बाराबंकी में भाई ने बहन को सरयू नदी में फेंका, 15 किमी बहती रही युवती; ग्रामीणों ने बचाई जान

बाराबंकी में संपत्ति की लालच में भाई ने अपनी बहन को सरयू नदी में फेंक दिया लेकिन छह घंटे तक मौत से जंग लड़ती हुई युवती 15 किमी दूर तक पहुंची जिसे कुछ लोगों ने सुरक्षित बाहर निकाल लिया। पुलिस ने युवती के परिवारजन को सूचना देकर बुलाया है।

By Rafiya NazEdited By: Publish:Sat, 31 Jul 2021 01:37 PM (IST) Updated:Sat, 31 Jul 2021 02:22 PM (IST)
बाराबंकी में भाई ने बहन को सरयू नदी में फेंका, 15 किमी बहती रही युवती; ग्रामीणों ने बचाई जान
बाराबंकी में संपत्ति के लिए भाई ने बहन को सरयू नदी में फेंका।

बाराबंकी, संवादसूत्र। संपत्ति के लालच में भाई ने अपनी बहन को सरयू नदी में फेंक दिया। छह घंटे तक मौत से जंग लड़ते हुई युवती 15 किमी दूर तक पहुंची, जिसे कुछ लोगों ने सुरक्षित बाहर निकाल लिया। युवती श्रावस्ती जिले की रहने वाली है। युवती ने पुलिस से अपने भाई पर हत्या की कोशिश का आरोप लगाया है। पुलिस ने युवती के परिवारजन को सूचना देकर बुलाया है।

श्रावस्ती जिले के भिनगा थाना क्षेत्र के लक्ष्मणपुर इटोरिया गांव की गुलस्पा बानो (18) पुत्री स्व. मोहम्मद हफीज ने बताया कि शुक्रवार तीन बजे उसका भाई मो. कासिम पीठ में चोट की दवा दिलाने ले गया था। उसके साथ कार में भाभी सीबा, छोटी बहन तहसीन और चालक भूरे सवार थे। लखनऊ पहुंचने पर डॉक्टर के न होने की बात बताकर वापस आ रहे थे। रात करीब 12 बजे घाघरा घाट के संजय सेतु पर कर रोकी और बताया कि टायर पंक्चर हो गया है। वह लोग बाहर उतर कर खड़े हो गए। आरोप है कि वह नदी की तरफ रेलिंग पकड़े खड़ी तभी उसके भाई ने चालक की मदद से उसे उठाकर सरयू नदी में फेंक दिया।

जाको राखे साइंया मार सके न कोए: पीड़िता ने बताया कि उसे रात 12 बजे उसके भाई ने नदी में फेंका था। सुबह छह बजे तेलवानी गांव के लोगों ने उसे सुरक्षित बाहर निकाल लिया। इस छह घंटे के दौरान गुलस्पा 15 किलोमीटर नदी में बहती हुई पहुंची थी। झाड़ियों और किनारा पकड़ते पकड़ते गुलस्पा के कुछ कपड़े पानी के तेज बहाव में निकल गए। युवती को बहता देख तेलवानी गांव के अरविंद, दउयराज, पूरनजीत और राम विलास ने नाव से जाकर उसे निकाला। ग्रामीणों ने युवती को कपड़े दिए। उसे जीवित देख कर सभी केवल यही बोल रहे थे कि जाको राखे साइंया मार सके न कोए।

संपति की लालच में हत्या की कोशिश: गुलस्पा ने बताया कि उसके करीब डेढ़ साल पूर्व पिता मो. हफीज की बीमारी के चलते मौत हो गई थी, जबकि मां बचपन में मर गई थीं। पिता की करीब आठ बीघा जमीन, बाजार में दुकान, और दो मकान हैं। पिटक के मौत के बाद यह संपत्ति छोटी बहन तहसीन और भाई के नाम वरासत हो गई थी। दो बहनों की शादी हो चुकी है। संपत्ति की लालच में मुझे मारने की कोशिश की है। कोतवाल नारद मुनि सिंह का कहना है कि युवती के परिवारजन को सूचना दी गई है। उनके आने के बाद सही स्थिति का पता चल सकेगा।

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