बसपा प्रमुख मायावती की मांग, न्यूनतम समर्थन मूल्य के लिए बने कानून और किसानों पर दर्ज केस लिए जाएं वापस
बसपा अध्यक्ष मायावती ने कहा कि किसानों को बारे में सरकार को कुछ और ठोस फैसले जरूरी हैं। उन्होंने कहा कि किसानों की उपज का न्यूनतम समर्थन मूल्य सुनिश्चित करने के लिए नया कानून बनाने और आंदोलित किसानों पर दर्ज बाकी सभी मुकदमों को वापस लेने की मांग की है।
लखनऊ, जेएनएन। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने किसानों की उपज का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) सुनिश्चित करने के लिए नया कानून बनाने और किसानों पर दर्ज मुकदमों को वापस लेने की मांग की है। उन्होंने शनिवार को ट्वीट कर कहा कि किसानों ने कांग्रेस की इंदिरा गांधी सरकार के अहंकार व तानाशाही वाले रवैये को काफी झेला है। अब पूर्व की तरह स्थिति देश में दोबारा नहीं होनी चाहिए।
बसपा प्रमुख मायावती ने शनिवार को ट्वीट कर कहा कि 'देश में तीव्र आंदोलन के बाद तीन विवादित कृषि कानूनों की वापसी की केंद्र सरकार की घोषणा का देर आए दुरुस्त आए यह कहकर स्वागत किया गया, किंतु इसे चुनावी स्वार्थ व मजबूरी का फैसला बताकर भाजपा सरकार की नीयत पर भी शक किया जा रहा है। इसलिए इस बारे में कुछ और ठोस फैसले जरूरी हैं।'
1. देश में तीव्र आन्दोलन के बाद तीन विवादित कृषि कानूनों की वापसी की केन्द्र सरकार की घोषणा का देर आए दुरुस्त आए यह कहकर स्वागत किया गया, किन्तु इसे चुनावी स्वार्थ व मजबूरी का फैसला बताकर भाजपा सरकार की नीयत पर भी शक किया जा रहा है। अतः इस बारे में कुछ और ठोस फैसले जरूरी।
— Mayawati (@Mayawati) November 20, 2021
बसपा चीफ मायावती ने अपने ट्वीट में आगे कहा कि 'इसके लिए केंद्र किसानों की उपज का न्यूनतम समर्थन मूल्य सुनिश्चित करने के लिए नया कानून बनाने तथा देश की आन, बान व शान से जुड़े अति गंभीर मामलों को छोड़कर आंदोलित किसानों पर दर्ज बाकी सभी मुकदमों की वापसी आदि भी सुनिश्चित करे, तो यह उचित होगा।'
2. इसके लिए किसानों की उपज का न्यूनतम समर्थन मूल्य सुनिश्चित करने के लिए नया कानून बनाना तथा देश की आन, बान व शान से जुड़े अति गम्भीर मामलों को छोड़कर आन्दोलित किसानों पर दर्ज बाकी सभी मुकदमों की वापसी आदि करना भी केन्द्र सुनिश्चित करे तो यह उचित होगा।
— Mayawati (@Mayawati) November 20, 2021
बसपा अध्यक्ष मायावती ने कहा कि 'वैसे पूर्व में देश ने खासकर कांग्रेस पार्टी की इंदिरा गांधी की सरकार के अहंकार एवं तानाशाही वाले रवैये को काफी झेला है, लेकिन अब देश को उम्मीद है कि पूर्व की तरह वैसी स्थिति दोबारा उत्पन्न न हो।'
3. वैसे पूर्व में देश ने खासकर कांग्रेस पार्टी की श्रीमती इन्दिरा गांधी की रही सरकार के अहंकार एवं तानाशाही वाले रवैये आदि को काफी झेला है, किन्तु अब पूर्व की तरह वैसी स्थिति देश में दोबारा उत्पन्न नहीं हो, ऐसी देश को आशा है।
— Mayawati (@Mayawati) November 20, 2021
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पिछले करीब एक वर्ष से अधिक समय से विवादों में घिरे तीन कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की शुक्रवार को घोषणा की थी। जिसके बाद मायावती ने देश के किसानों को बधाई व शुभकामनाएं दी थी। उन्होंने कहा कि ये देर से लिया गया सही फैसला है। उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की है कि इस आंदोलन के दौरान जो किसान शहीद हो गए हैं उनके परिवार को उचित आर्थिक मदद दे व उनके परिवार में से किसी सदस्य को सरकारी नौकरी दें। यह भी कहा कि जब सरकार ने तीन कृषि कानून वापस ले लिए हैं तो तो हमारी पार्टी की इस मांग को भी स्वीकार कर लेना चाहिए।