अपनी रणनीति के हिसाब से अहम दांव चला है। इस कदम के सहारे कांग्रेस 2022 के विधानसभा चुनाव में पंजाब के साथ ही उत्तर प्रदेश में भी दलित वर्ग के करीब जाना चाहेगी, जिसे यकीनन बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने अच्छे से भांप लिया है। उन्होंने चन्नी को बधाई तो दी है, लेकिन उनका गुस्सा बाहर आ गया। उन्होंने कहा कि यह कांग्रेस का चुनावी हथकंडा है, जिसके बहकावे में दलित वर्ग कतई नहीं आने वाला।
बसपा प्रमुख मायावती ने सोमवार को जारी बयान में कहा कि बेहतर होता यदि कांग्रेस पहले ही चन्नी को पूरे पांच वर्ष के लिए मुख्यमंत्री बना देती। कुछ ही समय के लिए इन्हें पंजाब का मुख्यमंत्री बनाना कोरा चुनावी हथकंडा है। उन्होंने कहा कि मीडिया से पता चला है कि पंजाब में आगामी विधानसभा चुनाव चन्नी के नेतृत्व में नहीं, बल्कि गैर-दलित के नेतृत्व में ही लड़ा जाएगा, जिससे भी यह साफ जाहिर होता है कि कांग्रेस का दलितों पर भी अभी तक पूरा भरोसा नहीं जमा है। इनके इस दोहरे चाल-चरित्र व चेहरे आदि से वहां के खासकर दलित वर्ग के लोग जरूर सतर्क रहेंगे।
मायावती ने कहा कि कांग्रेस वहां अकाली दल व बसपा के गठबंधन से काफी ज्यादा घबराई हुई है। वैसे सच्चाई यह है कि इनको व अन्य विरोधी पार्टियों को भी मुसीबत में या फिर मजबूरी में ही दलित वर्ग के लोग याद आते हैं। उन्होंने इसके सहारे भाजपा पर भी निशाना साधा। कहा कि यूपी विधानसभा चुनाव के कुछ समय पहले यहां भाजपा का भी अन्य पिछड़ा वर्ग के प्रति उभरा नया-नया प्रेम दिखावटी और हवा-हवाई है। यह सही और सार्थक होता तो भाजपा केंद्र व अपने शासित राज्यों में सरकारी नौकरियों में अनुसूचति जाति और जनजाति का बैकलाग जरूर भर देती। साथ ही जातीय जनगणना की मांग भी स्वीकार कर लेती।
...तो आंबेडकर को संविधान निर्माण में शामिल न करते नेहरू : कांग्रेस के प्रति बसपा प्रमुख मायावती की नाराजगी इस हद तक सामने आई कि उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू पर भी टिप्पणी कर दी। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद संविधान बनने की प्रक्रिया शुरू हो गई थी। तब यदि कांग्रेस के पंडित जवाहरलाल नेहरू एंड कंपनी के पास बाबा साहेब डा. भीमराव आंबेडकर से ज्यादा काबिल कोई व्यक्ति होता तो वे आंबेडकर को किसी भी कीमत पर संविधान निर्माण में शामिल नहीं करते।