लखनऊ में दिव्यांग बहन की हत्‍याकर पड़‍ाेस‍ियों को फंसाया, अपने जाल में उलझा युवक; ऐसे खुला राज

पुलिस उपायुक्त दक्षिणी रवि कुमार ने बताया कि रेखा मानसिक मंदित थी और उसे दिखाई भी नहीं देता था। प्रदीप ही उसकी परवरिश करता था। बीते हफ्ते प्रदीप ने बर्तन नहीं धुले थे। इस पर रेखा ने उसे गाली दी। इसी के बाद प्रदीप ने हत्या की योजना बना डाली।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Tue, 19 Jan 2021 06:38 PM (IST) Updated:Tue, 19 Jan 2021 06:38 PM (IST)
लखनऊ में दिव्यांग बहन की हत्‍याकर पड़‍ाेस‍ियों को फंसाया, अपने जाल में उलझा युवक; ऐसे खुला राज
गोसाईगंज में अमेठी कस्बे के शहजादपुर गांव में दिव्यांग युवती की हत्या में भाई गिरफ्तार।

लखनऊ, जेएनएन। गोसाईगंज के अमेठी कस्बे के शहजादपुर गांव में बीते 17 जनवरी को हुई दिव्यांग रेखा की हत्या के मामले में पुलिस ने उसके बड़े भाई प्रदीप अवस्थी को गिरफ्तार कर मंगलवार को घटना का राजफाश कर दिया। दिव्यांग बहन का भरण पोषण न कर पाने और उसकी गाली से आक्रोशित होकर प्रदीप ने गला रेत कर हत्या कर दी थी। प्रदीप, रुपयों और प्रापर्टी के विवाद में दो अन्य लोगों पर हत्या का आरोप लगाया था पर वह अपने ही बुने जाल में अंत में फंस गया।

पुलिस उपायुक्त दक्षिणी रवि कुमार ने बताया कि रेखा मानसिक मंदित थी और उसे दिखाई भी नहीं देता था। प्रदीप ही उसकी परवरिश करता था। बीते हफ्ते प्रदीप ने बर्तन नहीं धुले थे। इस पर रेखा ने उसे गाली दी। इसी के बाद प्रदीप ने रेखा की हत्या की योजना बना डाली। प्रदीप रेखा को बहाने से बाग में ले गया और वहां जाकर गला रेत कर उसकी हत्या कर दी थी। इसके बाद घर गया और सारे कपड़े उतार कर उसने बाहर कहीं फेंक दिया था।

पूछताछ में अपने ही जाल में फंस गया प्रदीप

इंस्पेक्टर गोसाईगंज ब्रजेश सिंह ने बताया कि वारदात के बाद प्रदीप ने डॉ. सलमान और उनके अधिवक्ता भाई खुर्शीद पर हत्या का आरोप लगाया था। क्योंकि प्रदीप नशे और जुए का लती है। इस कारण सलमान और खुर्शीद ने कई बार उसे डांटा था। इसके अलावा प्रदीप उन्हें हत्या के मामले में फंसाकर रुपये भी वसूलना चाहता था। इस कारण प्रदीप ने हत्या के बाद पुलिस में दोनों के नाम से तहरीर दी थी। प्रदीप ने बताया था कि उसने गुडंबा में एक प्लाट बेचा था जिसका 84 लाख रुपया सलमान व खुर्शीद के घर रखा था। वही पैसा मांगने पर दोनों ने धमकी दिया और बहन की हत्या कर दी।

ऐसे खुला राज 

प्रदीप से पूछा गया कि किस दिन प्लाट की रजिस्ट्री कराई तो उसने बताया कि 10 जनवरी को। 10 जनवरी को रविवार था इसलिए रजिस्ट्री नहीं हो सकती है। उसके तथ्यों में विरोधाभास था। पुलिस का शक गहरा गया। प्लाट की लोकेशन के बारे में जानकारी की गई तो जिस प्लाट की बिक्री के बारे में प्रदीप ने बताया था वहां उसका कोई प्लाट ही नहीं था। डॉ. सलमान और उनके अधिवक्ता भाई की लोकेशन ट्रेस की गई तो वह मेदांता हॉस्पिटल मिली। इसके बाद कड़ाई से प्रदीप से पूछताछ की गई तो उसने हत्या करना स्वीकार किया। 

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